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क्या 2019 की अग्निपरीक्षा में सफल हो पाएंगे तेजस्वी यादव? - the NDA leaders are tightly tanning

लोकसभा चुनाव सिर्फ पीएम मोदी के लिए चुनौती नहीं है. बल्कि बिहार में तेजस्वी यादव के लिए भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है.

तेजस्वी यादव
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Published : Apr 19, 2019, 7:42 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव सिर्फ पीएम मोदी के लिए चुनौती नहीं है,बल्कि बिहार में तेजस्वी यादव के लिए भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. लालू की अनुपस्थिति में पार्टी और गठबंधन की बागडोर संभाल रहे तेजस्वी के लिये इस चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि वे बिहार की राजनीति में कितनी लंबी पारी खेल पाएंगे.

तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. इस बार लालू की अनुपस्थिति में भी तेजस्वी न सिर्फ राजद का नेतृत्व कर रहे हैं, बल्कि महागठबंधन का दारोमदार भी उन्हीं के कंधों पर है. माना जा रहा है कि 2019 का चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के लिए बड़ी चुनौती है. वहीं, बिहार में तेजस्वी यादव के लिए यह चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. क्योंकि इस चुनाव के नतीजे राजद और बिहार में विपक्ष की राजनीति की दशा और दिशा तय करेगी.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

बड़े भाई तेजप्रताप यादव के साथ चल रहा विवाद
एक ओर तो तेजस्वी यादव लगातार अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सामंजस्य बिठाने की कवायद कर रहे हैं. दूसरी तरफ उनके अपने परिवार में ही बड़े भाई तेजप्रताप से शीत युद्ध जग जाहिर है. टिकट नहीं मिलने से नाराज अली अशरफ फातमी और मंगनी लाल मंडल जैसे कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. जबकि कई वरिष्ठ नेता इस बात से नाराज हैं कि लालू यादव ने वरिष्ठ नेताओं की जगह तेजस्वी यादव को सारी जिम्मेदारी दे दी और अब पार्टी में उन्हें ज्यादा महत्व नहीं मिल रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव में तालमेल की कमी भी चर्चा में है.

तेजस्वी के लिए है बड़ी चुनौती
महागठबंधन के कई वरिष्ठ नेता शरद यादव, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को साथ लेकर चलना भी तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती है. यह सब तब हो रहा है जब लालू यादव खुद जेल में हैं. इन सबके बीच तेजस्वी यादव लगातार चुनाव प्रचार में लगे हैं.


एनडीए के नेता कस रहे हैं तंज
बीजेपी नेता मानते हैं कि तेजस्वी की अनुभव हीनता और बड़े भाई से उनका विवाद पार्टी को ले डूबेगा. वहीं जदयू नेता भी मानते हैं कि पहले तो नीतीश कुमार की सरपरस्ती में तेजस्वी का काम चल गया था. लेकिन इस बार उन्हें अपनी औकात का पता चल जाएगा.


आरजेडी ने किया पलटवार
एनडीए नेताओं के बयान पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने बड़ा हमला बोला है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि किसको किसकी औकात का पता चलेगा यह तो चुनाव के परिणाम बता देंगे. फिलहाल एनडीए नेता कितने दबाव में है यह उनके बयानों से ही पता चल रहा है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव का भविष्य उज्जवल है और उन के बढ़ते कदम से ना सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि बीजेपी के नेता भी खासे परेशान हैं.

पटना: लोकसभा चुनाव सिर्फ पीएम मोदी के लिए चुनौती नहीं है,बल्कि बिहार में तेजस्वी यादव के लिए भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. लालू की अनुपस्थिति में पार्टी और गठबंधन की बागडोर संभाल रहे तेजस्वी के लिये इस चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि वे बिहार की राजनीति में कितनी लंबी पारी खेल पाएंगे.

तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. इस बार लालू की अनुपस्थिति में भी तेजस्वी न सिर्फ राजद का नेतृत्व कर रहे हैं, बल्कि महागठबंधन का दारोमदार भी उन्हीं के कंधों पर है. माना जा रहा है कि 2019 का चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के लिए बड़ी चुनौती है. वहीं, बिहार में तेजस्वी यादव के लिए यह चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. क्योंकि इस चुनाव के नतीजे राजद और बिहार में विपक्ष की राजनीति की दशा और दिशा तय करेगी.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

बड़े भाई तेजप्रताप यादव के साथ चल रहा विवाद
एक ओर तो तेजस्वी यादव लगातार अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सामंजस्य बिठाने की कवायद कर रहे हैं. दूसरी तरफ उनके अपने परिवार में ही बड़े भाई तेजप्रताप से शीत युद्ध जग जाहिर है. टिकट नहीं मिलने से नाराज अली अशरफ फातमी और मंगनी लाल मंडल जैसे कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. जबकि कई वरिष्ठ नेता इस बात से नाराज हैं कि लालू यादव ने वरिष्ठ नेताओं की जगह तेजस्वी यादव को सारी जिम्मेदारी दे दी और अब पार्टी में उन्हें ज्यादा महत्व नहीं मिल रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव में तालमेल की कमी भी चर्चा में है.

तेजस्वी के लिए है बड़ी चुनौती
महागठबंधन के कई वरिष्ठ नेता शरद यादव, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को साथ लेकर चलना भी तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती है. यह सब तब हो रहा है जब लालू यादव खुद जेल में हैं. इन सबके बीच तेजस्वी यादव लगातार चुनाव प्रचार में लगे हैं.


एनडीए के नेता कस रहे हैं तंज
बीजेपी नेता मानते हैं कि तेजस्वी की अनुभव हीनता और बड़े भाई से उनका विवाद पार्टी को ले डूबेगा. वहीं जदयू नेता भी मानते हैं कि पहले तो नीतीश कुमार की सरपरस्ती में तेजस्वी का काम चल गया था. लेकिन इस बार उन्हें अपनी औकात का पता चल जाएगा.


आरजेडी ने किया पलटवार
एनडीए नेताओं के बयान पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने बड़ा हमला बोला है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि किसको किसकी औकात का पता चलेगा यह तो चुनाव के परिणाम बता देंगे. फिलहाल एनडीए नेता कितने दबाव में है यह उनके बयानों से ही पता चल रहा है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव का भविष्य उज्जवल है और उन के बढ़ते कदम से ना सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि बीजेपी के नेता भी खासे परेशान हैं.

Intro:2019 का लोकसभा चुनाव सिर्फ पीएम मोदी के लिए चुनौती नहीं बल्कि बिहार में तेजस्वी यादव के लिए भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है लालू की अनुपस्थिति में पार्टी और गठबंधन की बागडोर संभाल रहे तेजस्वी के लिये इस चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि वे बिहार की राजनीति में कितनी लंबी पारी खेल पाएंगे। एक खास रिपोर्ट


Body:तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। इस बार लालू की अनुपस्थिति में भी तेजस्वी ना सिर्फ राजद का नेतृत्व कर रहे हैं बल्कि महागठबंधन का दारोमदार भी उन्हीं के कंधों पर है। माना जा रहा है कि 2019 का चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के लिए बड़ी चुनौती है वहीं बिहार में तेजस्वी यादव के लिए यह चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है क्योंकि इस चुनाव के नतीजे राजद और बिहार में विपक्ष की राजनीति की दशा और दिशा तय करेंगे।
एक ओर तो तेजस्वी यादव लगातार अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सामंजस्य बिठाने की कवायद कर रहे हैं दूसरी तरफ उनके अपने परिवार में ही बड़े भाई तेजप्रताप से शीत युद्ध जग जाहिर है। टिकट नहीं मिलने से नाराज अली अशरफ फातमी और मंगनी लाल मंडल जैसे कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। जबकि कई वरिष्ठ नेता इस बात से नाराज है कि लालू यादव ने वरिष्ठ नेताओं की जगह तेजस्वी यादव को सारी जिम्मेदारी दे दी और अब पार्टी में उन्हें कोई ज्यादा महत्व नहीं मिल रहा। दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव में तालमेल की कमी भी चर्चा में है। यही नहीं महागठबंधन के कई वरिष्ठ नेता शरद यादव, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को साथ लेकर चलना भी तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती है और यह सब तब जब लालू यादव खुद जेल में हैं। इन सबके बीच तेजस्वी यादव लगातार चुनाव प्रचार में लगे हैं।
बीजेपी नेता मानते हैं कि तेजस्वी की अनुभव हीनता और बड़े भाई से उनका विवाद पार्टी को ले डूबेगा। वहीं जदयू नेता भी मानते हैं कि पहले तो नीतीश कुमार की सरपरस्ती में तेजस्वी का काम चल गया था लेकिन इस बार उन्हें अपनी औकात का पता चल जाएगा।
एनडीए नेताओं के बयान पर राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने बड़ा हमला बोला है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि किसको किसकी औकात का पता चलेगा यह तो चुनाव के परिणाम भी बता देंगे। फिलहाल एनडीए नेता कितने दबाव में है यह उनके बयानों से ही पता चल रहा है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव का भविष्य उज्जवल है और उन के बढ़ते कदम से ना सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि बीजेपी के नेता भी खासे परेशान हैं।



Conclusion:क्या चैलैंज हैं तेजस्वी के सामने-

# बड़े भाई तेजप्रताप यादव के साथ चल रहा विवाद
# पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी
# बड़े चुनाव को हैंडल करने में अनुभव की कमी
# टिकट नहीं मिलने से नाराज फातमी और मंगनी लाल मंडल जैसे नेताओं का पार्टी छोड़ना
# महागठबंधन के कई वरिष्ठ और महत्वाकांक्षी नेताओं जैसे शरद यादव और मांझी को साथ लेकर चलना

बाइट संजय टाइगर बीजेपी नेता
शिवानंद तिवारी राजद नेता
राजीव रंजन जदयू नेता

कृपया तेजस्वी यादव के विजुअल पर फाइल लगा दें।
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