पटनाः मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे का निधन (Maithili Litterateur Lily Ray Passed Away) गुरुवार को हो गया है. 92 वर्ष की उम्र में दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली. लिली रे के निधन पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत साहित्यकारों ने गहरा शोक व्यक्त (CM Nitish Expressed Grief Over lily ray Death) किया है. शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके निधन को दुखद बताया है.
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मुख्यमंत्री ने लिखा 'मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे जी का निधन दुःखद. लिली रे जी का मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्हें वर्ष 1982 में मैथिली उपन्यास 'मरीचिका' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है.
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मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे जी का निधन दुःखद। लिली रे जी का मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्हें वर्ष 1982 में मैथिली उपन्यास ‘मरीचिका’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।
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— Nitish Kumar (@NitishKumar) February 3, 2022मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे जी का निधन दुःखद। लिली रे जी का मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्हें वर्ष 1982 में मैथिली उपन्यास ‘मरीचिका’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) February 3, 2022
बताते चलें कि लिली रे का जन्म 26 जनवरी, 1933 को हुआ था. उनके पिता पं. भीमनाथ मिश्र उस समय के आईपीएस थे. लिली रे का मायका पूर्णिया जिले के रामनगर में था. 28 जनवरी, 1945 को उनकी शादी कटिहार जिले के दुर्गागंज निवासी डॉ. हरेन्द्र नारायण राय से हुई. वे स्थायी रूप में सिलीगुड़ी में रह रही थीं. फिलहाल वे अपने पुत्र के पास दिल्ली में रह रही थीं, जहां उनका निधन हो गया.
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