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मजदूरों की व्यथा, एक कमरे में कई लोग, कैसे मेंटेन होगा सोशल डिस्टेंस

लोगों का कहना है कि लॉक डाउन आगे बढ़ने से हम लोगों की परेशानी भी बढ़ सकती है. फिलहाल सोशल डिस्टेंस पालन करने की बात तो दूर, अब पेट की चिंता सताने लगी है.

patna
कमरे में कई लोग एक साथ रहने को मजबूर
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Published : Apr 12, 2020, 8:53 PM IST

पटनाः लॉक डाउन के दौरान राजधानी पटना में कई मजदूर और फुटपाथ दुकानदार है जो एक ही जगह पर झुंड बनाकर रह रहे हैं. अधिकांश मजदूर वर्ग के लोग एक छोटे से कमरे में कई लोग एक साथ रहते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंस पालन करने की बात बेमानी है. हालांकि, मजबूरी वश लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर पा रहे हैं.

लोगों को इस बात का एहसास है कि कोरोनावायरस के संक्रमण काल में सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए. दूसरे जिले से आकर पटना में रहकर कमाई करने वाले मजदूरों का कहना है कि अचानक लॉक डाउन होने से घर नहीं पहुंच सके. यहीं, कारण है कि अभी मजबूरी में एक ही कमरे में चार-चार लोग रहते हैं. इस हालत में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा है. हालांकि, इतना जरूर कहते हैं कि किसी भी तरह अपना मुंह ढक कर एक दूसरे से दूर रहते हैं.

patna
अपनी व्यथा सुनाता मजदूर

कमाई बंद, उपर से पेट भरने की चिंता
राजधानी पटना में मजदूर वर्ग के हजारों लोग लॉक डाउन में फंसे हैं. कुछ लोग अभी भी फुटपाथ पर ही रात गुजार रहे हैं. जहां, सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा है. एक तरफ जहां उनकी कमाई बंद वहीं, रात में पेट की आग बुझाने की चिंता. जब लोग खाने-पीने की वस्तु बांटने आते हैं तो आपाधापी में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पाता है. मजदूर और दिहाड़ी मजदूरों की आस है कि लॉकडाउन जल्द खत्म होगी. हालांकि, लॉक डाउन आगे बढ़ाने की बात सामने आ रही है जिससे निराशा हाथ लगी है.

पटनाः लॉक डाउन के दौरान राजधानी पटना में कई मजदूर और फुटपाथ दुकानदार है जो एक ही जगह पर झुंड बनाकर रह रहे हैं. अधिकांश मजदूर वर्ग के लोग एक छोटे से कमरे में कई लोग एक साथ रहते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंस पालन करने की बात बेमानी है. हालांकि, मजबूरी वश लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर पा रहे हैं.

लोगों को इस बात का एहसास है कि कोरोनावायरस के संक्रमण काल में सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए. दूसरे जिले से आकर पटना में रहकर कमाई करने वाले मजदूरों का कहना है कि अचानक लॉक डाउन होने से घर नहीं पहुंच सके. यहीं, कारण है कि अभी मजबूरी में एक ही कमरे में चार-चार लोग रहते हैं. इस हालत में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा है. हालांकि, इतना जरूर कहते हैं कि किसी भी तरह अपना मुंह ढक कर एक दूसरे से दूर रहते हैं.

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अपनी व्यथा सुनाता मजदूर

कमाई बंद, उपर से पेट भरने की चिंता
राजधानी पटना में मजदूर वर्ग के हजारों लोग लॉक डाउन में फंसे हैं. कुछ लोग अभी भी फुटपाथ पर ही रात गुजार रहे हैं. जहां, सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पा रहा है. एक तरफ जहां उनकी कमाई बंद वहीं, रात में पेट की आग बुझाने की चिंता. जब लोग खाने-पीने की वस्तु बांटने आते हैं तो आपाधापी में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पाता है. मजदूर और दिहाड़ी मजदूरों की आस है कि लॉकडाउन जल्द खत्म होगी. हालांकि, लॉक डाउन आगे बढ़ाने की बात सामने आ रही है जिससे निराशा हाथ लगी है.

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