पटना : महावीर वात्सल्य अस्पताल में एक नवजात बच्ची का बेहद ही जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है. दरअसल, बच्ची की जन्म के समय खाने की नली विकसित नहीं हुई थी. ऐसे में चिकित्सकों की टीम ने दूरबीन विधि से सर्जरी कर बच्ची की जान बचाई है. महावीर वात्सल्य अस्पताल में डाॅक्टरों की टीम ने 3 दिन की नवजात बच्ची के खाने की नली बनाकर उसकी जान बचा लिया. महावीर वात्सल्य अस्पताल प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई कि नवजात बच्ची के मुंह से झाग निकल रहा था. उसे सांस लेने में भी तकलीफ थी, जिसके बाद उसे ऑक्सीजन स्पोर्ट पर रखकर इमरजेंसी हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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धरती के भगवान ने बचाई नवजात की जान: महावीर वात्सल्य अस्पताल के पीडिएट्रिक सर्जन डाॅ ओम पूर्वे ने बताया कि बच्ची के खाने की नली नहीं बनी थी. इसे मेडिकल टर्म में ट्रेकियो इसोफेजियल फिस्टुला (Tracheoesophageal Fistula) कहते हैं. ऐसे मामलों में नवजात को बचाना मुश्किल होता है. बिहार के सीमांचल से आयी बच्ची को पहले वेंटिलेटर पर रखा गया, फिर थोड़ा स्थिर होने पर दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर उसके खाने की नली बनायी गयी. डाॅ ओम पूर्वे ने बताया कि इस ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती वन लंग वेंटिलेशन की होती है. यानी एक ही फेफड़े से सांस देना होता है.
''ऑपरेशन के बाद बच्ची सामान्य तरीके से दूध पीने लगी तो उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. लगभग 1 सप्ताह तक बच्ची अस्पताल में एडमिट रही और 2 दिनों पूर्व उसे डिस्चार्ज किया गया है. सोमवार को अस्पताल की ओर से बच्ची के पेरेंट्स से संपर्क किया गया तो बच्ची की स्थिति काफी बेहतर है पता चला.''- डॉ ओम पूर्वे, पीडियाट्रिक सर्जन, महावीर वात्सल्य अस्पताल
सस्ती सर्जरी से हो पाया संभव: बताया जा रहा है कि बड़े शहरों में ऐसे ऑपरेशन बहुत खर्चीले होते हैं, महावीर वात्सल्य अस्पताल में मात्र 20 हजार रुपये में यह ऑपरेशन किया गया है. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए डाॅक्टरों की टीम को बधाई दी है. बच्ची के सर्जरी के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम बनाई गई थी, जिसमें डाॅ गीता और डाॅ पुलक तोष के साथ पेडिएट्रिक सर्जन डाॅ राकेश के सहयोग से इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.