पटनाः ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर सियासत जारी है. JDU का कहना है कि 1999 में हादसा हुआ था तो तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने नैतिकता को परिचय देते हुए इस्तीफा दिया था. बिहार सरकार के मंत्री लेीसी सिंह ने दावा किया है कि जब सीएम नीतीश कुमार रेल मंत्री थे तो कवच की शुरुआत की गई थी, लेकिन रेल मंत्रालय की ओर से इसपर काम नहीं किया गया. इसी कारण यह हादसा हुआ है.
यह भी पढ़ेंः Odisha Train Accident: हादसे में बिहार के 25 लोगों की मौत, 60 घायल.. आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की सूची
एहतियात बरतनी चाहिए थीः बहुत बड़ा रेल हादसा हुआ है. इतने लोगों की जान चली गई. रेल विभाग को घटना से पहले एहतियात बरतनी थी. जब हमारे मुख्यमंत्री केंद्र में रेल मंत्री थे तब उस समय 2003 और 2004 में टक्कर निरोधी यंत्र यानि सुरक्षा कवज की किशनगंज से शुरुआत की गई थी. तब से 2 दशक बीत गया लेकिन इसपर अमल नहीं किया गया. अगर सुरक्षा कवच लगाया जाता तो इतनी बड़ा हादसा नहीं होता.
जो पटरी है उसे दुरुस्त नहीं किया जाताः सीएम नीतीश कुमार रेल मंत्री थे तो सारे काम किए. यदि पायलट प्रोजेक्ट के तहत सुरक्षा कवच पर काम किया जाता हो आज इतना बड़ा हादसा नहीं होता. कभी कहते हैं बुलेट ट्रेन चलाएंगे, कभी कहते हैं वंदे भारत चलाएंगे. जो पटरी है उसे दुरुस्त नहीं किया जाता है. रेल मंत्रालय पूरी तरह से फेल हैं. इतनी बड़ी हादसा हो गई, किसी को मतलब नहीं है. 1999 में पश्चिम बंगाल में रेल हादसा हुआ था तो नीतीश कुमार ने नैतिकता को देखते हुए इस्तीफा दिया था.
"2003-4 में टक्कर निरोधी यंत्र की शुरुआत किशनगंज से तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने की थी. इसके बाद से रेल मंत्रालय ने इसपर ध्यान नहीं दिया, जिस कारण यह हादसा हुआ है. कितने लोगों की जान चली गई. कवच को शुरू किए दो दशक हो गया. इसपर ध्यान दिया होता तो इस तरह के हादसे नहीं होते." - लेसी सिंह, मंत्री, बिहार सरकार