पटना(मसौढ़ी): शिक्षा में सुधार के सरकार के तमाम दावों को आइना दिखा रहा है मसौढ़ी के नगर मुख्यालय स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या तारेगना स्कूल. जहां पर दो कमरे में 8 कक्षाएं चलती हैं.
यह भी पढ़ें- मुंगेर में आम के पेड़ों पर मंजर देख किसान खुश, होगी बंपर पैदावार
कमरे 2.. कक्षाएं 8...
एक कमरे में कक्षा 1 से लेकर 5 तक की पढ़ाई हो रही है और दूसरे कमरे में कक्षा 6 से 8 तक वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं. इससे न केवल सिर्फ बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है बल्कि कक्षा में मध्यान भोजन के चावल के अलावा स्कूल के सभी सामान रखे होते हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई के अलावा पूरा पाठ्यक्रम का संचालन ठीक से नहीं हो पाता है. जिस कारण उन सभी बच्चों का भविष्य अंधकारमय है.
![lack of resource in school](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11006893_436_11006893_1615731827465.png)
टीचर्स भी परेशान
इस स्कूल में 319 बच्चे हैं जबकि शिक्षक कुल मिलाकर सात हैं. ऐसे में न केवल बच्चे ही परेशान हैं बल्कि वहां के शिक्षक-शिक्षिकाएं भी परेशान हैं.
उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या तारेगना स्कूल
दरअसल मसौढ़ी मुख्यालय स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या तारेगना स्कूल में शिक्षा समिति, स्थानीय लोग एवं सरकार की नीतियों के बीच रस्साकशी में सुनहरे भविष्य के सपने बच्चों के अधूरे रह जा रहे हैं.
भवन का निर्माण अधूरा
वर्ष 2015-16 में स्कूल भवन बनने के लिए राशि आई थी लेकिन लोगों के असहयोगात्मक रवैया के कारण स्कूल का भवन नहीं बन पाया. वहीं इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि शिक्षा समिति और ग्रामीणों का असहयोगात्मक रवैये कारण स्कूल के प्रधानाध्यापिका विवश हैं. ऐसे में एक बार फिर से कोशिश की जा रही है कि स्कूल की बिल्डिंग बने.