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बिहार में मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट, अगले 4 दिनों तक भारी बारिश के साथ वज्रपात की चेतावनी

बिहार में मौसम विभाग ने भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी (Meteorological Department issued alert in Bihar) किया है. आने वाले कुछ दिनों तक तेज बारिश के साथ वज्रपात होने की भी आशंका जताई जा रही है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में मानसून का कहर
बिहार में मानसून का कहर
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Published : Oct 10, 2022, 7:51 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 9:26 AM IST

पटना: बिहार में मानसून का कहर (Monsoon havoc in Bihar) जारी है. राज्य के दर्जनभर जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. पटना, दरभंगा, समस्तीपुर, वैशाली और मुजफ्फरपुर में तेज बारिश के साथ वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश में अगले 4 दिनों के लिए बारिश की संभावना जताई है और इसके बाद मानसून की विदाई संभव है. बिहार के साथ-साथ नेपाल में भी लगातार बारिश हो रही है जिसकी वजह से गंडक नदी उफान पर है. इससे सटे गोपालगंज, मोतिहारी में गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और इन जिलों के कई गांव में एक बार फिर से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- प्रलयंकारी गण्डक मचा रही तबाही, SSB कैम्प समेत निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी

मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट: मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने इन मौसमों को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही चेतावनी भी जारी की है. मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से लोगों से आग्रह किया गया है कि बारिश और मेघ गर्जन के दौरान वे सतर्क और सावधान रहें. यदि कोई व्यक्ति खूले स्थान पर हैं तो वो यथा शीघ्र किसी पक्के मकान में चले जाएं. ऊंचे पेड़ और बिजली के खंभों से दूर रहें.

येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.

ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.

ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.

रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.

ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.

पटना: बिहार में मानसून का कहर (Monsoon havoc in Bihar) जारी है. राज्य के दर्जनभर जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. पटना, दरभंगा, समस्तीपुर, वैशाली और मुजफ्फरपुर में तेज बारिश के साथ वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश में अगले 4 दिनों के लिए बारिश की संभावना जताई है और इसके बाद मानसून की विदाई संभव है. बिहार के साथ-साथ नेपाल में भी लगातार बारिश हो रही है जिसकी वजह से गंडक नदी उफान पर है. इससे सटे गोपालगंज, मोतिहारी में गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और इन जिलों के कई गांव में एक बार फिर से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- प्रलयंकारी गण्डक मचा रही तबाही, SSB कैम्प समेत निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी

मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट: मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने इन मौसमों को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही चेतावनी भी जारी की है. मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से लोगों से आग्रह किया गया है कि बारिश और मेघ गर्जन के दौरान वे सतर्क और सावधान रहें. यदि कोई व्यक्ति खूले स्थान पर हैं तो वो यथा शीघ्र किसी पक्के मकान में चले जाएं. ऊंचे पेड़ और बिजली के खंभों से दूर रहें.

येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.

ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.

ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.

रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.

ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.

Last Updated : Oct 11, 2022, 9:26 AM IST
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