पटनाः कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के समय से ही पटना एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन हो रहा है. देश के कई बड़े शहरों में विमानों का परिचालन पटना एयरपोर्ट से किया जा रहा है. अनलॉक होते ही एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इन यात्रियों में ज्यादातर लोग वैसे हैं, जो काम की तलाश में बाहर जा रहे हैं.
रोजाना 7000 से 8000 यात्री जा रहे बाहर
पटना एयरपोर्ट के निदेशक भूपेश चंद्र नेगी ने बताया कि पटना एयरपोर्ट से रोजाना 7000 से 8000 तक यात्री हवाई जहाज से अन्य शहरों को जा रहे हैं. निदेशक ने बताया कि झारखंड के रांची को छोड़कर देश के अन्य शहर बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़ और अमृतसर के लिए पटना एयरपोर्ट से विमान सेवा उपलब्ध है.
पटना एयरपोर्ट पर अन्य शहरों से भी लोग पहुंच रहे हैं. उनकी तादाद अमूमन 4 से 5 हजार के बीच रोजाना देखी जा रहा है. कुल मिलाकर देखें तो पटना एयरपोर्ट से अन्य शहर को जाने वाले यात्रियों की संख्या आने वाले यात्रियों से ज्यादा है.
मजबूरी में जा रहें हैं बाहर- प्रवासी मजदूर
पटना एयरपोर्ट पर अन्य शहरों को जाने वाले मजदूर ही नजर आ रहे हैं. जो कोरोना संक्रमण काल में अपने घर लौटे थे. बिहार सरकार ने बाहर से आने वाले मजदूरों को लेकर दावा किया था कि बिहार में ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन जिस तरह से मजदूरों की भीड़ पटना एयरपोर्ट पर देखने को मिल रही है, उससे जाहिर है कि फिर से लोग बाहर काम करने के लिए जा रहे हैं.
दरभंगा के रहने वाले दिनेश कुमार का कहना है कि बिहार में रोजगार नहीं है इसलिए काम करने के लिए ही हम दूसरे शहर जा रहे हैं. इनकी तरह अन्य मजदूरों का भी यही कहना है कि मजबूरी में बाहर जा रहे हैं. कौन नहीं चाहता अपने घर में रहकर काम करना.
सोशल डिस्टेंस की उड़ रही धज्जियां
वहीं, एयरपोर्ट हो रही इस भीड़ के कारण लगातार सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ रही हैं. एयरपोर्ट के अंदर जाने वाले लोग भी आपाधापी में कहीं ना कहीं सोशल डिस्टेन्स मेन्टेन करते नजर नहीं आ रहे हैं. जबकि एयरपोर्ट प्रशासन का दावा है कि प्रवेश द्वार से अंदर जाने से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है.
एयरपोर्ट के अंदर उनके सामान को पूरी तरह से सैनिटाइज भी किया जाता है. अन्य शहर से भी जो यात्री पटना एयरपोर्ट पर पहुंच रहे हैं, उनका भी कहना है कि पूरी तरह से एयरपोर्ट के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है.
सिर्फ 33 जोड़ी विमानों का हो रहा परिचालन
वहीं, विमानों की संख्या की बात करें तो कोरोना संक्रमण काल में सिर्फ 33 जोड़ी विमानों का परिचालन ही किया जा रहा है. जबकि सामान्य दिनों में पटना एयरपोर्ट से 52 जोड़ी विमानों का परिचालन विभिन्न शहरों के लिए किया जा रहा था. निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण से हवाई यात्रा पर प्रभाव तो जरूर पड़ा है. लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बहुत जल्दी पटना एयरपोर्ट से अन्य शहरों के लिए छह से आठ जोड़ी विमान बढ़ाया जा सकता है.
टिकट देकर काम पर बुला रही कंपनियां
एयरपोर्ट पर ज्यादा भीड़ लगने का कारण यह है कि बाहर जो मजदूर अन्य कंपनियों में काम कर रहे थे, उन्हें कंपनियां टिकट देकर काम पर दोबारा वापस बुला रही हैं. इसलिए पटना एयरपोर्ट से जाने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा देखने को मिल रहा है. अब सवाल ये है कि क्या सुशासन की इस सरकार में मजदूरों को दून जून की रोटी भी नसीब नहीं हो सकती.