पटना: बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी (Complete Liquor Ban in Bihar) कानून लागू है. जिसके तहत शराब पीना-पिलाना, बेचना और रखना कानूनी तौर पर जुर्म है. शराब तस्करी (Alcohol Smuggling) में शामिल लोगों को पुलिस लगातार जेल भेज रही है. इसके बावजूद राजधानी पटना समेत पटना जंक्शन (Patna Junction) पर शराब की तस्करी जारी है. इससे पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल खड़े होते हैं. कई बार तो इनकी मिलीभगत सामने आ चुकी है. लेकिन शराब तस्करी नहीं रुकी. पटना जंक्शन पर जुलाई माह में 500 लीटर और अगस्त में 500 लीटर से ज्यादा शराब जब्त की गयी है और दर्जनों लोगों को जेल भेजा गया.
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पटना जंक्शन पर आए दिन शराब की खेप बरामद की जा रही है. शराब तस्कर नए-नए तरकीब से शराब की खेप पहुंचाने में सफल रहे. तस्करी करने वाले गिरोह ट्रेन से आपूर्ति कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन और पुलिस इनको रोकने में असहाय नजर आ रहा है. अनलॉक के बाद से पटना जंक्शन पर यात्रियों की और ट्रेनों का परिचालन बढ़ने के साथ ही शराब माफियाओं का भी धंधा फलने-फूलने लगा. शराब तस्कर ट्रेन के बाथरूम या ट्रेन के कोच में लावारिस हालत में बैग में शराब को भरकर छोड़ देते हैं. कई बार जीआरपी और आरपीएफ की टीम जांच के दौरान शराब बरामद कर लेती है. कई बार तस्कर सप्लाई करने में सफल हो जाते हैं.
बता दें कि पटना जंक्शन पर जुलाई माह में जीआरपी ने चेकिंग के दौरान 500 लीटर एवं अगस्त में अभी तक 500 लीटर से अधिक शराब बरामद की है और दर्जनों तस्करों को गिरफ्तार किया है. जिसमें 2 अगस्त को 50 लीटर अंग्रेजी शराब के साथ एक तस्कर, 4 अगस्त को 12 लीटर अंग्रेजी शराब, 8 अगस्त को 175 लीटर अंग्रेजी शराब के एक तस्कर, 12 अगस्त को 134 लीटर अंग्रेजी शराब, 16 अगस्त को 97 लीटर अंग्रेजी शराब के साथ दो व्यक्ति, 17 अगस्त को 60 लीटर अंग्रेजी शराब के साथ एक युवक, 19 अगस्त को 53 लीटर अंग्रेजी शराब के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया और 21 अगस्त को 193 किलोग्राम महुआ बरामद किया गया है.
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जीआरपी थाना प्रभारी रंजीत कुमार ने बताया कि जुलाई और अगस्त माह में अभी तक लगभग 500-500 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद हुई है. अभियान के तहत शराब और शराब तस्कर को पकड़ा जा रहा है. इस अभियान के तहत मोबाइल चोर को भी पकड़ा जा रहा है. प्रतिदिन पटना जंक्शन पर शराब या मोबाइल चोर या गांजा की तस्करी करने वाले गिरोह को पकड़ा जा रहा है. शराब माफिया या तो धंधा बंद कर दें नहीं तो उन्हें किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा.
बता दें कि बिहार में शराबबंदी के बाद लगातार ट्रेन और अन्य माध्यमों से ही शराब की तस्करी की जा रही है. शराब तस्करों का मनोबल इतना बढ़ा है कि लगातार हो रही कार्रवाई के बावजूद शराब माफियाओं का मनोबल कम नहीं हो रहा. वहीं, प्रदेश में पुलिस प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद सरकार इन पर अंकुश लगाने में विफल हो रही है.