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Bihar News : 'नगर निगम में बैनर पोस्टर लगाने के लिए अब लाइसेंस की होगी व्यवस्था'.. तेजस्वी यादव - नगर निगम में बैनर पोस्टर लगाने के लिए लाइसेंस

अगर आप बिहार में नगर निगम या नगर परिषद क्षेत्र में रहते हैं और बिना अनुमति के विज्ञापन डालते हैं को भारी पड़ सकता है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस बाबत महत्वपूर्ण जानकारी दी. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 15, 2023, 6:44 PM IST

पटना : राज्य में अब नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में बिना अनुमति के विज्ञापन के लिए पोस्टर, पंपलेट, दीवार पर लेखन नहीं किया जा सकेगा. इसके लिए अब पॉलिसी है. उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) ने बुधवार को बिहार विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.

ये भी पढ़ें - Patna Nagar Nigam: मुंबई और लखनऊ की तर्ज पर पटना में होगा विकास, फंड जुटाने के लिए बांड लाएगा निगम

विधान पार्षद नीरज कुमार ने उठाया मुद्दा : दरअसल बिहार विधान परिषद में तारांकित प्रश्न की सूची में जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने यह जानने की कोशिश की थी कि क्या यह सही है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 में संपत्ति निरूपण की धारा 145 के तहत पटना नगर निगम को यह अधिकार है कि बिना नगर आयुक्त के लिखित अनुमति के विज्ञापन के लिए पोस्टर, पंपलेट, दीवार लेखन नहीं किया जा सकता है?

अब तक कितने पर हुई कार्रवाई ? : नीरज कुमार ने यह भी पूछा था कि क्या यह सही है कि बिना अनुमति विज्ञापन चिपकाने पर नगर निगम एफआईआर दर्ज करा सकती है तथा पोस्टर चिपकाने वालों से जुर्माना वसूल कर सकती है. दोनों प्रश्नों के बाद उन्होंने यह भी जानने के लिए सूचना दी थी कि अगर यह उत्तर स्वीकारात्मक है तो सरकार बताए कि अब तक कितने लोगों पर इस कानून के उल्लंघन के कारण कार्रवाई करते हुए जुर्माने की वसूली की गई है एवं एफआईआर दर्ज किया गया है?

तेजस्वी यादव ने दिया जवाब : इन प्रश्नों के जवाब में डिप्टी सीएम नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि बिना अनुमति पोस्टर और विज्ञापन लेखन करने को लेकर पटना नगर निगम में अभी तक 8 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया जा चुका है. नीरज कुमार ने काफी रोष जताते हुए कहा कि विज्ञापन देने वाले महापुरुषों की प्रतिमा को भी नहीं छोड़ते हैं.

'अलग से बना है नियम' : तेजस्वी ने कहा कि इस बात को लेकर हमारी चिंता है कोई रिवन्यू नहीं आता था, हमने नियम बनाकर पॉलिसी बनाई ताकि सरकार को राजस्व मिले. अलग से नियम बना है और जितने भी विभाग इससे जुड़े हैं, सबको इसके लिए ट्रेंड करने की जरूरत है. तेजस्वी ने यह भी कहा कि इसके लिए अलग से लाइसेंस की व्यवस्था की जा रही है. अलग-अलग जगहों का अलग-अलग रेट होगा. इन सारी प्रक्रिया से सरकार को कम से कम 500 करोड़ रुपए की रेवेन्यू मिलेगी. अगर कोई मकान पर विज्ञापन लगाएगा या प्राइवेट वाहन पर भी विज्ञापन होगा तो उसके लिए भी रेवेन्यू का प्रावधान होगा.

पटना : राज्य में अब नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में बिना अनुमति के विज्ञापन के लिए पोस्टर, पंपलेट, दीवार पर लेखन नहीं किया जा सकेगा. इसके लिए अब पॉलिसी है. उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) ने बुधवार को बिहार विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.

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विधान पार्षद नीरज कुमार ने उठाया मुद्दा : दरअसल बिहार विधान परिषद में तारांकित प्रश्न की सूची में जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने यह जानने की कोशिश की थी कि क्या यह सही है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 में संपत्ति निरूपण की धारा 145 के तहत पटना नगर निगम को यह अधिकार है कि बिना नगर आयुक्त के लिखित अनुमति के विज्ञापन के लिए पोस्टर, पंपलेट, दीवार लेखन नहीं किया जा सकता है?

अब तक कितने पर हुई कार्रवाई ? : नीरज कुमार ने यह भी पूछा था कि क्या यह सही है कि बिना अनुमति विज्ञापन चिपकाने पर नगर निगम एफआईआर दर्ज करा सकती है तथा पोस्टर चिपकाने वालों से जुर्माना वसूल कर सकती है. दोनों प्रश्नों के बाद उन्होंने यह भी जानने के लिए सूचना दी थी कि अगर यह उत्तर स्वीकारात्मक है तो सरकार बताए कि अब तक कितने लोगों पर इस कानून के उल्लंघन के कारण कार्रवाई करते हुए जुर्माने की वसूली की गई है एवं एफआईआर दर्ज किया गया है?

तेजस्वी यादव ने दिया जवाब : इन प्रश्नों के जवाब में डिप्टी सीएम नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि बिना अनुमति पोस्टर और विज्ञापन लेखन करने को लेकर पटना नगर निगम में अभी तक 8 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया जा चुका है. नीरज कुमार ने काफी रोष जताते हुए कहा कि विज्ञापन देने वाले महापुरुषों की प्रतिमा को भी नहीं छोड़ते हैं.

'अलग से बना है नियम' : तेजस्वी ने कहा कि इस बात को लेकर हमारी चिंता है कोई रिवन्यू नहीं आता था, हमने नियम बनाकर पॉलिसी बनाई ताकि सरकार को राजस्व मिले. अलग से नियम बना है और जितने भी विभाग इससे जुड़े हैं, सबको इसके लिए ट्रेंड करने की जरूरत है. तेजस्वी ने यह भी कहा कि इसके लिए अलग से लाइसेंस की व्यवस्था की जा रही है. अलग-अलग जगहों का अलग-अलग रेट होगा. इन सारी प्रक्रिया से सरकार को कम से कम 500 करोड़ रुपए की रेवेन्यू मिलेगी. अगर कोई मकान पर विज्ञापन लगाएगा या प्राइवेट वाहन पर भी विज्ञापन होगा तो उसके लिए भी रेवेन्यू का प्रावधान होगा.

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