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सीमांचल में NDA और महागठबंधन के लिए ओवैसी ने बढ़ाई मुश्किलें, MY समीकरण पर कितना दारोमदार - Mahagathbandhan and NDA claimed victory

बिहार चुनाव में सीमांचल की सीटों पर एनडीए और महागठबंधन की ओर से दावे किए जा रहे हैं. हालांकि ओवैसी ने दोनों ही गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है. जेडीयू के नेता नीतीश कुमार के दम पर सभी सीट हासिल करने का दावा कर रहे हैं. वहीं, आरजेडी के नेता तेजस्वी को समर्थन मिलने की बात कह रहे हैं.

Mahagathbandhan and NDA claimed victory on Seemanchal seats bihar assembly election 2020
Mahagathbandhan and NDA claimed victory on Seemanchal seats bihar assembly election 2020
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Published : Nov 5, 2020, 10:18 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल के 4 जिले किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया का मुकाबला इस बार दिलचस्प होने वाला है. क्योंकि सीमांचल के विधानसभा सीटों पर एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी की नजर है. वो अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में कई जनसभा भी किए हैं. हालांकि महागठबंधन भी एमवाई समीकरण के भरोसे सीट जीतने की कोशिश में लगा है. जबकि सीमांचल के 4 लोकसभा सीटों में से 3 एनडीए के पास है.

इस बार के चुनाव को लेकर जेडीयू नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए सबसे ज्यादा काम किया है. अल्पसंख्यकों के हित को लेकर वो ज्यादा जागरूक रहे हैं. वो हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं. सीमांचल में नीतीश कुमार का चेहरा गेम चेंजर है. इसलिए अधिकांश सीटें एनडीए को ही मिलेगी. इसके अलावा अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने समाज के हर तबके का विकास किया है. सभी धर्म और संप्रदाय के लोग नीतीश कुमार के साथ हैं. इसी वजह से एनडीए सीमांचल में अच्छी जीत दर्ज करेगा.

पेश है रिपोर्ट

'तेजस्वी को जनता देगी समर्थन'
इसके अलावा आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि इस बार सीधी लड़ाई महाभारत के पांडव और कौरवों की तरह है. जिसमें तेजस्वी यादव एक ओर है और उनके साथ प्रदेश की जनता है. दूसरी और एनडीए के लोग हैं. इस सच और झूठ, अमीरी और गरीबी की लड़ाई में हमें पूरा विश्वास है कि जनता तेजस्वी यादव को जरूर अपना आशीर्वाद देगी.

ओवैसी ने बढ़ाई मुश्किलें
हालांकि सीमांचल में ओवैसी की इंट्री से महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ गई है. इसका लाभ एनडीए को मिल सकता है. लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर कहते हैं कि मुस्लिम वोटर बीजेपी के खिलाफ वोट कर सकते हैं. उसी उम्मीदवार को अपना वोट देंगे जो बीजेपी और उनके साथ रहने वाले दल को हरा सके. ऐसे में एआईएमआईएम कितना वोट हासिल करेगी सब कुछ उसी पर निर्भर है. वहीं, तीन तलाक सीएए और एनआरसी के कारण जेडीयू को भी नुकसान हो सकता है.

24 मुस्लिम बहुल सीट महत्वपूर्ण
बता दें कि सीमांचल के चार जिलों के 24 विधानसभा सीटों का फैसला 60 लाख से अधिक मतदाता इस बार करेंगे. सबसे ज्यादा वोटर 20 लाख 53 हजार पूर्णिया के सात विधानसभा क्षेत्र में है. उसके बाद कटिहार जिले के 7 विधानसभा क्षेत्र में है. यहां कुल वोटरों की संख्या 19.12 लाख है. वहीं, अररिया में 6 विधानसभा क्षेत्र है और यहां कुल 17 लाख 88 हजार मतदाता है. साथ ही किशनगंज के 4 विधानसभा क्षेत्र में 10 लाख 87 हजार मतदाता वोट डालेंगे.

एमवाई समीकरण के दम पर जीत की उम्मीद
वैसे सीमांचल के तीन जिलों किशनगंज, अररिया और कटिहार में 30 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोटर हैं. किशनगंज में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता हैं. जबकि पूर्णिया में 20 फीसदी से अधिक मुस्लिम मतदाता अधिक है. पूरे इलाके में एमवाई समीकरण के सहारे आरजेडी और कांग्रेस को बड़ी जीत की उम्मीद है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल के 4 जिले किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया का मुकाबला इस बार दिलचस्प होने वाला है. क्योंकि सीमांचल के विधानसभा सीटों पर एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी की नजर है. वो अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में कई जनसभा भी किए हैं. हालांकि महागठबंधन भी एमवाई समीकरण के भरोसे सीट जीतने की कोशिश में लगा है. जबकि सीमांचल के 4 लोकसभा सीटों में से 3 एनडीए के पास है.

इस बार के चुनाव को लेकर जेडीयू नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए सबसे ज्यादा काम किया है. अल्पसंख्यकों के हित को लेकर वो ज्यादा जागरूक रहे हैं. वो हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं. सीमांचल में नीतीश कुमार का चेहरा गेम चेंजर है. इसलिए अधिकांश सीटें एनडीए को ही मिलेगी. इसके अलावा अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने समाज के हर तबके का विकास किया है. सभी धर्म और संप्रदाय के लोग नीतीश कुमार के साथ हैं. इसी वजह से एनडीए सीमांचल में अच्छी जीत दर्ज करेगा.

पेश है रिपोर्ट

'तेजस्वी को जनता देगी समर्थन'
इसके अलावा आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि इस बार सीधी लड़ाई महाभारत के पांडव और कौरवों की तरह है. जिसमें तेजस्वी यादव एक ओर है और उनके साथ प्रदेश की जनता है. दूसरी और एनडीए के लोग हैं. इस सच और झूठ, अमीरी और गरीबी की लड़ाई में हमें पूरा विश्वास है कि जनता तेजस्वी यादव को जरूर अपना आशीर्वाद देगी.

ओवैसी ने बढ़ाई मुश्किलें
हालांकि सीमांचल में ओवैसी की इंट्री से महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ गई है. इसका लाभ एनडीए को मिल सकता है. लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर कहते हैं कि मुस्लिम वोटर बीजेपी के खिलाफ वोट कर सकते हैं. उसी उम्मीदवार को अपना वोट देंगे जो बीजेपी और उनके साथ रहने वाले दल को हरा सके. ऐसे में एआईएमआईएम कितना वोट हासिल करेगी सब कुछ उसी पर निर्भर है. वहीं, तीन तलाक सीएए और एनआरसी के कारण जेडीयू को भी नुकसान हो सकता है.

24 मुस्लिम बहुल सीट महत्वपूर्ण
बता दें कि सीमांचल के चार जिलों के 24 विधानसभा सीटों का फैसला 60 लाख से अधिक मतदाता इस बार करेंगे. सबसे ज्यादा वोटर 20 लाख 53 हजार पूर्णिया के सात विधानसभा क्षेत्र में है. उसके बाद कटिहार जिले के 7 विधानसभा क्षेत्र में है. यहां कुल वोटरों की संख्या 19.12 लाख है. वहीं, अररिया में 6 विधानसभा क्षेत्र है और यहां कुल 17 लाख 88 हजार मतदाता है. साथ ही किशनगंज के 4 विधानसभा क्षेत्र में 10 लाख 87 हजार मतदाता वोट डालेंगे.

एमवाई समीकरण के दम पर जीत की उम्मीद
वैसे सीमांचल के तीन जिलों किशनगंज, अररिया और कटिहार में 30 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोटर हैं. किशनगंज में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता हैं. जबकि पूर्णिया में 20 फीसदी से अधिक मुस्लिम मतदाता अधिक है. पूरे इलाके में एमवाई समीकरण के सहारे आरजेडी और कांग्रेस को बड़ी जीत की उम्मीद है.

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