पटना: बिहार में शिक्षक बहाली परीक्षा की तैयारी कराने वाले शिक्षक और प्रख्यात शिक्षाविद गुरु रहमान ने बताया कि अब लगभग एक महीने का समय बच गया है. कोई भी परीक्षा में जब एक महीने का समय लग जाता है तो बच्चों में थोड़ी बेचैनी जरूर रहती है और यह स्वभाविक है लेकिन इस समय अब जरूरी है कि अभ्यर्थी जो कुछ पढ़ लिए हैं, उसका रिवीजन अधिक से अधिक करें और प्रतिदिन 2 क्वेश्चन सेट को जरूर सॉल्व करें.
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'घबराएं नहीं, सकारात्मक सोच रखें': गुरु रहमान ने कहा कि बीच-बीच में आयोग के तरफ से कहा जाता है कि क्वेश्चन का लेवल टफ होगा, इससे अभ्यर्थियों में बेचैनी भी बढ़ती है. उन्होंने कहा कि एक महीने का समय है और यह काफी है. बच्चों को घबराना नहीं है, पॉजिटिव माइंड सेट के साथ पढ़ाई करनी है. इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग है लेकिन नेगेटिव मार्किंग में और क्वेश्चन के लिए एक नंबर माइनस नहीं होगा, बल्कि चार नेगेटिव होने पर एक नंबर कटेगा. ऐसे में अभ्यर्थियों को थोड़ा रिस्क लेना होगा और क्वेश्चन सॉल्व करने के दौरान जिस पर अधिक संदेह हो रहा है कि यही आंसर होगा, उसे टीक करना होगा.
टफ सवाल नहीं पूछे जाएंगे: गुरु रहमान ने आगे बताया कि अभी बाजार में कई जगह पर टेस्ट सीरीज के नाम पर इतना टफ क्वेश्चन दे दिया जा रहा है कि टेस्ट पेपर सॉल्व करने के दौरान अभ्यर्थी भयभीत हो जा रहे हैं. प्रश्न ऐसा रह रहा है कि बूझो तो जानो. अभ्यर्थियों को यह समझना होगा कि बहुत अधिक टफ प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे. शिक्षक अभ्यर्थियों को यह बात ध्यान में रखना होगा कि आपको कहां परीक्षा देना है और किस स्टेट में ज्वाइन करने के लिए आप परीक्षा दे रहे हैं.
नौवीं और दसवीं की किताब का अध्ययन करें: उन्होंने कहा कि जब आप जानते हैं कि बिहार के स्कूल में पढ़ाने जाना है तो बिहार बोर्ड में पढ़ाई जाने वाली एससीईआरटी की नौवीं और दसवीं के मैथ, साइंस, सोशल साइंस, हिंदी और इंग्लिश पर अपना कमांड कर लें, इसके अलावा एनसीईआरटी भी अच्छी तरीके से पढ़ लें. जो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लिए अप्लाई किए हुए हैं वह इतना करने के साथ-साथ अपने सब्जेक्ट में बारहवीं तक के एनसीईआरटी और एससीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों पर कमांड रखें.
वर्ल्ड हिस्ट्री को अच्छे से पढ़ें: गुरु रहमान ने कहा कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के अभ्यर्थी आवश्यक रूप से एससीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों पर अपना कमांड करें, क्योंकि उन्हें बिहार बोर्ड में ही पढ़ाने जाना. आयोग भी प्रासंगिक प्रश्नों को ही पूछेगा. इतिहास के जो शिक्षक अभ्यर्थी हैं, उनके लिए जरूरी है कि भारत के फ्रीडम स्ट्रगल के साथ-साथ नौवीं और दसवीं में वर्ल्ड हिस्ट्री से जुड़े हुए जो चैप्टर्स हैं, उस पर भी अपना कमांड करें.
बिहार के बारे में बेसिक जानकारी रखें: गुरु रहमान ने बताया कि इन सब के बाद बिहार के बारे में भी अपनी ज्ञान मजबूत कर लें. बिहार का शिक्षक बनना है तो बिहार की भौगोलिक परिदृश्य और यहां के विशेष महत्व की वस्तुओं की भी जानकारी होना आवश्यक है. इसके अलावा महिलाओं के उत्थान के लिए, दलितों महादलितों और पिछड़ों के उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही है, उसकी गहनता से अध्ययन करें.
रोजाना दो क्वेश्चन सेट जरूर सॉल्व करें: वह आग बताते हैं कि बिहार के विभिन्न योजनाओं का क्या लाभ हुआ है, इस बारे में बिहार सरकार की जो कुछ भी रिपोर्ट हाल के दिनों में आई हैं, इसके बारे में भी अपनी जानकारी मजबूत रखें. इसके अलावा करंट अफेयर्स में राष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण चीजों का भी अध्ययन करें. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के पास अब काफी कम समय बचा है. इसलिए रूटीन बनाने की कब क्या पढ़ना है और प्रतिष्ठित संस्थान से अथवा प्रतिष्ठित पब्लिकेशन हाउस के जो शिक्षक बहाली के क्वेश्चन सेट है, प्रतिदिन वैसे दो क्वेश्चन सेट जरूर सॉल्व करें.
जालसाजी से बचें, खुद पर भरोसा रखें: गुरु रहमान ने कहा कि इतना करने के बाद अभ्यर्थियों के लिए जरूरी है कि जालसाजों से बच कर रहें. बिहार में जब भी कोई बीपीएससी बीएसएससी या शिक्षक की बहाली आती है तो बाजार में जालसाज शिक्षक अभ्यर्थियों के पास मंडराने लगते हैं. जो कहते हैं कि सेटिंग करा देंगे, पैसे की डिमांड रखते हैं और कहते हैं तैयारी की जरूरत नहीं, उनकी नौकरी पक्की हो जाएगी.
"जालसाजों से बच कर रहना है, क्योंकि बीपीएससी ने अपने परीक्षा पैटर्न में कई बदलाव लाए हैं और पारदर्शिता बढ़ाई है. शिक्षक बहाली पहले से विवादों में रही है, ऐसे में आयोग भी सतर्क है कि फिर धांधली सेटिंग जैसा कोई मामला सामने ना आए, जिससे आयोग की भद्द पिटे और बहाली प्रक्रिया पर कोई आंच आए. इसलिए अभ्यर्थियों के लिए जरूरी है कि पॉजिटिव माइंडसेट के साथ तैयारी करें और अपनी क्षमता पर ही परीक्षा में सम्मिलित हों"- गुरु रहमान, शिक्षाविद