पटना/अमरावती : आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले की फैक्ट्री में काम कर रहे बिहार और झारखंड के प्रवासी मजदूर ट्रेन के इंतजार में हैं. जैसे ही उन्हें पता चला कि बिहार जाने के लिए ट्रेनें चलनी शुरू हो गई, उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवा लिया. इसके बाद फोन कॉल से उन्हें ट्रेन का समय पता चला, तो जैसे-तैसे वो स्टेशन जा पहुंचे. लेकिन स्टेशन पहुंचते ही उन्हें पता चला कि ट्रेन रद्द है या नहीं चल रही है. इस बाबत, ईटीवी भारत से बात करते हुए मजदूरों ने सीएम नीतीश कुमार से घर पहुंचाने की मांग की है.
प्रवासी मजदूर संतोष कहते हैं कि हमें ट्रेन मिलेगी भी या नहीं, कुछ पता नहीं चल रहा है. मजदूर ने बताया कि वो अपनी कंपनी में काम कर रहा था, ट्रेन के लिए फोन आया तो हम अपना काम छोड़कर स्टेशन आ गए. लेकिन स्टेशन पर पता चला कि ट्रेन है नहीं. संतोष ने कहा कि रजिस्ट्रेशन करवा लिया था. लेकिन आंध्र प्रदेश से ट्रेन ही नहीं चल रही है. यहां 800 से 900 मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूर ने कहा कि कहीं से 50 ट्रेन चल रही है, तो कहीं से एक भी नहीं. आंध्र प्रदेश से ट्रेन चलवाएं.
'नीतीश अंकल, ट्रेन खोल दीजिए'
संतोष ने बताया कि अब वो वापस कंपनी भी नहीं जा सकते. कंपनी वालों से बात हुई, तो वो वापस नहीं लेना चाहते. अब हम कैसे दिन रात काटें, कुछ समझ नहीं आ रहा. वहीं, एक मजदूर की बेटी ने सीएम नीतीश कुमार से मांग करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार जी, ट्रेन खोल दीजिए.
उसने कहा कि हम अपने भाई-बहन और मां-पापा के साथ बिहार चले जाएंगे. घर से पैसा मंगाना पड़ रहा है. पैसा खत्म हो जा रहा है. फैक्ट्री वाला पैसा नहीं दे रहा है. खाना खाने को दिक्कत हो रही है. लॉकडाउन में बहुत समस्या हो रही है. हमें किसी तरह बिहार पहुंचा दीजिए. ट्रेन चला दीजिए.
सहरसा के विनोद ने बयां किया दर्द
सहरसा के भट्टपुरा के रहने वाले विनोद कुमार ने बताया कि वो लॉकडाउन में फंसे हुए हैं. उन्होंने एमआरओ ऑफिस में रजिस्ट्रेश करवाया है. आंध्रपति में काम करता था. एमआरओ ऑफिस से फोन भी आया कि ट्रेन है. किसी तरह मैंने किराया भाड़े का जुगाड़ किया और स्टेशन पर आया. यहां आते ही पता चला कि ट्रेन नहीं है. ऐसे में हम क्या करें, वापस जाने को पैसा नहीं है. किसी तरह घर पहुंचाया जाये.
हैदराबाद में उमड़े बिहार के प्रवासी मजदूर
कुछ ऐसा ही दृश्य तेलंगाना के हैदराबाद में देखने को मिला. जब ट्रेन की खबर सुनते ही सैकड़ों की संख्या में बिहार के प्रवासी मजदूर सिकंदराबाद स्टेशन जा पहुंचे. स्टेशन पहुंचे मजदूरों ने बताया कि ट्रेन के बारे में फोन से सूचना मिली. लेकिन ट्रेन नहीं मिली.
बहरहाल, ट्रेन के इंतजार में सैकड़ों मजदूर अलग-अलग राज्यों में स्टेशन के बाहर बनाए गये कैंप में रह रहे हैं. ईटीवी भारत लगातार हर राज्य से मजदूरों की गुहार आपतक पहुंचा रहा है. स्टेशन के बाहर सरकार ने कैंप बनाया हुआ है. जहां फूड पैकेट दिये जा रहे हैं. लेकिन गर्मी से इन मजदूरों का हाल बेहाल है. इन्हें सिर्फ घर जाना है.