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मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान पर भड़का महागठबंधन, आंदोलन की दी चेतावनी

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान ने बिहार की राजनीति तूल पकड़ लिया है. बयान के बाद महागठबंधन के नेता लगातार बीजेपी और संघ संचालक की आलोचना करने में लगे हैं.

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Published : Aug 20, 2019, 1:33 PM IST

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पटना: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान के बाद से बिहार की राजनीति में खलबली मच गई है. महागठबंधन ने मोहन भागवत के बयान का विरोध किया है. महागठबंधन में शामिल आरजेडी और हम पार्टी ने उनके बयान को लेकर आरएसएस प्रमुख की जमकर आलोचना की. विपक्षी पार्टी की ओर से कहा गया कि अगर आरक्षण से छेड़छाड़ किया गया तो देश में क्रांति होगी. लोग सड़क पर निकल कर प्रदर्शन करना शुरू कर देंगे.

आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र और हम प्रवक्ता विजय यादव

'आरक्षण को समाप्त कर रहे भागवत'
आरजेडी नेता और प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने इस संबंध में कहा कि आरएसएस और बीजेपी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. उन्होंने कहा कि भीम राव अंबेडकर ने गरीबों के हित के लिए आरक्षण लाया था. ताकि इससे पिछड़ा वर्ग मुख्य धारा में बना रहे. लेकिन, मोहन भागवत के बयान से साफ झलकता है कि वह आरक्षण को खत्म करने में लगे हैं. भाई वीरेन्द्र ने बताया कि आरक्षण के साथ थोड़ा भी छेड़छाड़ हुआ तो जनआंदोलन होगा. लोग सड़क पर उतर कर क्रांति करेंगे. भाई वीरेन्द्र ने मोहन भागवत पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वह पहले भी आरक्षण को समाप्त करने की वकालत कर चुके हैं.

patna
मोहन भागवत , आरएसएस प्रमुख

'संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं'
आरजेडी प्रवक्ता ने मोहन भागवत पर तंज कसते हुए कहा कि वह जान बूझकर आरक्षण पर बहस करना चाहते हैं. ताकि आरक्षण समाप्त हो जाए. जिस प्रकार आर्टिकल 370 और 35 ए को समाप्त कर दिया गया है. ठीक उसी प्रकार से आरक्षण को भी खत्म करने में लगे हैं. अगर संविधान के साथ कुछ भी छेड़छाड़ हुआ तो उसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

'आरक्षण खत्म होने पर लोग देंगे कुर्बानी'
वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव भी अपने आवेश को रोक नहीं पाए. प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि अगर आरक्षण से जरा भी छेड़छाड़ हुआ तो हजारों लोग कुर्बानी दे देंगे. यह सब बीजेपी के कहने पर हो रहा है. उन्होंने भागवत को चेतावनी देते हुए कहा कि आरक्षण खत्म हो गया तो देश शांत बैठने वाला नहीं है. सड़कों पर लोगों की जनक्रांति देखने को मिलेगी.

क्या कहा मोहन भागवत ने ?
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुखिया मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वह आरक्षण के पक्ष में हैं. जो इसके खिलाफ है उन लोगों के बीच इस पर सद्भाव पूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए. भागवत ने कहा था कि पहले भी आरक्षण पर कई बातें हुई. लेकिन, इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई थी.

  • सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिये गये भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री अरुण कुमार जी का वक्तव्य : pic.twitter.com/N8ExNDCwPC

    — RSS (@RSSorg) August 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत में इस प्रकार है आरक्षण
उन्होंने कहा था कि राजनीतिक पार्टियों को समझना चाहिए कि आखिर कब तक यह व्यवस्था चल सकती है. भारत में आरक्षण के तहत अनुसूचित जाति को फिलहाल 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 7.5 % ,ओबीसी- पिछड़ी जातियों के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर गरीब सवर्णों के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई है. इस पर अब बहस की जरूरत है.

पटना: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान के बाद से बिहार की राजनीति में खलबली मच गई है. महागठबंधन ने मोहन भागवत के बयान का विरोध किया है. महागठबंधन में शामिल आरजेडी और हम पार्टी ने उनके बयान को लेकर आरएसएस प्रमुख की जमकर आलोचना की. विपक्षी पार्टी की ओर से कहा गया कि अगर आरक्षण से छेड़छाड़ किया गया तो देश में क्रांति होगी. लोग सड़क पर निकल कर प्रदर्शन करना शुरू कर देंगे.

आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र और हम प्रवक्ता विजय यादव

'आरक्षण को समाप्त कर रहे भागवत'
आरजेडी नेता और प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने इस संबंध में कहा कि आरएसएस और बीजेपी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. उन्होंने कहा कि भीम राव अंबेडकर ने गरीबों के हित के लिए आरक्षण लाया था. ताकि इससे पिछड़ा वर्ग मुख्य धारा में बना रहे. लेकिन, मोहन भागवत के बयान से साफ झलकता है कि वह आरक्षण को खत्म करने में लगे हैं. भाई वीरेन्द्र ने बताया कि आरक्षण के साथ थोड़ा भी छेड़छाड़ हुआ तो जनआंदोलन होगा. लोग सड़क पर उतर कर क्रांति करेंगे. भाई वीरेन्द्र ने मोहन भागवत पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वह पहले भी आरक्षण को समाप्त करने की वकालत कर चुके हैं.

patna
मोहन भागवत , आरएसएस प्रमुख

'संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं'
आरजेडी प्रवक्ता ने मोहन भागवत पर तंज कसते हुए कहा कि वह जान बूझकर आरक्षण पर बहस करना चाहते हैं. ताकि आरक्षण समाप्त हो जाए. जिस प्रकार आर्टिकल 370 और 35 ए को समाप्त कर दिया गया है. ठीक उसी प्रकार से आरक्षण को भी खत्म करने में लगे हैं. अगर संविधान के साथ कुछ भी छेड़छाड़ हुआ तो उसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

'आरक्षण खत्म होने पर लोग देंगे कुर्बानी'
वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव भी अपने आवेश को रोक नहीं पाए. प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि अगर आरक्षण से जरा भी छेड़छाड़ हुआ तो हजारों लोग कुर्बानी दे देंगे. यह सब बीजेपी के कहने पर हो रहा है. उन्होंने भागवत को चेतावनी देते हुए कहा कि आरक्षण खत्म हो गया तो देश शांत बैठने वाला नहीं है. सड़कों पर लोगों की जनक्रांति देखने को मिलेगी.

क्या कहा मोहन भागवत ने ?
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुखिया मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वह आरक्षण के पक्ष में हैं. जो इसके खिलाफ है उन लोगों के बीच इस पर सद्भाव पूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए. भागवत ने कहा था कि पहले भी आरक्षण पर कई बातें हुई. लेकिन, इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई थी.

  • सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिये गये भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री अरुण कुमार जी का वक्तव्य : pic.twitter.com/N8ExNDCwPC

    — RSS (@RSSorg) August 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत में इस प्रकार है आरक्षण
उन्होंने कहा था कि राजनीतिक पार्टियों को समझना चाहिए कि आखिर कब तक यह व्यवस्था चल सकती है. भारत में आरक्षण के तहत अनुसूचित जाति को फिलहाल 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 7.5 % ,ओबीसी- पिछड़ी जातियों के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर गरीब सवर्णों के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई है. इस पर अब बहस की जरूरत है.

Intro: आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कहां आरक्षण की मंजिल अभी काफी दूर है आरक्षण मैं छेड़छाड़ हुआ तो होगा जन आंदोलन कितने लोग हो जाएंगे कुर्बान--


Body:पटना--- तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले आर एस एस प्रमुख बड़ा बयान आरक्षण की समीक्षा की जरूरत है मोहन भागवत के इस बयान के बाद बिहार महागठबंधन के नेताओं ने तीखा प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने मोहन भागवत सहित बीजेपी पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी और आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करते हैं बरदाश्त नहीं होगा भारतीय संविधान में बाबा भीमराव अंबेडकर ने गरीब पिछड़ों को संविधान में आरक्षण का प्रावधान किए हुए हैं और उस प्रावधान को भारतीय जनता पार्टी और आर एस एस प्रमुख छेड़छाड़ करना चाहते हैं यह तो आशंका बहुत पहले से ही देश को थी लेकिन अब मोहन भागवत का बयान आशंका को दर्शाने लगा है आरक्षण समाप्त करने के लिए मोहन भागवत कई बार अपनी वकालत भी कर चुके हैं लेकिन आरक्षण के साथ छेड़छाड़ होता है तो पूरे देश में आरक्षण को लेकर विरोध होगा और लोग सड़क पर उतर कर क्रांति करने का काम करेंगे यदि आरक्षण के साथ छेड़छाड़ होगा तो जिन्हें आरक्षण मिल रहा है या मिलने वाला है उसे समाप्त कर दिया जाएगा।

भाई बिरेंद्र में कहा कि मोहन भागवत आरक्षण पर ऐसे ही बहस कराना चाहते हैं ताकि आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए धारा 370 35a पर बिना बहस किए समाप्त कर दिया गया यदि आरक्षण के साथ ऐसा ही छेड़छाड़ हुआ तो इसके लिए आंदोलन होगा और देश में कोई स्थिर नहीं रह सकता है भाई बिरेंद्र ने कड़ा बयान देते हुए कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करती हैं तो यह किसी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही आरक्षण समाप्त करने के पक्षधर हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी आरक्षण को समाप्त करती है तो बहुत बड़ा आंदोलन होगा लोग सड़क पर उतरेंगे इसके लिए चाहे जो भी कुर्बानी देनी हो वह लोग देंगे। प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत यदि सोच रहे हैं कि देश से आरक्षण समाप्त कर दिया जाए तो देश से आरक्षण समाप्त होने वाला नहीं है यदि संविधान में आरक्षण के का जो प्रधान है उसके साथ छेड़छाड़ किया जाएगा तो इसके लिए हजारों लोग अपनी कुर्बानी दे देंगे।

बाइट--- भाई बिरेंद्र नेता आरजेडी

बाइट--- विजय यादव प्रवक्ता हम


Conclusion: हम आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुखिया मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सद्भाव पूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए भागवत ने कहा की उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई थी विरोध ही दोनों पक्षों को यह समझना चाहिए कि आखिर यह व्यवस्था कब तक चल सकती है भारत में आरक्षण के तहत अनुसूचित जाति को फिलहाल 15 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति को 7.5 प्रतिशत ओबीसी पिछड़ी जातियों के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर गरीब सवर्णों के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई है इस पर अब बहस होने की जरूरत है
मोहन भागवत के इस बयान के बाद एक बार फिर से विपक्षी पार्टी बीजेपी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को आड़े हाथ लेना शुरू कर दिया है।
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