ETV Bharat / state

किसानों के समर्थन में लगातार जारी रहेगा संघर्ष, नहीं मानी सरकार तो होगी नाकाबंदी- लेफ्ट - CPI leader Rambabu Kumar

कृषि कानून के खिलाफ किसानों के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दल और किसान संगठन प्रदर्शन जारी है. वहीं बिहार में लेफ्ट इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका में है.

Patna
वामदल
author img

By

Published : Dec 13, 2020, 3:08 AM IST

पटना: कृषि कानून के खिलाफ किसानों का संघर्ष लगातार जारी है. देश के विभिन्न राजनीतिक दल और किसान संगठन किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं. बिहार में वाम दल इसमें काफी सक्रिय दिख रहे हैं.

लेफ्ट ने कहा करेंगे नाकाबंदी
सीपीआई नेता रामबाबू कुमार ने कहा कि किसानों का आंदोलन जब तक जारी रहेगा. हमारी पार्टी सक्रिय रूप से किसानों के साथ हैं. इसके साथ ही संघर्ष भी करते रहेगी. आगामी 14 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालय और प्रखंड स्तर पर नए किसान कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो दिल्ली को कूच करेंगे. सरकार तब भी नहीं मानी तो देश में नाकाबंदी किया जाएगा.

Patna
सीपीआई नेता रामबाबू कुमार

पढ़ें: OTA गया में 22 जेंटलमैन कैडेट भारतीय सेना में बने अफसर, असम बटालियन में सबसे ज्यादा कैडेट्स को मिला मौका

सरकार का जाना तय
बता दें कि सीपीआईएम और माले भी किसान आंदोलनों को लेकर संघर्ष कर रही है. इनका स्पष्ट कहना है कि सरकार जब तक किसानों की मांगों को नहीं मानेगी तब तक यह प्रदर्शन और संघर्ष जारी रहेगा. अब यह सिर्फ किसानों का ही नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक का आंदोलन है. किसानों ने मूड बना लिया है. सरकार पीछे नहीं हटी तो उनका सत्ता से जाना तय है.

पटना: कृषि कानून के खिलाफ किसानों का संघर्ष लगातार जारी है. देश के विभिन्न राजनीतिक दल और किसान संगठन किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं. बिहार में वाम दल इसमें काफी सक्रिय दिख रहे हैं.

लेफ्ट ने कहा करेंगे नाकाबंदी
सीपीआई नेता रामबाबू कुमार ने कहा कि किसानों का आंदोलन जब तक जारी रहेगा. हमारी पार्टी सक्रिय रूप से किसानों के साथ हैं. इसके साथ ही संघर्ष भी करते रहेगी. आगामी 14 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालय और प्रखंड स्तर पर नए किसान कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो दिल्ली को कूच करेंगे. सरकार तब भी नहीं मानी तो देश में नाकाबंदी किया जाएगा.

Patna
सीपीआई नेता रामबाबू कुमार

पढ़ें: OTA गया में 22 जेंटलमैन कैडेट भारतीय सेना में बने अफसर, असम बटालियन में सबसे ज्यादा कैडेट्स को मिला मौका

सरकार का जाना तय
बता दें कि सीपीआईएम और माले भी किसान आंदोलनों को लेकर संघर्ष कर रही है. इनका स्पष्ट कहना है कि सरकार जब तक किसानों की मांगों को नहीं मानेगी तब तक यह प्रदर्शन और संघर्ष जारी रहेगा. अब यह सिर्फ किसानों का ही नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक का आंदोलन है. किसानों ने मूड बना लिया है. सरकार पीछे नहीं हटी तो उनका सत्ता से जाना तय है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.