पटनाः बिहार में जितने पर्व-त्योहार आते हैं, उसमें राजनीतिक बयानबाजी (Politics Over Iftar And Falahar In Bihar) होती रही है. चाहे वह रोजा का इफ्तार हो या दशहरा का फलाहार, जब तक बिहार के नेता इसको लेकर राजनीति नहीं करेंगे, उनका खाना हजम नहीं होगा. एक बार फिर इस तरह का मामला तूल पकड़ लिया है. नवरात्रि के मौके पर शिक्षकों की ट्रेनिंग और छुट्टी में कटौरी पर गिरिराज सिंह ने सरकार को घेरा तो अशोक चौधरी विफड़ पड़े. उन्होंने गिरिराज सिंह सहित भाजपा नेता को खूब सुनाई.
यह भी पढ़ेंः 'अब मोहम्मद नीतीश और मोहम्मद लालू कहना चाहिए', बोले Giriraj Singh - PM की जाति पूछकर CM ने दिया अज्ञानता का परिचय
'बिहार में इफ्तार और फलाहार पर सियासत': पटना में मीडिया को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भाजपा के नेताओं के पास हिन्दू मुस्लिम करने के अवाला कोई काम नहीं है. कभी इफ्तार तो कभी फलाहार को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है. कहा कि जनता क्या चाहती है इसको लेकर भाजपा के नेता कोई बयान नहीं देंगे, लेकिन अनाप सनाप बयान देंगे. इस दौरान अशौक चौधरी ने भाजपा नेता के बारे में कहा कि 'ये घृनित लोग हैं.'
"भारतीय जनता पार्टी को हिन्दू-मुस्लिम के अलावा और कुछ नहीं आता है. सिर्फ फलाहार, इफ्तार, चंदन, रुद्राक्ष, टिकी पर बोलेंगे, लेकिन जनता क्या चाहती है, इसपर कुछ नहीं बोलेंगे. ये महाघृनित टाइप के लोग हैं. इनको नीतीश कुमार से आकर रोज 2 घंटे पॉलिटिकल और एडमिनिस्ट्रेटिव क्लास लेना चाहिए कि कैसे डेवलेपमेंट का काम होता है." -अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार
मस्जिद जाने से कौन रोकेगा? अशोक चौधरी ने कहा कि 'देश की जो आत्मा है, उसको समझना होगा. हम गंगा जमुनी संस्कृति के लोग हैं. इफ्तार की परंपरा शुरू हुई थी, उस समय लोगों की संख्या कम थी'. उन्होंने कहा कि 'धर्म अपनाने की चीज है. आज हम दुर्गा जी की पूजा करते हैं. महादेव का रुद्राभिषेक करते हैं. हमें मस्जिद में जाने का प्रेम हो जाएगा तो कौन रोकेगा? भारतीय जनता पार्टी के पास हिंदू मुस्लिम करने के अलावा और कुछ नहीं है.'
'महंगाई पर क्यों नहीं बोलते भाजपा नेता': इस दौरान अशौक चौधरी ने भाजपा को महंगाई को लेकर भी निशाना बनाया. कहा कि 'बीजेपी की सरकार दो चीजों पर आई थी. जब ₹500 का गैस था तो ये लोग माथा पर सिलेंडर लेकर प्रदर्शन करते थे. अब 1100 सिलेंडर हो गया तब क्यों नहीं कुछ कर रहे हैं. अरहर का दाल 60 से 135 हो गया, लेकिन कोई कुछ नहीं बोलेगा. रोजगार के नाम पर आउटसोर्सिंग कर दिया. दलित पिछड़ा का रिजर्वेशन समाप्त कर दिया.'