पटना: सारण के निर्दलीय विधान पार्षद सच्चिदानंद राय की ओर से दायर अर्जी को समय के पूर्व दायर की गई याचिका कह कर उसे पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने विधान पार्षद सच्चिदानंद राय की याचिका पर सुनवाई की.
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सच्चिदानंद राय की याचिका खारिज: कोर्ट का मानना था कि जब उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कि गई है, तो फिर कोर्ट भविष्य में कोई निर्णय लिया जायेगा, इस पर कोर्ट कोई निर्णय नहीं दे सकता है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भविष्य में होने वाले कोई निर्णय व आदेश को लेकर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है.
कोर्ट ने समय पूर्व दायर अर्जी को खारिज किया: याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव और रौशन ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया. वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्षों को रखा. विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने अपना राजनीतिक दल गठित किये जाने पर उनकी सदस्यता समाप्त होने को लेकर ये याचिका दायर की थी.
राजनीतिक पार्टी बनाने वाली याचिका खारिज: उन्होंने अपनी याचिका में ये तर्क दिया कि निर्दलीय विधान पार्षद अपना राजनीतिक दल का गठन करते हैं, तो वह दल बदल कानून के दायरे में आएंगे या नहीं. उन्होंने सूचना के अधिकार के अंतर्गत चुनाव आयोग से जानकारी मांगी थी कि यदि वे अपना दल गठित करते है,तो क्या उनकी विधान परिषद पार्षद के पद को छोड़ना होगा.
जानकारी सूचना के अधिकार के तहत: चुनाव आयोग ने इस मामले को वापस करते हुए कहा कि यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत नहीं आता. ऐसे में इस बारे में कोई सूचना नहीं दी जा सकती. बिहार विधान परिषद के सभापति से जानकारी मांगी. सभापति ने एडवोकेट जनरल से कानूनी जानकारी मांगी. वहीं कोर्ट ने इस याचिका को समय पूर्व दायर याचिका करार देते हुए खारिज कर दिया.