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बिहार के 65 लाख लोहारों को अ. जनजाति में शामिल कराने के लिए संघर्ष करेगी लोजपा(रा) - लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष

बिहार के 65 लाख लोहारों (65 lakh blacksmiths of Bihar) को सरकार के संविधान विरोधी फैसले के कारण अनुसूचित जनजाति की सुविधा से वंचित किया गया है. जिसकी वजह से इनका आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास अवरुद्ध हो गया है.इसके खिलाफ मेरी पार्टी संसद से सड़क तक निर्णायक संघर्ष करेगी. लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) ने ये बात कही है.

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र सौंपते सांसद चिराग पासवान
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र सौंपते सांसद चिराग पासवान
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Published : Aug 3, 2022, 2:41 PM IST

पटना : लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) ने मंगलवार को भारत के केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister of Law and Justice Kiren Rijiju) से मिलकर इसके बारे में पत्र सौंपा. उन्होंने कहा कि लोहार जाति 1956 से संविधान के शिड्यूल में अनुसूचित जनजाति की सूची में हिंदी में लोहार/अंग्रेजी में (LOHARA) अधिसूचित है.

बिहार में लोहरा नाम की कोई जाति नहीं :1976 संविधान संशोधन अनुसूचित जाति/जनजाति के सूची में हिंदी में लोहार/लोहरा अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल है, लेकिन इन अधिसूचनाओं का उल्लंघन करते हुए पूर्व की सरकार ने एक्ट 48/2006 लाकर हिंदी में लोहार और अंग्रेजी में(LOHARA) देवनागरी लिपि में लोहरा शब्द उच्चारित किया जो असंवैधानिक, गैरकानूनी और निरर्थक है. बिहार में लोहरा नाम की कोई जाति नहीं है.

ये भी पढ़ें :- लोहार समाज के लोग उतरे सड़कों पर, आरक्षण की मांग लेकर किया राजभवन मार्च

संसद से सड़क तक संघर्ष करेगी लोजपा: राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के कमरा नं. 11 में लोहार वंश हिन्दी में लोहार अंग्रेजी में लोहार अंकित था, जिसकी छायाप्रति दिखाते हुए चिराग ने कानून मंत्री से कहा कि जिन लोगों ने अंग्रेजी शब्द को लोहारा पढ़ा वे साजिश करके लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची से वंचित करने की साजिश की है और अविद्वतापूर्ण पाप किया है. ऐसे लोगों की खोज करके उन्हें दंडित करने की जरूरत है.इस संबंध में मैंने 2016 में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था, जिसके पत्रांक सं0 48/20 को भारत सरकार ने रद्द किया था. चिराग ने कहा कि बिहार की लोहार जाति को न्याय मिले, इसके लिए संसद में गैर सरकारी बिल लाने की आवश्यकता है. इस दिशा में मैं खुद भी प्रयासरत हूं. इसके लिए संसद से सड़क तक संघर्ष करूंगा.

ये भी पढ़ें :- मोतिहारी में JDU नेताओं ने BJP विधायक को किया सम्मानित, उठा लोहार जाति के आरक्षण का मुद्दा

पटना : लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) ने मंगलवार को भारत के केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister of Law and Justice Kiren Rijiju) से मिलकर इसके बारे में पत्र सौंपा. उन्होंने कहा कि लोहार जाति 1956 से संविधान के शिड्यूल में अनुसूचित जनजाति की सूची में हिंदी में लोहार/अंग्रेजी में (LOHARA) अधिसूचित है.

बिहार में लोहरा नाम की कोई जाति नहीं :1976 संविधान संशोधन अनुसूचित जाति/जनजाति के सूची में हिंदी में लोहार/लोहरा अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल है, लेकिन इन अधिसूचनाओं का उल्लंघन करते हुए पूर्व की सरकार ने एक्ट 48/2006 लाकर हिंदी में लोहार और अंग्रेजी में(LOHARA) देवनागरी लिपि में लोहरा शब्द उच्चारित किया जो असंवैधानिक, गैरकानूनी और निरर्थक है. बिहार में लोहरा नाम की कोई जाति नहीं है.

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