पटना: बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Minister Shravan Kumar) ने जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर अपना बयान दिया है. मंत्री ने कहा है कि जातीय जनगणना बहुत जरूरी है. इससे समाज के सभी वर्ग और जाति की संख्या का पता चलेगा. उन्होंने कहा कि हम लोग केंद्र सरकार से लगातार इसकी मांग कर रहे हैं.
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ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जो लोग आज गरीबों की गणना करने की बात कर रहे हैं वो भी एक ही बात है. उन्होंने कहा कि जब जातीय जनगणना होती है तो आर्थिक गणना भी होती है. जिससे सब कुछ स्पष्ट हो जाता है. मंत्री ने कहा कि 2011 में इस तरह की जनगणना की गई थी लेकिन जातीय जनगणना के आंकड़े सामने नहीं लाये गये.
मंत्री ने कहा कि उसी जनगणना के आधार पर आर्थिक स्थिति को मानते हुए बिहार सरकार आज भी गरीबों को फ्री राशन और योजनाओं का लाभ दे रही है. उन्होंने कहा कि विपक्ष जातीय जनगणना पर सिर्फ राजीनीति कर रही है. उन्हें समाज के किसी भी जाति के लोगों के आर्थिक स्थिति से कोई लेना देना नहीं है लेकिन हमारा उद्देश्य है कि जातीय जनगणना हो. जिससे सभी वर्ग और जाति के लोगों की संख्या के साथ-साथ आर्थिक स्थिति का पता लगे और उसे सरकारी सहायता पहुंचाया जा सके.
गौरतलब है कि बिहार एनडीए में जातीय जनगणना को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही है. सीएम नीतीश कुमार पहले जनसंख्या नियंत्रण और अब जातीय जनगणना को लेकर मुखर दिख रहे हैं. वहीं, बीजेपी ने भी अपने इरादे साफ कर दिए है. जदयू के नेता लगातार कह रहे हैं कि जातीय जनगणना एक बार होना जरूरी है. इससे विकास योजना को तैयार करने में मदद मिलेगी. लेकिन, बीजेपी का कहना है कि जनगणना आर्थिक आधार पर होनी चाहिए.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे को इसलिए भी छोड़ना नहीं चाहते हैं, क्योंकि ओबीसी बिहार चुनाव में हार जीत का फैसला करता है और राजद की नजर भी ओबीसी पर है इसिलिए जनसंख्या नियंत्रण से लेकर जातीय जनगणना तक में जदयू और बीजेपी दोनों आमने-सामने दिख रहे हैं.