पटना: एक ओर जहां बिहार के कई इलाकों में लोगों को कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए प्रशासन को सख्ती करनी पड़ रही है, वहीं बिहार के कई जिलों के गांवों में ग्रामीण खुद को ही 'लॉकडाउन' कर रहे हैं. इसके लिए ग्रामीण गांव में आने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग कर गांव में आने-जाने वाले सभी रास्तों पर पहरा बैठा दिया है.
पश्चिमी चंपारण: गांव में बाहरी लोगों का प्रवेश बंद
पश्चिमी चंपारण के सुदूरवर्ती थरूहट इलाके के हरनाटांड पंचायत के उपमुखिया ने बताया कि, 'गांव में बैठक कर निर्णय लिया गया कि इस गांव में बाहरी लोगों का आवागमन पर रोक लगनी चाहिए और इसके लिए के लोगों ने अनोखी पहल शुरू कर दी है.' उन्होंने कहा, इस गांव में करीब 150 घर हैं. अगर हम सभी अपने थोड़े से प्रयास से यहां के लोगों को सोशल डिस्टेनिंग कर सकते हैं. अगर सभी गांव के लोग ऐसा करें तो आसानी से कोरोना को हराया जा सकता है.
बगहा: गांवों में जाने-आने पर पाबंदी
वहीं, बगहा अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों गांव खासकर थरुहट क्षेत्र में ग्रामीणों ने गांव से निकलने और गांव में प्रवेश करने वाले रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया है. करीब 25 गांवों में पीएम के लॉक डाउन के आह्वान का ग्रामीण बखूबी से पालन कर रहे हैं. जमुनापुर के ग्रामीण ने बताया कि पीएम के संदेश को लेकर लॉक डाउन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी यहां शत-प्रतिशत पालन हो रहा है.
बांका: ग्रामीणों ने लटकाया बोर्ड- 'कृपया अंदर प्रवेश न करें'
वहीं, बांका जिले में इस वायरस के खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बाराहाट प्रखंड के केनोलिया के ग्रामीणों ने गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की बांस और बल्ले से बैरिकेडिंग कर दी है. साथ ही, बोर्ड पर लिख दिया- कृपया गांव के अंदर ना प्रवेश करें. घर पर रहें और सुरक्षित रहें.
बिहार के शहरी इलाकों में लॉकडाउन
बता दें कि सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी शहरी इलाकों में लॉकडाउन घोषित किया था. बाद में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन करने की घोषणा कर दी.
कोरोना से संक्रमित सात लोगों की पहचान
बिहार में अब तक कोरोना से संक्रमित 9 लोगों की पहचान की गई है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है. बिहार में अब तक कुल 1228 यात्रियों को सर्विलांस पर रखा गया , जिसमें सबसे ज्यादा गांपालगंज के 183 लोग शामिल हैं. इनमें से 162 लोग अपने 14 दिनों की अवधि पूरी कर ली है.