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PMCH में मेडिकल छात्रों को दी जाएगी व्यवहारिक ज्ञान, मरीजों को होगा फायदा

एमसीआई मेडिकल शिक्षा के पाठ्यक्रम में कई बदलाव करने जा रहा है. इस नये पाठ्यक्रम में मेडिकल छात्रों को बताया जाएगा कि मरीजों के साथ कैसे पेश आनी चाहिए.

पटना
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Published : Jul 28, 2019, 5:30 PM IST

पटना: पीएमसीएच एक नई पहल करने जा रहा है. एमसीआई के अनुसार एमबीबीएस के छात्रों को अब पढ़ाई के साथ मरीजों से बात करने का व्यावहारिक ज्ञान भी बताया जाएगा. इसके लिए पाठ्यक्रम में बदलाव भी किया जा रहा है.

एमसीआई मेडिकल शिक्षा के पाठ्यक्रम में कई बदलाव करने जा रहा है. नये पाठ्यक्रम में मेडिकल छात्रों को बताया जाएगा कि मरीजों के साथ कैसे पेश आना चाहिए. किसी घटना के बाद मरीज और उनके परिजनों को कैसे संभाला जाए. इसकी भी उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी.

प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी का बयान

छात्रों को दी जाएगी व्यावहारिक ज्ञान
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि इस नये बदलाव से छात्रों और शिक्षकों के बीच संबंध भी मधुर होंगे. इस पाठ्यक्रम की शुरुआत में डेढ़ घंटे की क्लास ली जाएगी. मरीजों से पेश कैसे आना है इसकी बारीकियों को समझाया जाएगा. इससे मरीजों को भी फायदा होगा.

एक बैच में होंगे 40 छात्र
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई बार अस्पताल में मरीजों के साथ अप्रिय घटना हो जाने के बाद उसके परिजन हंगामा शुरू कर देते हैं. इन परिस्थितियों में यह ट्रेनिंग छात्रों को मदद आएगी. इस नये बदलाव में 2019 सत्र में 40 छात्रों के ही एक बैच बनाई जाएगी. उन्हें ऑडियो विजुअल के माध्यम से भी पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी.

पटना: पीएमसीएच एक नई पहल करने जा रहा है. एमसीआई के अनुसार एमबीबीएस के छात्रों को अब पढ़ाई के साथ मरीजों से बात करने का व्यावहारिक ज्ञान भी बताया जाएगा. इसके लिए पाठ्यक्रम में बदलाव भी किया जा रहा है.

एमसीआई मेडिकल शिक्षा के पाठ्यक्रम में कई बदलाव करने जा रहा है. नये पाठ्यक्रम में मेडिकल छात्रों को बताया जाएगा कि मरीजों के साथ कैसे पेश आना चाहिए. किसी घटना के बाद मरीज और उनके परिजनों को कैसे संभाला जाए. इसकी भी उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी.

प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी का बयान

छात्रों को दी जाएगी व्यावहारिक ज्ञान
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि इस नये बदलाव से छात्रों और शिक्षकों के बीच संबंध भी मधुर होंगे. इस पाठ्यक्रम की शुरुआत में डेढ़ घंटे की क्लास ली जाएगी. मरीजों से पेश कैसे आना है इसकी बारीकियों को समझाया जाएगा. इससे मरीजों को भी फायदा होगा.

एक बैच में होंगे 40 छात्र
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई बार अस्पताल में मरीजों के साथ अप्रिय घटना हो जाने के बाद उसके परिजन हंगामा शुरू कर देते हैं. इन परिस्थितियों में यह ट्रेनिंग छात्रों को मदद आएगी. इस नये बदलाव में 2019 सत्र में 40 छात्रों के ही एक बैच बनाई जाएगी. उन्हें ऑडियो विजुअल के माध्यम से भी पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी.

Intro: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने मेडिकल पाठ्यक्रम में किया है बदलाव
नए सत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्र सीखेंगे मरीजों से बात करने का सलीका
40 40 के बैच होगी ऑडियोवीजुअल लैब की व्यवस्था


Body:अब एमबीबीएस के नए सत्र के छात्रों को मरीजों और उनके परिजनों से बात करने का सलीका सिखाया जाएगा
मेडिकल शिक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव कर इसे शामिल किया गया है, नई व्यवस्था के तहत मेडिकल छात्रों को बताया जाएगा कि किस परिस्थिति में कैसे मरीज एवं उनके परिजनों को संभाला जाए
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी ने बताया कि 2019 से एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है इसके लिए संस्थान के फिजियोलॉजी शिशु रोग विभाग एवं नेत्र विभाग के अध्यक्ष नए सिलेबस के बारे में जानने के लिए इंदौर में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए सभी को 6 सप्ताह तक दिए गए प्रशिक्षण में बताया गया कि पाठ्यक्रम में क्या कुछ बदलाव किए जाने हैं


Conclusion:2018 तक एमबीबीएस के पहले वर्ष के छात्रों की एक साथ पढ़ाई होती थी लेकिन अब बदले हुए सिलेबस के आधार पर छात्रों की पढ़ाई 40-40 के बैच में होगी इस बैच में ऑडियोवीजुअल की व्यवस्था होगी जिसमें छात्रों को किसी बीमारी के बारे में वीडियो के माध्यम से भी समझाया जाएगा इस नई पहल से छात्रों में उत्साह है ऑडियो वीडियो माध्यम से ज्यादा अच्छे तरीके से पढ़ाई होगी

पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी ने बताया कि छात्रों और शिक्षकों के बीच भी संबंध मधुर होंगे एवं एक नए पाठ्यक्रम की शुरुआत में तकरीबन डेढ़ घंटे का क्लास लिया जाएगा और मरीजों से पेश कैसे आना है उनकी बारीकी को समझाया जाएगा इससे उनके अंदर का हुनर को भी निखार आ जाएगा और मरीजों को भी इसका फायदा पहुंचेगा कई बार विभिन्न ऑपरेशन के दौरान या मरीजों के मौत के बाद स्थिति बिगड़ जाती है जिसके कारण मारपीट तक की भी नौबत आ जाती हैं उस परिस्थिति में छात्रों को यह ट्रेनिंग दी जाएगी कि उस परिस्थिति में अपने आप को कैसे इस समस्या से निदान कर ले



बाईट:-प्रोफेसर डॉ विधापति चौधरी
प्राचार्य, पीएमसीएच, पटना
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