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विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला शुरू, पार्टियों की बढ़ी चिंता

आरएलएसपी के एक दर्जन नेताओं ने जैसे ही जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की उसको लेकर पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा बचाव में उतर आए. उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है कि हमारे पार्टी के ही नेता दूसरी पार्टी में जा रहे हैं. बल्कि दूसरी पार्टी के लोग भी हमारी पार्टी में शामिल होने आ रहे हैं.

पटना
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Published : Jan 17, 2020, 8:58 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 9:18 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिली सफलता और महागठबंधन को मिली असफलता के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के लिए नेताओं में बेचैनी बढ़ती जा रही है. बेहतर संभावनाओं की तलाश में महागठबंधन के नेता अपने दल को छोड़ दूसरे दल की ओर जाने लगे हैं. इस कारण से पार्टी के नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

बता दें कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन आरएलएसपी के एक दर्जन नेताओं ने पाला बदल लिया और जेडीयू में शामिल हो गए. वहीं, 15 जनवरी को चूड़ा-दही के भोज के दिन वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर आरजेडी विधायक ने भी नीतीश कुमार के प्रति अपनी इच्छा जताई और दावा किया कि नीतीश कुमार ही 2020 में बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे.

टिकट की आस में पार्टी बदलते हैं नेता- अभिषेक झा
आरएलएसपी के एक दर्जन नेताओं ने जैसे ही जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की उसको लेकर पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा बचाव में उतर आए. उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है कि हमारे पार्टी के ही नेता दूसरी पार्टी में जा रहे हैं. बल्कि दूसरी पार्टी के लोग भी हमारी पार्टी में शामिल होने आ रहे हैं. लेकिन, यहां जाने-आने का कोई सवाल नहीं है. वैसे नेता अपनी महत्वाकांक्षा को लेकर पाला बदलते हैं. उन्हें दूसरी पार्टी से टिकट मिलने की आस होती है तो वो पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में चले जाते हैं.

पेश है रिपोर्ट

'लाभ के लिए नेता बदलते हैं पाला'
आरजेडी विधायक फराज फातमी ने विधानसभा चुनाव में पाला बदलने का मूड बना लिया है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर चूड़ा-दही के भोज में उनके दिए बयान पर आरजेडी ने सफाई दी है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा जिसको जहां जाना है वो वहां जाए किसी को बांधकर तो रखा नहीं जा सकता. अपने लाभ के लिए नेता पाला बदलते हैं. वो अपने सिद्धांतों से भी समझौता कर लेते हैं.

कांग्रेस ने भी दी प्रतिक्रिया
आरएलएसपी और आरजेडी नेताओं के पार्टी बदलने को लेकर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा कि किसी नेता के आने या किसी नेता के चले जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. हम अपनी विचारधारा पर अब भी कायम हैं.

पटना: लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिली सफलता और महागठबंधन को मिली असफलता के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के लिए नेताओं में बेचैनी बढ़ती जा रही है. बेहतर संभावनाओं की तलाश में महागठबंधन के नेता अपने दल को छोड़ दूसरे दल की ओर जाने लगे हैं. इस कारण से पार्टी के नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

बता दें कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन आरएलएसपी के एक दर्जन नेताओं ने पाला बदल लिया और जेडीयू में शामिल हो गए. वहीं, 15 जनवरी को चूड़ा-दही के भोज के दिन वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर आरजेडी विधायक ने भी नीतीश कुमार के प्रति अपनी इच्छा जताई और दावा किया कि नीतीश कुमार ही 2020 में बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे.

टिकट की आस में पार्टी बदलते हैं नेता- अभिषेक झा
आरएलएसपी के एक दर्जन नेताओं ने जैसे ही जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की उसको लेकर पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा बचाव में उतर आए. उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है कि हमारे पार्टी के ही नेता दूसरी पार्टी में जा रहे हैं. बल्कि दूसरी पार्टी के लोग भी हमारी पार्टी में शामिल होने आ रहे हैं. लेकिन, यहां जाने-आने का कोई सवाल नहीं है. वैसे नेता अपनी महत्वाकांक्षा को लेकर पाला बदलते हैं. उन्हें दूसरी पार्टी से टिकट मिलने की आस होती है तो वो पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में चले जाते हैं.

पेश है रिपोर्ट

'लाभ के लिए नेता बदलते हैं पाला'
आरजेडी विधायक फराज फातमी ने विधानसभा चुनाव में पाला बदलने का मूड बना लिया है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर चूड़ा-दही के भोज में उनके दिए बयान पर आरजेडी ने सफाई दी है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा जिसको जहां जाना है वो वहां जाए किसी को बांधकर तो रखा नहीं जा सकता. अपने लाभ के लिए नेता पाला बदलते हैं. वो अपने सिद्धांतों से भी समझौता कर लेते हैं.

कांग्रेस ने भी दी प्रतिक्रिया
आरएलएसपी और आरजेडी नेताओं के पार्टी बदलने को लेकर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा कि किसी नेता के आने या किसी नेता के चले जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. हम अपनी विचारधारा पर अब भी कायम हैं.

Intro:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बार चलेगा नेताओं का दल बदल का खेल,जीत के लिए नेताओं में बेचैनी बढ़ती जा रही है आरएलएसपी के बाद आरजेडी के विधायक जदयू के पाले में ऐसे में सवाल उठना शुरू हो गया है कि क्या नेताओं की कोई नीति नहीं होती हालांकि आरजेडी आरएलएसपी और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हम अपनी नीतियों पर अब भी कायम है जिनको आना है आए दिन को जाना है जाए--


Body:पटना-- लोकसभा चुनाव में इंडिया को मिली सफलता और महागठबंधन को मिली और सफलता के बाद बिहार विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आती जा रहा है वैसे-वैसे नेताओं में जीत टिकट पाने की बेचैनी बढ़ती जा रही है विधानसभा चुनाव में बेहतर संभावनाओं की तलाश में अन्य दलों के नेता दूसरे दल की ओर रुख करना शुरू कर देते हैं खरमास बाद यानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन आरएलएसपी के एक दर्जन नेताओं ने पाला बदलकर जदयू में शामिल हो गए तो वही 15 जनवरी चुरा दही के भोज के दिन वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर आरजेडी विधायक ने भी नीतीश कुमार के प्रति अपनी इच्छा भीतर जता चुके हैं और दावा किया है कि नीतीश कुमार ही 2020 में बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे ऐसे में सवाल उठना शुरू हो गया है कि चुनाव के वक्त ही नेता पाला बदल ना क्यों शुरू कर देते हैं वैसे मैं आरजेडी आरएलएसपी के नेता जदयू के पाले में जाता हुआ दिख रहे हैं जिसको लेकर पार्टी बचाव की मुद्रा में आ गई है,

आरएलएसपी प्रवक्ता का दावा टिकट नहीं मिलने के चलते नेता बदलते हैं पाला

आरएलएसपी के एक दर्जन नेताओं ने जैसे ही जदयू में सदस्यता ग्रहण की जिसको लेकर आरएलएसपी पार्टी के बचाव में उतर आया आरएलएसपी प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा ऐसी बात नहीं है कि हमारे पार्टी के ही नेता दूसरे पार्टी में जा रहे हैं बल्कि दूसरे पार्टी के लोग भी हमारी पार्टी में शामिल होने आ रहे हैं लेकिन जाने आने का कोई सवाल नहीं है सवाल है कि वैसे ही नेता पाला बदलते हैं जिन्हें पार्टी उनकी महत्वाकांक्षाओं को पूरा नहीं करती है उन्हें टिकट नहीं मिलने की आस होती है तो वह पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी में चले जाते हैं।

आरजेडी विधायक जदयू के संपर्क को लेकर आरजेडी का सफाई

आरजेडी विधायक फराज फातमी ने चुनाव से पाला बदलने का मूड बना लिया है जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर चूड़ा दही के भोज में पहुंचे फराज फातमी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट की और 2020 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का बयान दिया उसके इस बयान के बाद आरजेडी अपनी सफाई देना शुरू कर दी आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा जिसको जहां जाना है वह वहां जाए किसी को तो बांध के रखा नहीं जा सकता, लाभ के लिए नेता पाला बदलना शुरू कर देते हैं और अपने सिद्धांतों से समझौता भी कर लेते हैं फराज फातमी ने को जो जहां जाना है वह जाए हमारी जो नीति है हम अपनी नीतियों पर अब भी कायम है।

दोनों पार्टी के नेताओं को पाला बदलने पर कांग्रेस ने भी दी सफाई

आरएलएसपी आरजेडी के नेताओं पाला बदलने को तैयार हैं इन सभी सवालों को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता ने भी सफाई देना शुरू कर दिया है उन्होंने कहा है कि किसी के आने या किसी के जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है हम अपनी विचारधारा पर अब भी कायम है

बाइट--- अभिषेक झा प्रवक्ता आरएलएसपीक

बाइट-- मृत्युंजय तिवारी प्रवक्ता आरजेडी

बाइट-- राजेश राठौर प्रवक्ता कांग्रेस


Conclusion:बाहर हाल चुनाव जैसे ही नजदीक आते हैं नेता पावा बदलना शुरू कर देते हैं जो लोग पहले जिस मुद्दों का विरोध करते थे आज उसी मुद्दों को लेकर समर्थन भी करना शुरू कर देते हैं ऐसे में सवाल जनता के मन में सवाल उठता है कि क्या नेताओं की कोई नीति नहीं होती है जो चुनाव आते ही पाला बदलना शुरू कर देते हैं यह सबसे बड़ा सवाल है।

ईटीवी भारत लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
Last Updated : Jan 17, 2020, 9:18 PM IST
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