पटना: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान के बाद से बिहार की राजनीति में खलबली मच गई है. महागठबंधन ने मोहन भागवत के बयान का विरोध किया है. महागठबंधन में शामिल आरजेडी और हम पार्टी ने उनके बयान को लेकर आरएसएस प्रमुख की जमकर आलोचना की. विपक्षी पार्टी की ओर से कहा गया कि अगर आरक्षण से छेड़छाड़ किया गया तो देश में क्रांति होगी. लोग सड़क पर निकल कर प्रदर्शन करना शुरू कर देंगे.
'आरक्षण को समाप्त कर रहे भागवत'
आरजेडी नेता और प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने इस संबंध में कहा कि आरएसएस और बीजेपी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. उन्होंने कहा कि भीम राव अंबेडकर ने गरीबों के हित के लिए आरक्षण लाया था. ताकि इससे पिछड़ा वर्ग मुख्य धारा में बना रहे. लेकिन, मोहन भागवत के बयान से साफ झलकता है कि वह आरक्षण को खत्म करने में लगे हैं. भाई वीरेन्द्र ने बताया कि आरक्षण के साथ थोड़ा भी छेड़छाड़ हुआ तो जनआंदोलन होगा. लोग सड़क पर उतर कर क्रांति करेंगे. भाई वीरेन्द्र ने मोहन भागवत पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वह पहले भी आरक्षण को समाप्त करने की वकालत कर चुके हैं.
'संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं'
आरजेडी प्रवक्ता ने मोहन भागवत पर तंज कसते हुए कहा कि वह जान बूझकर आरक्षण पर बहस करना चाहते हैं. ताकि आरक्षण समाप्त हो जाए. जिस प्रकार आर्टिकल 370 और 35 ए को समाप्त कर दिया गया है. ठीक उसी प्रकार से आरक्षण को भी खत्म करने में लगे हैं. अगर संविधान के साथ कुछ भी छेड़छाड़ हुआ तो उसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
'आरक्षण खत्म होने पर लोग देंगे कुर्बानी'
वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव भी अपने आवेश को रोक नहीं पाए. प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि अगर आरक्षण से जरा भी छेड़छाड़ हुआ तो हजारों लोग कुर्बानी दे देंगे. यह सब बीजेपी के कहने पर हो रहा है. उन्होंने भागवत को चेतावनी देते हुए कहा कि आरक्षण खत्म हो गया तो देश शांत बैठने वाला नहीं है. सड़कों पर लोगों की जनक्रांति देखने को मिलेगी.
क्या कहा मोहन भागवत ने ?
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुखिया मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वह आरक्षण के पक्ष में हैं. जो इसके खिलाफ है उन लोगों के बीच इस पर सद्भाव पूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए. भागवत ने कहा था कि पहले भी आरक्षण पर कई बातें हुई. लेकिन, इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई थी.
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सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिये गये भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री अरुण कुमार जी का वक्तव्य : pic.twitter.com/N8ExNDCwPC
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भारत में इस प्रकार है आरक्षण
उन्होंने कहा था कि राजनीतिक पार्टियों को समझना चाहिए कि आखिर कब तक यह व्यवस्था चल सकती है. भारत में आरक्षण के तहत अनुसूचित जाति को फिलहाल 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 7.5 % ,ओबीसी- पिछड़ी जातियों के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर गरीब सवर्णों के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई है. इस पर अब बहस की जरूरत है.