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प्रख्यात साहित्यकार लिलि रे का निधन, CM नीतीश ने व्यक्त की शोक संवेदना - cm nitish kumar latest news

लिली रे का जन्म 26 जनवरी, 1933 को हुआ था. उनके पिता पं. भीमनाथ मिश्र उस समय के आईपीएस थे.लिली रे का मायका पूर्णिया जिले के रामनगर में था. 28 जनवरी, 1945 को उनकी शादी कटिहार जिले के दुर्गागंज निवासी डॉ. हरेन्द्र नारायण राय से हुई. गुरुवार को दिल्ली में उनकी मौत हो गई.

लिलि रे का निधन
लिलि रे का निधन
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Published : Feb 3, 2022, 10:59 PM IST

पटनाः मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे का निधन (Maithili Litterateur Lily Ray Passed Away) गुरुवार को हो गया है. 92 वर्ष की उम्र में दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली. लिली रे के निधन पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत साहित्यकारों ने गहरा शोक व्यक्त (CM Nitish Expressed Grief Over lily ray Death) किया है. शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके निधन को दुखद बताया है.

इसे भी पढ़ें- तेज प्रताप ने तेजस्वी के RJD अध्यक्ष बनने की संभावना को नकारा, बोले- 'लालू ही सबसे बेहतर'

मुख्यमंत्री ने लिखा 'मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे जी का निधन दुःखद. लिली रे जी का मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्हें वर्ष 1982 में मैथिली उपन्यास 'मरीचिका' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है.

  • मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे जी का निधन दुःखद। लिली रे जी का मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्हें वर्ष 1982 में मैथिली उपन्यास ‘मरीचिका’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।

    — Nitish Kumar (@NitishKumar) February 3, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बताते चलें कि लिली रे का जन्म 26 जनवरी, 1933 को हुआ था. उनके पिता पं. भीमनाथ मिश्र उस समय के आईपीएस थे. लिली रे का मायका पूर्णिया जिले के रामनगर में था. 28 जनवरी, 1945 को उनकी शादी कटिहार जिले के दुर्गागंज निवासी डॉ. हरेन्द्र नारायण राय से हुई. वे स्थायी रूप में सिलीगुड़ी में रह रही थीं. फिलहाल वे अपने पुत्र के पास दिल्ली में रह रही थीं, जहां उनका निधन हो गया.

ये भी पढ़ें: गायघाट बालिका गृह कांड: तेजस्वी का बड़ा आरोप- 'सत्ता के संरक्षण में हो रही हैं ऐसी घटनाएं'


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पटनाः मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे का निधन (Maithili Litterateur Lily Ray Passed Away) गुरुवार को हो गया है. 92 वर्ष की उम्र में दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली. लिली रे के निधन पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत साहित्यकारों ने गहरा शोक व्यक्त (CM Nitish Expressed Grief Over lily ray Death) किया है. शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके निधन को दुखद बताया है.

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मुख्यमंत्री ने लिखा 'मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे जी का निधन दुःखद. लिली रे जी का मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्हें वर्ष 1982 में मैथिली उपन्यास 'मरीचिका' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है.

  • मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे जी का निधन दुःखद। लिली रे जी का मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्हें वर्ष 1982 में मैथिली उपन्यास ‘मरीचिका’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।

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बताते चलें कि लिली रे का जन्म 26 जनवरी, 1933 को हुआ था. उनके पिता पं. भीमनाथ मिश्र उस समय के आईपीएस थे. लिली रे का मायका पूर्णिया जिले के रामनगर में था. 28 जनवरी, 1945 को उनकी शादी कटिहार जिले के दुर्गागंज निवासी डॉ. हरेन्द्र नारायण राय से हुई. वे स्थायी रूप में सिलीगुड़ी में रह रही थीं. फिलहाल वे अपने पुत्र के पास दिल्ली में रह रही थीं, जहां उनका निधन हो गया.

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