पटना: बिहार में लोकसभा का चुनाव महागठबंधन ने भले ही तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा हो. लेकिन 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव का नेतृत्व सहयोगी पार्टी को स्वीकार नहीं है. वहीं, शनिवार को आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विस चुनाव लड़ने की बात की गई है.
आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में की गई. इस बैठक में अनेक बिंदुओं पर भी चर्चा की गई. पार्टी को बूथ लेवल तक कैसे मजबूत करना है. इसको लेकर बैठक में विस्तार से चर्चा हुई. वहीं, 2020 चुनाव के लिए सीएम पद का उम्मीदवार तेजस्वी यादव को घोषित किया गया.
सहयोगी दल को स्वीकार नहीं
आरजेडी ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर भले ही फैसला कर लिया हो. लेकिन महागठबधंन के सहयोगी दल तेजस्वी यादव के नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. सहयोगी दलों में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा में तेजस्वी के नेतृत्व के सवाल पर कहा कि महागठबंधन की बैठक में ही फैसला होगा कि किसके नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना है. उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ें, यह जल्दबाजी होगी.
मच गई खलबली!
तेजस्वी यादव पर लिए गए फैसले को लेकर राजद के सहयोगी दलों में खलबली मच गई है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता विजय यादव ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि आरजेडी ने तेजस्वी यादव को अपना नेता माना है. लेकिन हम लोग गठबंधन में 5 से 6 दल हैं. महागठबंधन की बैठक में निर्णय होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा. हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी का भी मानना यही है कि महागठबंधन में तेजस्वी का नेतृत्व सिर्फ लोकसभा चुनाव के दरमियान ही था. लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में नेतृत्व महागठबंधन के बैठक में ही तय किया जाएगा.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व को खारिज करते हुए कहा कि महागठबंधन का नेतृत्व पर अभी फैसला लेना जल्दबाजी होगी. महागठबंधन में बैठकर फैसला लिया जाएगा कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा. हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा महागठबंधन में जो सबसे बड़ा दल होगा. उसका ही नेतृत्व स्वीकार होगा. इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि किसके नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना है और अभी चुनाव में लंबा समय है. उससे पहले महागठबंधन की बैठक में तय हो जाएगा कि नेतृत्व किसका होगा.