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बिहार में करोड़पति उम्मीदवारों की भरमार, रेस में रीजनल पार्टियां भी पीछे नहीं

'चुनाव आयोग ने जो खर्च सीमा तय किया है वह भी करोड़ के करीब पहुंच गया है. पहली बड़ी पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए फंडिंग करती थी. लेकिन अब खासकर क्षेत्रीय पार्टियों के आने के बाद से टिकट के लिए उम्मीदवार पैसा देते हैं.'

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Published : Apr 25, 2019, 10:35 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव में बिहार से इस बार ज्यादतर करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं. नेशनल पार्टियों की कौन कहे छोटी क्षेत्रीय पार्टियां भी करोड़पति उम्मीदवारों को टिकट देने में पीछे नहीं हैं.

तीन चरणों का चुनाव हो चुका है. इन तीनों फेज की बात करें तो 60 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं. अंतिम फेज को छोड़ दें, जिसका नामांकन अभी चल रहा है तो चौथे, पांचवें और छठे फेज में भी करोड़पतियों की संख्या कम नहीं है.

इन उम्मीदवारों के पास है इतनी संपत्ति
बिहार के दूसरे चरण में 68 उम्मीदवार थे. जिसमें 21 उम्मीदवार की संपत्ति 1 करोड़ से अधिक है. सबसे अधिक कांग्रेस के उदय सिंह की संपत्ति 341 करोड़ है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार राज किशोर प्रसाद की संपत्ति भी 17 करोड़ से अधिक की है. तो वहीं तारिक अनवर जो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं उनकी संपत्ति 11 करोड़ से अधिक है.

जानकारी देते संवाददाता

कौन-कौन करोड़पति
तीसरे चरण में 82 उम्मीदवार मैदान में थे. जिसमें 28 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति थे. वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी, कांग्रेस की रंजीता रंजन और जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव की संपत्ति 11 करोड़ से अधिक की है.
आगामी चौथे चरण में 66 उम्मीदवार है. जिसमें 14 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं.

इतने करोड़ के मालिक गिरिराज

अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी की संपत्ति 62 करोड़ से अधिक है. बीजेपी के गिरिराज सिंह 8 करोड़ के मालिक हैं तो वहीं मुंगेर से चुनाव लड़ रही जदयू की राजीव रंजन के पास 8 करोड़ की संपत्ति है. जयप्रकाश जनता दल जैसी पार्टी के उम्मीदवार कुमार गौतम भी 8 करोड़ के मालिक हैं.

ये उम्मीदवार भी कम नहीं
यही हाल पांचवें और छठे चरण का भी है. छठे चरण में सीपीआई के पूर्वी चंपारण से प्रभाकर जयसवाल 29 करोड़ के मालिक हैं तो वहीं बाल्मीकि नगर से बसपा के उम्मीदवार दीपक यादव 28 करोड़ के मालिक है. इस तरह न केवल बीजेपी, कांग्रेस, एलजेपी, आरजेडी के उम्मीदवार करोड़पति है बल्कि बसपा, सीपीआई, आरएलएसपी, बिहार लोक निर्माण जैसी पार्टियों के उम्मीदवार भी करोड़ों के मालिक हैं और चुनाव लड़ रहे हैं.

क्या है लोगों की राय
एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डीएम दिवाकर का कहना है कि अब तो लखपति की कोई गिनती ही नहीं होती है. चुनाव आयोग ने जो खर्च सीमा तय किया है वह भी करोड़ के करीब पहुंच गया है. पहले बड़ी पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए फंडिंग करती थी. लेकिन अब खासकर क्षेत्रीय पार्टियों के आने के बाद से टिकट के लिए उम्मीदवार पैसा देते हैं.
वहीं गांधी संग्रहालय के संयुक्त सचिव आशिफ का कहना है कि राजनीति में करोड़पति इसलिए आ रहे हैं क्योंकि यहां आकर बिना कुछ किए अधिक से अधिक कमाना आसान है.

पटना: लोकसभा चुनाव में बिहार से इस बार ज्यादतर करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं. नेशनल पार्टियों की कौन कहे छोटी क्षेत्रीय पार्टियां भी करोड़पति उम्मीदवारों को टिकट देने में पीछे नहीं हैं.

तीन चरणों का चुनाव हो चुका है. इन तीनों फेज की बात करें तो 60 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं. अंतिम फेज को छोड़ दें, जिसका नामांकन अभी चल रहा है तो चौथे, पांचवें और छठे फेज में भी करोड़पतियों की संख्या कम नहीं है.

इन उम्मीदवारों के पास है इतनी संपत्ति
बिहार के दूसरे चरण में 68 उम्मीदवार थे. जिसमें 21 उम्मीदवार की संपत्ति 1 करोड़ से अधिक है. सबसे अधिक कांग्रेस के उदय सिंह की संपत्ति 341 करोड़ है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार राज किशोर प्रसाद की संपत्ति भी 17 करोड़ से अधिक की है. तो वहीं तारिक अनवर जो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं उनकी संपत्ति 11 करोड़ से अधिक है.

जानकारी देते संवाददाता

कौन-कौन करोड़पति
तीसरे चरण में 82 उम्मीदवार मैदान में थे. जिसमें 28 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति थे. वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी, कांग्रेस की रंजीता रंजन और जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव की संपत्ति 11 करोड़ से अधिक की है.
आगामी चौथे चरण में 66 उम्मीदवार है. जिसमें 14 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं.

इतने करोड़ के मालिक गिरिराज

अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी की संपत्ति 62 करोड़ से अधिक है. बीजेपी के गिरिराज सिंह 8 करोड़ के मालिक हैं तो वहीं मुंगेर से चुनाव लड़ रही जदयू की राजीव रंजन के पास 8 करोड़ की संपत्ति है. जयप्रकाश जनता दल जैसी पार्टी के उम्मीदवार कुमार गौतम भी 8 करोड़ के मालिक हैं.

ये उम्मीदवार भी कम नहीं
यही हाल पांचवें और छठे चरण का भी है. छठे चरण में सीपीआई के पूर्वी चंपारण से प्रभाकर जयसवाल 29 करोड़ के मालिक हैं तो वहीं बाल्मीकि नगर से बसपा के उम्मीदवार दीपक यादव 28 करोड़ के मालिक है. इस तरह न केवल बीजेपी, कांग्रेस, एलजेपी, आरजेडी के उम्मीदवार करोड़पति है बल्कि बसपा, सीपीआई, आरएलएसपी, बिहार लोक निर्माण जैसी पार्टियों के उम्मीदवार भी करोड़ों के मालिक हैं और चुनाव लड़ रहे हैं.

क्या है लोगों की राय
एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डीएम दिवाकर का कहना है कि अब तो लखपति की कोई गिनती ही नहीं होती है. चुनाव आयोग ने जो खर्च सीमा तय किया है वह भी करोड़ के करीब पहुंच गया है. पहले बड़ी पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए फंडिंग करती थी. लेकिन अब खासकर क्षेत्रीय पार्टियों के आने के बाद से टिकट के लिए उम्मीदवार पैसा देते हैं.
वहीं गांधी संग्रहालय के संयुक्त सचिव आशिफ का कहना है कि राजनीति में करोड़पति इसलिए आ रहे हैं क्योंकि यहां आकर बिना कुछ किए अधिक से अधिक कमाना आसान है.

Intro:पटना- बिहार में इस बार करोड़पति उम्मीदवारों की धूम है बड़ी पार्टियों की कौन कहे छोटी पार्टियां भी करोड़पति उम्मीदवार देने में पीछे नहीं है। 3 फेज का चुनाव हो चुका है और तीनों फेज की बात करें तो 60 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं। अंतिम फेज को छोड़ दें जिसमें नामांकन अभी चल रहा है तो चौथे, पांचवें और छठे फेज में भी करोड़पतियों की संख्या कम नहीं है। सीपीआई जैसी पार्टियों के उम्मीदवार भी बड़े करोड़पति हैं।
पेश है पटना से अविनाश की विशेष रिपोर्ट--



Body: बिहार में तीन चरणों के चुनाव हो चुके हैं और सात चरणों में चुनाव होने हैं दूसरे चरण में 68 उम्मीदवार थे जिसमें 21 उम्मीदवार की संपत्ति 1 करोड से अधिक है और सब से अधिक कांग्रेस के उदय सिंह की संपत्ति है 341 करोड। झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार राज किशोर प्रसाद की संपत्ति भी 17 करोड से अधिक की है तो वही तारिक अनवर जो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं उनकी संपत्ति 11 करोड़ से अधिक है। तीसरे चरण में भी 82 उम्मीदवार मैदान में थे जिसमें 28 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति थे वीआईपी पार्टी के मुकेश साहनी कांग्रेस की रंजीता रंजन और जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव की संपत्ति 11 करोड़ से अधिक की है। आने वाले चौथे चरण में 66 उम्मीदवार है जिसमें 14 से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं। अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी की संपत्ति 62 करोड़ से अधिक है । बीजेपी के गिरिराज सिंह 8 करोड़ के मालिक हैं तो मुंगेर से चुनाव लड़ रहे जदयू के राजीव रंजन के पास 8 करोड़ की संपत्ति हैं जयप्रकाश जनता दल जैसी पार्टी के उम्मीदवार कुमार गौतम भी 8 करोड़ के मालिक हैं।यही हाल पांचवें में चरण और छठे चरण की भी है छठे चरण में सीपीआई के पूर्वी चंपारण से प्रभाकर जयसवाल 29 करोड़ के मालिक हैं तो वहीं बाल्मीकि नगर से बसपा के उम्मीदवार दीपक यादव 28 करोड़ के मालिक हैं। इस तरह न केवल बीजेपी, कांग्रेस, एलजेपी, आरजेडी के उम्मीदवार करोड़पति है बल्कि बसपा, सीपीआई आरएलएसपी बिहार लोक निर्माण जैसी पार्टियों के उम्मीदवार भी करोड़ों के मालिक हैं और चुनाव लड़ रहे हैं । ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डीएम दिवाकर का कहना है कि अब तो लखपति की कोई गिनती ही नहीं होती है और चुनाव आयोग ने भी जो खर्च सीमा तय किया है वह करोड़ के करीब पहुंच गया है पहले बड़ी पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए फंडिंग करती थी लेकिन अब खासकर क्षेत्रीय पार्टी के आने के बाद से टिकट के लिए उम्मीदवार पैसा देते हैं।
बाईट-- डीएम दिवाकर, प्रोफेसर, ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट
पूंजी पतियों के विरोध में हमेशा आवाज उठाने वाले सीपीआई पार्टी बिहार में 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जिसमें से पूर्वी चंपारण से प्रभाकर जयसवाल करोड़पति हैं उन्हें टिकट दिया है इस पर पार्टी के नेता एम जब्बार आलम का कहना है कि उनके उम्मीदवार के पास पहले से पारिवारिक संपत्ति है और पूर्वी चंपारण में बीजेपी के नेता जितना खर्च करेंगे हमारे उम्मीदवार उतना खर्च नहीं करेंगे।
बाईट-- एम जब्बार आलम सीपीआई नेता।
गांधी संग्रहालय के संयुक्त सचिव आशिफ का कहना है कि राजनीति में इसलिए करोड़पति आ रहे हैं कि यहां आकर बिना कुछ किए अधिक से अधिक कमाना आसान है।
बाईट--आसिफ,संयुक्त सचिव, गांधी संग्रहालय।


Conclusion:चुनाव में हो रहे करोड़ों के खर्च से आम लोगों के चुनाव लड़ने की संभावना ही खत्म कर दी है बड़ी पार्टियां उम्मीदवार को चुनाव खर्च अभी भी देती हैं और लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों के आने के बाद से स्थिति लगातार बदल रही है और अब बड़ी पार्टियां भी करोड़पतियों को उम्मीदवार के लिये चुन रही है।
अविनाश, पटना।
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