सीतामढ़ी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज प्रगति यात्रा के तहत शिवहर और सीतामढ़ी दौरे पर हैं. सीतामढ़ी में उन्होंने चार वर्षों से बंद रीगा चीनी मिल का उद्घाटन किया. कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक पुतुर देव राजुलू ने बताया कि विस्तार के क्रम में इस मिल की पेराई क्षमता का विस्तार 5000 टीसीडी से बढ़कर 10000 टीसीडी तक किया जाएगा. डिस्टिलरी का विस्तार 45 केएलपीडी से 545 केएलपीडी तक, बिजली की आपूर्ति 11 मेगावाट से 50 मेगावाट तक करने के साथ ही प्रेस्डमड से 20 टीडीपी सीबीजी (कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट) स्थापित किए जाएंगे.
मिल किसानों को देंगे गन्ना के नए प्रभेद के बीज: पी. देवराजुलु ने कहा कि पहले जितने भी मजदूर इस मिल में काम करते थे, उन सबों की सेवा की जाएगी. किसी का साथ नहीं छोड़ा जाएगा. सभी कामगार स्थानीय होंगे. उन्होंने कहा कि उनके कर्नाटक के मिल में 30 प्रतिशत कामगार बिहार के ही हैं. रीगा चीनी मिल को नए टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा. इससे पूर्व यहां के किसानों को गन्ना के नए प्रभेद की खेती के लिए बीज उपलब्ध कराने के साथ ही तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी.
"आज से चीनी मिल चालू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन करेंगे. इस मिल में जो भी मजदूर पहले काम करते थे, उन सबों की सेवा की जाएगी. मिल के चालू होने से करीब 40 हजार लोग लाभान्वित होंगे."- पुतुर देव राजुलू, सीएमडी, रीगा चीनी मिल
आसपास के गन्ना किसान होंगे खुशहाल: चीनी मिल के नए मालिक मरूगेश आर. निरानी ने कुछ महीने पहले मिल को हर हाल में चालू करने की घोषणा की थी. वे मेसर्स निरानी सुगर, बंगलोर के चेयरमैन हैं. अपने वादे के मुताबिक निरानी मिल को नियत समय पर चालू कराने जा रहे हैं. 26 दिसंबर यानी आज मिल के उद्घाटन के साथ ही क्षेत्र के करीब 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा और वे आर्थिक रूप से संबल और खुशहाल होंगे.
किसानों की स्थिति से वाकिफ हैं निरानी: मिल मालिक निरानी करीब 25 वर्षों से चीनी मिल के कारोबार में हैं. उनके मुताबिक वे भी वे किसान परिवार से आते हैं. इस लिहाज से किसानों की स्थिति से वाकिफ हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोग हार्ड वर्क करते है. ऐसे में उनकी कोशिश राजनीति से दूर रहकर किसानों के हित के बारे में सोचने की रहेगी. अधिक से अधिक रोजगार देने की पूरी कोशिश करेंगे. वहीं, नए मिल मालिक मिलने से क्षेत्र के किसान भी खुश हैं.
हर सप्ताह गन्ना के भुगतान की कोशिश: पूर्व के चीनी मिल मालिक की ओर से समय पर किसानों को गन्ना का भुगतान नहीं किया जाता था. इस समस्या का समाधान न तो जिला प्रशासन और न राज्य सरकार ही कर सकी. हालांकि अब किसानों को आसानी से भुगतान की पूरी उम्मीद है. चेयरमैन निरानी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा है कि वे हर सप्ताह गन्ना आपूर्ति के एवज में किसानों को भुगतान करेंगे. मिल मालिक निरानी की मानें तो फिलहाल इस मिल की क्षमता 11 मेगावाट बिजली उत्पादन की है, आने वाले समय में इसे बढ़ाकर 20 मेगावाट करेंगे. साथ ही सरकार को भी बिजली की आपूर्ति करेंगे.
40 हजार लोग होंगे लाभान्वित: रीगा चीनी मिल 1932 में स्थापित हुए था लेकिन 2021 में बंद हो गया था. इस वजह से 40 हजार गन्ना किसानों के साथ हजारों कामगार, छोटे-बड़े दुकानदार, व्यापारी, वाहन कारोबारी, उनसे जुड़े परिवार के कम से कम 5 लाख की आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है. इन सब के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई थी. अब आज से मिल के चालू होने से लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक होगी और पुराने अच्छे दिन फिर लौट आएंगे.
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