रांची/पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव के गुर्दे (किडनी) को काफी नुकसान पहुंचा है. लालू यादव के स्वास्थ्य को लेकर उनके डॉक्टरों ने चिंता जताई है. डॉक्टरों का कहना है कि लालू यादव की किडनी 25 प्रतिशत ही काम कर रही है, जो कि चिंता का विषय है.
25 प्रतिशत काम कर रही है किडनी
लालू यादव के ट्रीटींग फिजिशियन डॉ. उमेश प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में लालू यादव की किडनी 25 प्रतिशत ही काम कर रही है. पहले की अपेक्षा में 10 प्रतिशत की गिरावट हुई है. अगर ऐसे में और भी 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की गिरावट आती है, तो उन्हें तुरंत डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है.
डायलिसिस की आवश्यकता
डॉ. उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू यादव वर्ष 2017 में जब रिम्स में भर्ती हुए थे, उस समय भी उनकी किडनी स्टेज 3 में थी, अब यह स्टेज 4 तक पहुंच चुका है. दो साल तक लगातार डॉक्टरों की देखरेख की वजह से गिरावट धीमी गति से हुई है, लेकिन अगर किडनी फंक्शन की गिरावट इसी तरह बढ़ता रहा, तो आने वाले समय में लालू यादव को डायलिसिस की आवश्यकता पड़ जाएगी.
रिम्स में ही होगा इलाज
डॉ. उमेश प्रसाद ने बताया कि कोरोना की संकट को देखते हुए लालू यादव को दिल्ली के एम्स अस्पताल में नहीं ले जाया जा सकता है, क्योंकि ज्यादा एक्सपोजर होने के कारण कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए फिलहाल लालू यादव का रिम्स में ही इलाज किया जा रहा है. लेकिन अगर जरूरत पड़ी और कोरोना का संकट कम हुआ, तो आने वाले समय में एक बार दिल्ली के एम्स में भी नेफ्रोलॉजी से सलाह ली जाएगी.
स्वास्थ्य पर असर
डॉ. उमेश प्रसाद ने बताया कि चुनाव और बेल की तारीख आगे बढ़ने की वजह से भी लालू यादव कहीं न कहीं मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, जिस वजह से उनके खाने-पीने में कमी आई है, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है.
चिंताजनक है स्थिति
क्रीटनीन लेवल बढ़ने से लालू यादव की किडनी फंक्शनिंग काम करना कम कर दिया है, जिससे ब्लड सरकुलेशन सहित अन्य समस्याएं भी बढ़ सकती है. इसीलिए लालू यादव के प्रशंसकों के लिए यह खबर कहीं न कहीं चिंताजनक है.