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Ramcharitmanas Spreads Hatred: बोले विजय सिन्हा- 'कैबिनेट से चंद्रशेखर को बर्खास्त करें नीतीश, चले मुकदमा'

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने रामचरितमानस पर दिए गए शिक्षा मंत्री के विवादित बयान (Education Minister Controversial Statement) को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि उन्हें मंत्रीमंडल से बर्खास्त करें. साथ ही हिन्दुओं की भावना आहत करने के लिए उनपर मुकदमा भी चलाया जाए. पढ़ें Bihar Politics -

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा
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Published : Jan 12, 2023, 12:55 PM IST

Updated : Jan 12, 2023, 3:57 PM IST

विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Education Minister Chandrashekhar) के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर सियासी घमासान मच चुका है. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Leader of Opposition Vijay Sinha ) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है. विजय सिन्हा ने पूरे बयान को दुर्भावना से ग्रसित और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी से भी पूछा है कि क्या वो भी अपने मंत्री के बयान से सहमत हैं? यदि नहीं तो इसके लिए उन्हें बर्खास्त करें.

ये भी पढ़ें - 'बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम देंगे', रामचरितमानस विवाद पर परमहंस का ऐलान

ईश्वर निंदा करने पर शिक्षा मंत्री पर दर्ज हो मुकदमा: नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने आगे कहा कि उनका ये बयान उनकी मानसिक विकृति को दर्शाता है. ये बताता है कि कैसे सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए कोई शिक्षा मंत्री शिक्षा के मंदिर में ऐसा बयान दे सकता है? विजय सिन्हा ने कहा कि उनकी सोच जातीय विद्वेष फैलाकर किसी भी हद तक जाने की कोशिश है. उनके इस दुष्कृत्य के लिए शिक्षा मंत्री पर धर्म निंदा और ईश्वर निंदा (आईपीसी की धारा 295 ए) के तहत उनपर मुकदाम चलना चाहिए.

'क्षेत्रीय दलों कमजोर इसलिए जातीय का ले रहे सहारा': विजय सिन्हा ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना साधते हुए कहा कि 'रामचरितमानस को समझने के लिए भगवान की भक्ति, विवेक और निर्मल हृदय चाहिए.' इसे कपटी मंत्री कैसे समझ सकते हैं. विजय सिन्हा ने कहा कि जब-जब क्षेत्रीय दल कमजोर होता है तो जाति का सहारा लेता हैं. उनका बयान इसी को दर्शाता है. उनके बयान से समस्त हिन्दू समाज की भावनाएं आहत हुईं हैं.

क्या है आईपीसी की धारा 295 ए? : भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 295 ए समाज के किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या उनकी धार्मिक भावना का आहत करने के इराते से जानबूझकर ऐसा बयान या कोई कोशिश करता है तो वो दोषी होता. इसमें 1 साल से तीन साल तक का प्रावधान है.

चंद्रशेखर के बयान से संत समाज भी नाराज: फिलहाल शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को एक कार्यक्रम में जिस प्रकार से रामचरितमानस को लेकर अपना बयान दिया है उससे बीजेपी और संत समाज नाराज है. यह मामला तूल पकड़ रहा है. इस मामले में अभी तक मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का क्या बयान आता है यह भी देखने वाली बात होगी.

विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Education Minister Chandrashekhar) के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर सियासी घमासान मच चुका है. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Leader of Opposition Vijay Sinha ) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है. विजय सिन्हा ने पूरे बयान को दुर्भावना से ग्रसित और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी से भी पूछा है कि क्या वो भी अपने मंत्री के बयान से सहमत हैं? यदि नहीं तो इसके लिए उन्हें बर्खास्त करें.

ये भी पढ़ें - 'बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम देंगे', रामचरितमानस विवाद पर परमहंस का ऐलान

ईश्वर निंदा करने पर शिक्षा मंत्री पर दर्ज हो मुकदमा: नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने आगे कहा कि उनका ये बयान उनकी मानसिक विकृति को दर्शाता है. ये बताता है कि कैसे सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए कोई शिक्षा मंत्री शिक्षा के मंदिर में ऐसा बयान दे सकता है? विजय सिन्हा ने कहा कि उनकी सोच जातीय विद्वेष फैलाकर किसी भी हद तक जाने की कोशिश है. उनके इस दुष्कृत्य के लिए शिक्षा मंत्री पर धर्म निंदा और ईश्वर निंदा (आईपीसी की धारा 295 ए) के तहत उनपर मुकदाम चलना चाहिए.

'क्षेत्रीय दलों कमजोर इसलिए जातीय का ले रहे सहारा': विजय सिन्हा ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना साधते हुए कहा कि 'रामचरितमानस को समझने के लिए भगवान की भक्ति, विवेक और निर्मल हृदय चाहिए.' इसे कपटी मंत्री कैसे समझ सकते हैं. विजय सिन्हा ने कहा कि जब-जब क्षेत्रीय दल कमजोर होता है तो जाति का सहारा लेता हैं. उनका बयान इसी को दर्शाता है. उनके बयान से समस्त हिन्दू समाज की भावनाएं आहत हुईं हैं.

क्या है आईपीसी की धारा 295 ए? : भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 295 ए समाज के किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या उनकी धार्मिक भावना का आहत करने के इराते से जानबूझकर ऐसा बयान या कोई कोशिश करता है तो वो दोषी होता. इसमें 1 साल से तीन साल तक का प्रावधान है.

चंद्रशेखर के बयान से संत समाज भी नाराज: फिलहाल शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को एक कार्यक्रम में जिस प्रकार से रामचरितमानस को लेकर अपना बयान दिया है उससे बीजेपी और संत समाज नाराज है. यह मामला तूल पकड़ रहा है. इस मामले में अभी तक मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का क्या बयान आता है यह भी देखने वाली बात होगी.

Last Updated : Jan 12, 2023, 3:57 PM IST
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