दरभंगा: कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर हो रहा है. ऐसे हालात में लगभग सभी काम-धंधे ठप हैं. काम नहीं मिलने की वजह से यूपी के कुछ मजदूर मधुबनी के जयनगर से अपने घर रायबरेली वापस जा रहे थे.
660 किमी यात्रा कर पहुंचे थे काम पर
इसको लेकर मजदूरों ने बताया कि वे अपने पूरे परिवार के साथ 660 किमी की यात्रा कर हर साल बिहार के ईंट भट्ठे पर काम करने के लिए आते थे. यहां पर उनकी रोजी-रोटी की व्यवस्था हो जाती थी. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण काम नहीं मिला. इस वजह से वे अपने घर वापस यूपी लौट रहे हैं.
'काम मिलना हुआ बंद'
ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए मजदूर राम कृपाल ने बताया कि वे लोग जयनगर स्थित एक ईंट भट्ठे पर काम कर अपने परिवार का पेट पालते थे. रोजी-रोटी के लिए सैकड़ों किमी की दूरी तय कर यहां आते हैं. लेकिन इस बार उनकी किस्मत पर ऐसी मार पड़ी है कि उन्हें काम मिलने बंद हो गये. लॉकडाउन बढ़ता ही जा रहा है. भट्ठे पर पिछले एक महीने से काम बंद है. पता नहीं काम कब शुरू होगा. यहां भूखे मरने से बेहतर है कि वे अपने परिवार के साथ रहें. इस वजह से वे वापस जा रहे हैं.
'लॉकडाउन ने छीना रोजगार'
वहीं, एक अन्य मजदूर सुदर्शन ने बताया कि दो महीने तक ईंट भट्ठे वाले ने बैठा कर भोजन खिलाया. लेकिन लॉकडाउन की मियाद बढ़ती ही चली जा रही है. ऐसे हालत में भट्ठा मालिक भी परेशान हो चले हैं. क्या करें, हमलोगों के पास खाने-पीने को कुछ भी नहीं बचा है. जेब में एक भी रूपया नहीं बचा है. इसलिए वे लोग वापस लौट रहे हैं.
दोहरी मार झेल रहे मजदूर
कोरोना महामारी के कारण दिहाड़ी मजदूर दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तो संक्रमण का खतरा, दूसरा लॉक डाउन की वजह से उनकी रोजी-रोटी छिन गई है. ऐसे हालत में यह संकट काफी लंबा खिंच रहा है. जिस वजह से मजदूरों के सामने भूखे रहने की नौबत आन पड़ी है. वहीं, मजजूरों के सामने इस संकट का कोई समाधान भी निकलता नहीं दिख रहा था. इस वजह से मजदूर अपने-अपने घरों को वापस लौट रहे हैं.