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बिहार : लॉकडाउन की अनदेखी करने वाले पुलिस कर्मियों की अब खैर नहीं

राज्य सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है. सोमवार से कोरोना के सैंपल की जांच पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में भी शुरू हो गई. इससे पहले कोरोना की जांच आरएमआरआई, आईजीआईएमएस में हो रही थी.

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Published : Apr 7, 2020, 7:37 AM IST

पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए 21 दिन के लॉकडाउन का मंगलवार को 14वां दिन है. लॉकडाउन के हालात में सरकार जरूरतमंदों की मदद के दावे कर रही है, तो दूसरी तरफ लोगों की परेशानी भी दिख रही है.

इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी 30 अप्रैल तक रद्द कर दी है. वहीं, लॉकडाउन की अनदेखी करने वाले पुलिस कर्मियों से डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीडियो जारी कर कहा है कि पुलिस के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों की सेवा में जुटे हैं. लेकिन कुछ पुलिसकर्मी भी लॉकडाउन के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं.

16 सिविल सर्जनों का स्थानांतरण

बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिले हैं. इस बीच सोमवार को सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए 16 जिलों के सिविल सर्जन के स्थानातंरण कर दिए. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, सबौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ़ संजीव कुमार सिन्हा को दरभंगा का सिविल सर्जन बनाया गया है, जबकि नवादा के सदर अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत डॉ. विमल प्रसाद सिंह को नवादा का सिविल सर्जन बनाया गया है.

गया: कोरोना आइसोलेशन वॉर्ड में घुसे 2 फर्जी डॉक्टर

बिहार के गया स्थित अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएनएमसीएच) की सुरक्षा को धता बताते हुए रविवार की रात दो संदिग्ध युवक अचानक घुस गए और कोरोना संक्रमितों के लिए बने आइसोलेशन वार्ड तक पहुंच गए. आरोप है कि ये सीधे कोरोना संक्रमित मरीज के पास पहुंच गए. इस सूचना के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. इस मामले की एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.

पटना : लॉकडाउन के दौरान बेवजह घूमना पड़ा महंगा

कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लगाए गए लॉक डाउन का प्रशासन की ओर से पूरी सख्ती से पालन कराया जा रहा है. वहीं कई जगहों पर लोग बिना वजह सड़कों पर घूमते हुए भी पकड़े गए हैं. जिले के बाढ़ अनुमंडल में लॉकडाउन के दौरान बेवजह गलियों में घूमने वाले लोगों से पुलिस ने उठक-बैठक करवाया. वहीं कई जगहों पर वाहनों की जांच भी की गई.

डाकबंगला: गलियां और होटल सील

राजधानी के डाकबंगला चौराहे से महज चंद दूरी पर स्थित होटल और गली को सील कर दिया गया है. दरअसल इस होटल में एक कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति कुछ देर के लिए रुका था. जिसके बाद कहीं ना कहीं एहतियातन पर इस पूरे होटल गली को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि जिस होटल में युवक ठहरा हुआ था. उस होटल के साथ-साथ होटल गली में मौजूद सभी होटलों को एक साथ सील कर दिया गया है.

Lockdown ने बढ़ाई इनकी मुश्किलें

कोरोना वायरस के से बचने के लिए जारी 21 दिनों का लॉक डाउन से राजधानी के नर्सरी वालों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है. इनके लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर पाना भी मुश्किल हो रहा है. पटना में शैलेश यादव अपने बचत के पैसों से नर्सरी चला रहे हैं तो वहीं परदेसी कुमार भी फूल पौधों में पानी डालकर उन्हें हरा भरा रख रहे हैं, ताकि जल जीवन हरियाली अभियान कमजोर ना पड़े.

लॉकडाउन में गैस वेंडर पहुंचा रहे घरों में सिलेंडर

सरकार के आदेशानुसार जन वितरण प्रणाली दुकान, पेट्रोल पंप एवं गैस गोदाम जैसे प्रतिष्ठानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को खाद्यान्न, पेट्रोल, डीजल एवं एलपीजी घरेलू सिलेंडर निर्धारित कीमत पर उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं इस संक्रमण काल में जिले के कई वेंडर घर-घर जाकर सिलेंडर पहुंचाने का काम पूरी सावधानी से करते हैं.

लॉकडाउन में पशु-पक्षी के जीवन पर संकट

कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू है. लोग घरों के अंदर कैद हैं. वहीं, लोगों के घरों के अंदर कैद होने से सबसे ज्यादा प्रभावित पशु पक्षी हुए हैं. दाना-पानी के बिना पशु पक्षी और हंसों की मौत भी हो रही है. राजधानी पटना के सचिवालय स्थित नौलक्खा मंदिर परिसर में हंसों का बसेरा है. 1990 के दशक में किसी श्रद्धालुओं ने मंदिर के नाम दो हंस दान किए थे. हाल के दिनों में संख्या बढ़कर 26 तक पहुंच गई थी. लेकिन आज की तारीख में 18 अंश ही बचे रह गए हैं.

लॉकडाउन : निर्मल हो रही है गंगा

लॉकडाउन के दौरान जहां एक ओर राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स में लगातार सुधार हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी पटना में गंगा का पानी भी दिन पर दिन ज्यादा स्वच्छ हो रहा है.

पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए 21 दिन के लॉकडाउन का मंगलवार को 14वां दिन है. लॉकडाउन के हालात में सरकार जरूरतमंदों की मदद के दावे कर रही है, तो दूसरी तरफ लोगों की परेशानी भी दिख रही है.

इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी 30 अप्रैल तक रद्द कर दी है. वहीं, लॉकडाउन की अनदेखी करने वाले पुलिस कर्मियों से डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीडियो जारी कर कहा है कि पुलिस के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों की सेवा में जुटे हैं. लेकिन कुछ पुलिसकर्मी भी लॉकडाउन के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं.

16 सिविल सर्जनों का स्थानांतरण

बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिले हैं. इस बीच सोमवार को सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए 16 जिलों के सिविल सर्जन के स्थानातंरण कर दिए. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, सबौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ़ संजीव कुमार सिन्हा को दरभंगा का सिविल सर्जन बनाया गया है, जबकि नवादा के सदर अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत डॉ. विमल प्रसाद सिंह को नवादा का सिविल सर्जन बनाया गया है.

गया: कोरोना आइसोलेशन वॉर्ड में घुसे 2 फर्जी डॉक्टर

बिहार के गया स्थित अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएनएमसीएच) की सुरक्षा को धता बताते हुए रविवार की रात दो संदिग्ध युवक अचानक घुस गए और कोरोना संक्रमितों के लिए बने आइसोलेशन वार्ड तक पहुंच गए. आरोप है कि ये सीधे कोरोना संक्रमित मरीज के पास पहुंच गए. इस सूचना के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. इस मामले की एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.

पटना : लॉकडाउन के दौरान बेवजह घूमना पड़ा महंगा

कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लगाए गए लॉक डाउन का प्रशासन की ओर से पूरी सख्ती से पालन कराया जा रहा है. वहीं कई जगहों पर लोग बिना वजह सड़कों पर घूमते हुए भी पकड़े गए हैं. जिले के बाढ़ अनुमंडल में लॉकडाउन के दौरान बेवजह गलियों में घूमने वाले लोगों से पुलिस ने उठक-बैठक करवाया. वहीं कई जगहों पर वाहनों की जांच भी की गई.

डाकबंगला: गलियां और होटल सील

राजधानी के डाकबंगला चौराहे से महज चंद दूरी पर स्थित होटल और गली को सील कर दिया गया है. दरअसल इस होटल में एक कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति कुछ देर के लिए रुका था. जिसके बाद कहीं ना कहीं एहतियातन पर इस पूरे होटल गली को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि जिस होटल में युवक ठहरा हुआ था. उस होटल के साथ-साथ होटल गली में मौजूद सभी होटलों को एक साथ सील कर दिया गया है.

Lockdown ने बढ़ाई इनकी मुश्किलें

कोरोना वायरस के से बचने के लिए जारी 21 दिनों का लॉक डाउन से राजधानी के नर्सरी वालों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है. इनके लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर पाना भी मुश्किल हो रहा है. पटना में शैलेश यादव अपने बचत के पैसों से नर्सरी चला रहे हैं तो वहीं परदेसी कुमार भी फूल पौधों में पानी डालकर उन्हें हरा भरा रख रहे हैं, ताकि जल जीवन हरियाली अभियान कमजोर ना पड़े.

लॉकडाउन में गैस वेंडर पहुंचा रहे घरों में सिलेंडर

सरकार के आदेशानुसार जन वितरण प्रणाली दुकान, पेट्रोल पंप एवं गैस गोदाम जैसे प्रतिष्ठानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को खाद्यान्न, पेट्रोल, डीजल एवं एलपीजी घरेलू सिलेंडर निर्धारित कीमत पर उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं इस संक्रमण काल में जिले के कई वेंडर घर-घर जाकर सिलेंडर पहुंचाने का काम पूरी सावधानी से करते हैं.

लॉकडाउन में पशु-पक्षी के जीवन पर संकट

कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू है. लोग घरों के अंदर कैद हैं. वहीं, लोगों के घरों के अंदर कैद होने से सबसे ज्यादा प्रभावित पशु पक्षी हुए हैं. दाना-पानी के बिना पशु पक्षी और हंसों की मौत भी हो रही है. राजधानी पटना के सचिवालय स्थित नौलक्खा मंदिर परिसर में हंसों का बसेरा है. 1990 के दशक में किसी श्रद्धालुओं ने मंदिर के नाम दो हंस दान किए थे. हाल के दिनों में संख्या बढ़कर 26 तक पहुंच गई थी. लेकिन आज की तारीख में 18 अंश ही बचे रह गए हैं.

लॉकडाउन : निर्मल हो रही है गंगा

लॉकडाउन के दौरान जहां एक ओर राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स में लगातार सुधार हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी पटना में गंगा का पानी भी दिन पर दिन ज्यादा स्वच्छ हो रहा है.

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