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पटना: सरकारी उपेक्षा का शिकार शहीद स्मारक, लगा है गंदगी का अम्बार

बिक्रम प्रखंड द्वारा सरकारी संस्थानों पर झंडोत्तोलन के लिए किये गए कार्यक्रम सूची में शहीद स्मारक और गांधी आश्रम को शामिल नही किया गया है.

बिक्रम का शहीद स्मारक
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Published : Aug 11, 2019, 10:30 PM IST

पटना: स्वतंत्रता दिवस के झंडोत्तोलन के 4 दिन शेष रह गए है. लेकिन जिले से सटे बिक्रम प्रखंड के बिक्रम नगर के बाजार चौक के पास सरकारी मुलाजीमो का राह देखता शहीद स्मारक गन्दगी और कचरा के अंबार से भरा हुआ है.वहीं दूसरी ओर सरकारी संस्थानों पर झंडोत्तोलन के लिए किये गए कार्यक्रम सूची में शहीद स्मारक और गांधी आश्रम को शामिल नही किया गया है.

Dirt in Bikram Shaheed Memorial
बिक्रम शहीद स्मारक में गंदगी का अम्बार

अगस्त क्रांति में हुए थे शहीद
शहीद स्मारक पटना जिला के बिक्रम नगर जिसे स्वतंत्रता आंदोलन के अगस्त क्रांति (1942) में 17 अगस्त को तिरंगा फहराने के दौरान तीन वीर पुत्र शहीद हुए थे. जिसमें रंगनाथ सिंह, त्रिबेनी सिंह, बूटाई राम शहीद हो गए थे. बिक्रम इलाके के समाजसेवियों के सहयोग से इनकी याद में स्मारक का निर्माण कराया गया था.

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
अरुण कुमार शहीद स्मारक विकास समिति सचिव ने बताया की धरोहर सरकारी मुलाजीमो के घोर उपेक्षा और गन्दगी की अम्बार से जर्जर हो गया है. स्थानीय लोग अधिकारियों से शिकायत कर चुके है. लेकिन कोई भी इसकी सुध लेने वाला नही है.

सरकारी उपेक्षा का शिकार बिक्रम का शहीद स्मारक

महात्मा गांधी ने आश्रम की रखी नींव
बिक्रम में 1921 में महात्मा गांधी ने आश्रम की नींव रखी थी. इसी गांधी आश्रम से निकल कर इन तीन वीर पुत्रो की17 अगस्त1942 को शहादत हुई थी. समाजसेवीयो के सहयोग से शहीद स्मारक के दिन वीर सपूतों को याद किया जाता है.

पटना: स्वतंत्रता दिवस के झंडोत्तोलन के 4 दिन शेष रह गए है. लेकिन जिले से सटे बिक्रम प्रखंड के बिक्रम नगर के बाजार चौक के पास सरकारी मुलाजीमो का राह देखता शहीद स्मारक गन्दगी और कचरा के अंबार से भरा हुआ है.वहीं दूसरी ओर सरकारी संस्थानों पर झंडोत्तोलन के लिए किये गए कार्यक्रम सूची में शहीद स्मारक और गांधी आश्रम को शामिल नही किया गया है.

Dirt in Bikram Shaheed Memorial
बिक्रम शहीद स्मारक में गंदगी का अम्बार

अगस्त क्रांति में हुए थे शहीद
शहीद स्मारक पटना जिला के बिक्रम नगर जिसे स्वतंत्रता आंदोलन के अगस्त क्रांति (1942) में 17 अगस्त को तिरंगा फहराने के दौरान तीन वीर पुत्र शहीद हुए थे. जिसमें रंगनाथ सिंह, त्रिबेनी सिंह, बूटाई राम शहीद हो गए थे. बिक्रम इलाके के समाजसेवियों के सहयोग से इनकी याद में स्मारक का निर्माण कराया गया था.

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
अरुण कुमार शहीद स्मारक विकास समिति सचिव ने बताया की धरोहर सरकारी मुलाजीमो के घोर उपेक्षा और गन्दगी की अम्बार से जर्जर हो गया है. स्थानीय लोग अधिकारियों से शिकायत कर चुके है. लेकिन कोई भी इसकी सुध लेने वाला नही है.

सरकारी उपेक्षा का शिकार बिक्रम का शहीद स्मारक

महात्मा गांधी ने आश्रम की रखी नींव
बिक्रम में 1921 में महात्मा गांधी ने आश्रम की नींव रखी थी. इसी गांधी आश्रम से निकल कर इन तीन वीर पुत्रो की17 अगस्त1942 को शहादत हुई थी. समाजसेवीयो के सहयोग से शहीद स्मारक के दिन वीर सपूतों को याद किया जाता है.

Intro:बिक्रम के सरकारी मुलाजीमो को नही आती याद शहीद स्मारक ।
स्वतंत्रता दिवस की झंडोतोलन की सूची से गायब है शहीद स्मारक।
शहीद स्मारक में गंदगी की लगी है अम्बार ,बिक्रम चौक पर अवस्थित है शहीद स्मारक।


Body:स्वतंत्रता दिवस के झंडोत्तोलन के 4 दिन शेष रह गए है ।
पटना के सटे बिक्रम प्रखंड अंतर्गत बिक्रम नगर के बाजार चौक के पास सरकारी मुलाजीमो का बाट जोहता शहीद स्मारक ,गन्दगी और कचरा के बीच में सरकार से उपेक्षित वीर सपूतों के याद में झंडोतोलन के आस में इंतजार कर रहा है शहीद स्मारक ,।
बतादे की पूरे देश मे शान से तिरंगा लहराया जायगा और स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों एवं सेनानियो के प्रति श्रद्धा शुमन और भक्ति के बोल बोले जायेगे ,पूरा देश भक्ति से ओतप्रोत दिखेगा लेकिन स्वतंत्रता संग्राम में सहादत देने वाले पुत्रो की यादों को संजोय अमतयर वीर परिसर को देखने से सारी देश भक्ति की कलई खुल जाती है ,एसा ही शहीद स्मारक पटना जिला के बिक्रम नगर में भी है जिसे स्वतंत्रता आंदोलन के अगस्त क्रांति (1942 की क्रांति)में 17 अगस्त को तिरंगा फहराने के दौरान तीन वीर पुत्र शहीद हुये 1 रंगनाथ सिंह गोरखरी बिक्रम 2त्रिबेनी सिंह काब दुल्हिन बाजार 3बूटाई राम सोरमपुर दुल्हिन बाजार शहीद हुये, इन तीन वीर पुत्रो के याद में बिक्रम इलाके के समाजसेवियों के द्वारा स्मारक का निर्माण कराया गया था ,अब वर्षो से यहाँ राष्टीय पर्व 15 अगस्त 26 जनवरी को झंडोतोलन के कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके उत्तराधिकारीयो के द्वारा होता आ रहा है ,दुर्भाग्य से स्थानीय अधिकार या जन प्रतिनिधि झंडोतोलन में शामिल नही होते है ।
बिक्रम प्रखंड द्वारा सरकारी संस्थानों पर झंडोतोलन के लिए किये गए कार्यक्रम सूची में शहीद स्मारक और गांधी आश्रम को शामिल नही किया गया है ,शहीद स्मारक के प्रति सरकारी उपेक्षा का यह आमंत्रण पत्र ही नमूना पेश कर रहा है ।
इतना ही नही बिक्रम नगर पंचायत का यह हृदय स्थली है जहाँ से होकर बिक्रम ही नही आसपास के जिला के अधिकारी गुजरते है ,लेकिन स्वतंत्रता के बड़े बड़े नारे लगाने वाले अधिकारीयो की इस स्मारक परिसर के गन्दगी पर नजर नही जाती ,स्मारक स्थल पर दुसित पानी यूनिरल से निकलने वाली गन्दगी से दुसित हो रहा है ।
बताते चले
बिक्रम में 1921में राष्टपिता महात्मा गांधी ने आश्रम की नींव रखी थी ओ भी घोर अपेक्षा का शिकार है,जबकि इसी गांधी आश्रम से निकल कर इन तीन वीर पुत्रो ने के 17 अगस्त1942 को उनकी शहादत हुई थी ।


Conclusion:स्वतंत्रता सेनानी राम वर्ण शर्मा के पुत्र अरुण कुमार आजाद जो विकास समिति गांधी आश्रम शह शहीद स्मारक विकास समिति सचिव ने बताया की दोनों धरोहर सरकारी मुलाजीमो के घोर उपेक्षा से जर्जर और गन्दगी की अम्बार से जर्जर हो गया है ,स्थानीय अधिरारियो और जन प्रतिनिधियों से शिकायत कर हार थक गए है ,समाजसेवीयो के सहयोग से शहीद स्मारक पर कार्यक्रम कर देश के वीर शहीद सपूतों को याद किया जाता है ।
बाइट
1विकाश समिति गांधी आश्रम सह शहीद स्मारक सचिव (अरुण कुमार आजाद)
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