पटना: बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि बिहार में जातीय गणना की तर्ज पर जाति जनगणना पूरे देश में करवाने की मांग हम लोगों ने किया था. उसको लेकर प्रतिनिधि मंडल भी प्रधानमंत्री से मुलाकात किया था. केंद्र ने जब हमारी मांग को खारिज किया तो बिहार सरकार ने अपने खर्चे पर इसको कराने का निर्णय लिया. अभी जातीय गणना बिहार में हो रही है और इसकी मांग अब पूरे देश में हो रही है. सभी राज्य की निगाह अब बिहार की जातीय गणना पर है. उन्होंने कहा कि देश की जनता जानती है कि इससे काफी फायदे हैं.
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''बिहार सरकार ने जो काम जातीय जनगणना पर शुरू किया है उसमें कई सरकारें रुचि दिखा रही हैं. पूरे देश में लोग इसे समझ रहे हैं. सभी इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं. 2021 की जनगणना ही जाति आधारित हो. हम लोगों की यही मांग रही है. हम लोग अपने खर्च से जातीय जनगणना बिहार में करा रहे हैं''- विजय चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार
जातीय जनगणना के लिए कई राज्य दिखा रहे रुचि: विजय चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी जो मांग कर रहे हैं वो अलग है. वो पुराने डाटा को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. हमलोग पूरे देश में जातीय गणना कराने की मांग किए थे. केंद्र सरकार ने यह भी बोला था कि राज्य अपने खर्चे पर करवाना चाहे तो करवा ले, तो मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ये फैसला लिया गया है. जातीय गणना अपने खर्चे पर बिहार करा रही है. विजय चौधरी ने आगे कहा की हम मांग कर रहे हैं कि अगली जनगणना जो हो, उसमें जातीय आधार पर गणना करनी चाहिए. जिससे कि पूरे देश के किस जाति, धर्म के लोगों की कितनी आबादी है? ये पता लग सके. जो देश के लिए जरूरी है.
215 जातियों का कोड जारी: बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना के दूसरे चरण चल रहा है जो कि 15 मई तक चलेगा. बिहार में 215 जातियों का कोड भी जारी किया जा चुका है. कोड के आधार पर जनगणना होगी. जब जनगणना अधिकारी घरों पर दस्तक देंगे तो सभी को उसी कोड नंबर के आधार पर ही जाति की जनगणना करानी होगी.