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पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई, 3 साल के लिए सरकारी योजनाओं से वंचित - मसौढ़ी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी

खेतों में पराली जलाने वाले लोगों पर सरकार सख्त हो चुकी है. पटना के मसौढ़ी के पंचायत स्तर पर खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है.

patna stubble burning news
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Published : Dec 18, 2020, 5:56 PM IST

पटना (मसौढ़ी) : सरकार के लाख मना करने के बावजूद पटना के ग्रामीण इलाकों में खासकर मसौढ़ी अनुमंडल में विभिन्न प्रखंडों में लगातार खेतों में पराली जलाया जा रहा है. जिसको लेकर अब प्रखंड स्तर पर प्रशासन सख्त है और कार्रवाई करने में जुट गई है.

पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई
मसौढ़ी प्रखंड में अब तक 30 किसानों पर कार्रवाई हुई है. वहीं 40 किसानों पर जांच चल रही है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजय कुमार की माने तो कार्रवाई में 3 साल तक सरकारी अनुदान से वंचित कर दिया जाता है. सरकार से मिलने वाले बीज अनुदान, डीजल अनुदान, विभिन्न कृषि उपकरण खरीदने में मिलने वाले अनुदान समेत विभिन्न विकास योजनाओं से उन किसानों को वंचित कर दिया जाता है. यहां तक कि उन पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाती है.

पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई

30 किसानों पर पराली जलाने के मामले में एक्शन
मसौढ़ी में 30 किसानों को पराली जलाने के मामले में लॉक कर दिया गया है, यानी 3 साल के लिए सरकार के विभिन्न योजनाओं से उन्हें वंचित कर दिया गया है. वही 35 ऐसे किसान हैं जिन पर अभी जांच चल रही है.

गौरतलब है कि पराली जलाने से न केवल खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता खत्म होती है. बल्कि वातावरण में प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. जिसको लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार गंभीर है. और गांव गांव में किसान चौपाल और पंचायत स्तरीय जागरूकता अभियान चला रही है. बावजूद मसौढ़ी में अभी भी खेतों में पराली जलाये जा रहे हैं, जिसको लेकर कृषि पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जा रही है.

पटना (मसौढ़ी) : सरकार के लाख मना करने के बावजूद पटना के ग्रामीण इलाकों में खासकर मसौढ़ी अनुमंडल में विभिन्न प्रखंडों में लगातार खेतों में पराली जलाया जा रहा है. जिसको लेकर अब प्रखंड स्तर पर प्रशासन सख्त है और कार्रवाई करने में जुट गई है.

पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई
मसौढ़ी प्रखंड में अब तक 30 किसानों पर कार्रवाई हुई है. वहीं 40 किसानों पर जांच चल रही है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजय कुमार की माने तो कार्रवाई में 3 साल तक सरकारी अनुदान से वंचित कर दिया जाता है. सरकार से मिलने वाले बीज अनुदान, डीजल अनुदान, विभिन्न कृषि उपकरण खरीदने में मिलने वाले अनुदान समेत विभिन्न विकास योजनाओं से उन किसानों को वंचित कर दिया जाता है. यहां तक कि उन पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाती है.

पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई

30 किसानों पर पराली जलाने के मामले में एक्शन
मसौढ़ी में 30 किसानों को पराली जलाने के मामले में लॉक कर दिया गया है, यानी 3 साल के लिए सरकार के विभिन्न योजनाओं से उन्हें वंचित कर दिया गया है. वही 35 ऐसे किसान हैं जिन पर अभी जांच चल रही है.

गौरतलब है कि पराली जलाने से न केवल खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता खत्म होती है. बल्कि वातावरण में प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. जिसको लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार गंभीर है. और गांव गांव में किसान चौपाल और पंचायत स्तरीय जागरूकता अभियान चला रही है. बावजूद मसौढ़ी में अभी भी खेतों में पराली जलाये जा रहे हैं, जिसको लेकर कृषि पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जा रही है.

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