पटना: बिहार की अदालतों में बड़े पैमाने पर शराबबंदी से जुड़े मामले लंबित हैं. इसपर पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने मुख्य सचिव को उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा है. हाई कोर्ट की फटकार और चिंता के बाद मंत्री बचाव में बयान देते नजर आ रहे हैं.
बिहार सरकार के विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने सफाई देते हुए कहा कि सामान्य प्रशासन कई विभागों के साथ बैठक कर इस मामले पर गंभीरता से काम कर रहा है. जल्द ही निपटारा होगा. सरकारी तंत्र समस्याओं को लेकर चिंतित है. वहीं, श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा ने कहा है कि ऐसे कुछ मामलों का निष्पादन थाना स्तर पर ही किया जाना चाहिए. लेकिन, जागरुकता की कमी है .
पटना हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
बता दें कि राज्य की अदालतों में बड़े पैमाने पर शराबबन्दी के लंबित मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को यह बताने को कहा कि इन मामलों के निपटारे के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट ने जानना चाहा कि शराबबन्दी के मामले को निपटाने के जजों, कोर्ट व बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए क्या कार्रवाई हो रही है.
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अगली सुनवाई 4 दिसंबर को
हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई 4 दिसंबर को तय की है. बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से 2,00,000 मामले पूरे राज्य की अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित हो गए हैं. इस कारण कोर्ट भी परेशान है. इसी चिंता को लेकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शुक्रवार को सरकार को फटकार लगाई.