श्रीहरिकोटा: इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने बुधवार को जीएसएलवी-एफ 15 मिशन के सफल प्रक्षेपण के साथ 100वें प्रक्षेपण की उपलब्धि हासिल करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पीएम ने 20-40 वर्षों का विजन दिया है.
एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक नेतृत्व का पूरा समर्थन प्राप्त है. वी नारायणन ने कहा, 'हम पुरानी साइकिलों और बैलगाड़ियों पर रॉकेट और उपग्रह ले जाने से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं. आज हमारे पास एक जीवंत और सम्मानित अंतरिक्ष संगठन हैं. यह किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि विक्रम साराभाई से लेकर सतीश धवन तक के नेताओं की एक पीढ़ी द्वारा रचा गया है.'
#WATCH | Sriharikota, Andhra Pradesh | On the launch of the 100th mission GSLV-F15 with NVS-02 Satellite, ISRO chairman Dr V Narayanan says," ...there is a generation of leaders from vikram sarabhai to former chairman somanath, i appreciate the effort put in by all the isro former… pic.twitter.com/VwB9dINc7k
— ANI (@ANI) January 29, 2025
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने 2040 तक हमें क्या करना है, इसके लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण दिया है. अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार उनके दिमाग की उपज है. यह केवल दृष्टिकोण ही नहीं है, बल्कि परियोजना की स्वीकृति भी है. हमें राजनीतिक नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है. इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सुबह 6:23 बजे एनवीएस-02 को ले जाने वाले अपने जीएसएलवी-एफ 15 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया.
#WATCH | Sriharikota, Andhra Pradesh | On the launch of the 100th mission GSLV-F15 with NVS-02 Satellite, Mission Director Thomas Kurian says, " if you look gslv, its total number of missions was only 17 but later in, it became the candidate for the 100th mission of isro. since it… pic.twitter.com/mlnzbOc5uU
— ANI (@ANI) January 29, 2025
यह स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ जीएसएलवी की 8वीं परिचालन उड़ान है. इसरो ने एक बयान में कहा कि स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ जीएसएलवी-एफ15 एनवीएस-02 उपग्रह को भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा में स्थापित करेगा.
इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि 100वां प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इस अवसर पर इसरो प्रमुख ने कहा कि यह बेहद खुशी का क्षण है. साल का पहला प्रक्षेपण सफल रहा. जीएसएलवी-एफ15 प्रक्षेपण यान ने नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 को सटीकता से कक्षा में स्थापित कर दिया है. यह मिशन हमारे प्रक्षेपण केंद्रों से 100वां प्रक्षेपण है जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.'
उन्होंने कहा, 'हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम की परिकल्पना और शुरुआत दूरदर्शी नेता विक्रम साराभाई ने की थी और इसे नेताओं की एक पीढ़ी ने आगे बढ़ाया. आज तक हमने प्रक्षेपण वाहनों की छह पीढ़ियां विकसित की हैं. पहला प्रक्षेपण वाहन 1979 में सतीश धवन के मार्गदर्शन में विकसित किया गया था, जब एपीजे अब्दुल कलाम परियोजना निदेशक थे. तब से लेकर आज तक आज के प्रक्षेपण सहित हमने 100 प्रक्षेपण पूरे कर लिए हैं.'