ETV Bharat / state

छठ पूजा : उदीयमान सूर्य को दिया जा रहा अर्घ्य, पारण के साथ संपन्न होगा महापर्व - last day of chhath puja

आज छठ महापर्व का आखिरी दिन है. कुछ ही देर में महिलाएं उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देंगी. लोकआस्था के इस दिन को पारण कहते हैं. पारण के बाद ही छठ व्रत संपन्न होता है. पढ़ें पूरी खबर...

देखें रिपोर्ट
देखें रिपोर्ट
author img

By

Published : Nov 21, 2020, 6:01 AM IST

पटना : महापर्व छठ को लेकर बिहार समेत उत्तर भारत में उत्साह का माहौल है. आज से इस चार दिवसीय पर्व का आखिरी दिन है. चौथे दिन को पारण के नाम से जाना जाता है. छठ का त्योहार व्रतियां 36 घंटों का निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं. चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही ये कठोर व्रत संपन्न होता है.

छठ पर्व के अंतिम दिन सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद छठ माता से संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति की कामना की जाती है. पूजा के बाद व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत को पूरा करती हैं जिसे पारण कहा जाता है. इसी के साथ, विधिवत पूजा कर प्रसाद बांटा जाता है. और इस तरह छठ पूजा संपन्न हो जाती है.

देखें रिपोर्ट

सूर्य को अर्घ्य देने की विधि

  • सूर्य को जल देने के लिए तांबे के लोटे में जल, लाल चन्दन, चावल, लाल फूल और कुश डालें.
  • प्रसन्न मन से सूर्य की ओर मुख करके कलश को छाती के बीचों-बीच लाकर सूर्य मंत्र का जप करें.
  • मंत्रोच्चारण के साथ ही जल की धारा धीरे-धीरे प्रवाहित कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुष्पांजलि अर्पित करें.
  • इस समय अपनी दृष्टि को कलश की धारा वाले किनारे पर रखें.
  • ऐसा करने से सूर्य का प्रतिबिम्ब एक छोटे बिंदु के रूप में दिखाई देगा और एकाग्रमन से देखने पर सप्तरंगों का वलय नजर आएगा.
  • अर्घ्य के बाद सूर्यदेव को नमस्कार कर परिक्रमा करें.

पारण की विधि

जय छठी मईया
जय छठी मईया
  • सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सात बार परिक्रमा लगाएं.
  • इसके बाद छठी माई को याद करते हुए, प्रसाद को ग्रहण करें.

समय

छठ पर्व को लेकर उत्साह
छठ पर्व को लेकर उत्साह

कार्तिक शुक्ल : सप्तमी तिथि

तारीख : 21 नवंबर 2020, बुधवार

सूर्योदय: सुबह 06:49 बजे

सूर्योस्त : शाम 05:25 बजे

पटना : महापर्व छठ को लेकर बिहार समेत उत्तर भारत में उत्साह का माहौल है. आज से इस चार दिवसीय पर्व का आखिरी दिन है. चौथे दिन को पारण के नाम से जाना जाता है. छठ का त्योहार व्रतियां 36 घंटों का निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं. चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही ये कठोर व्रत संपन्न होता है.

छठ पर्व के अंतिम दिन सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद छठ माता से संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति की कामना की जाती है. पूजा के बाद व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत को पूरा करती हैं जिसे पारण कहा जाता है. इसी के साथ, विधिवत पूजा कर प्रसाद बांटा जाता है. और इस तरह छठ पूजा संपन्न हो जाती है.

देखें रिपोर्ट

सूर्य को अर्घ्य देने की विधि

  • सूर्य को जल देने के लिए तांबे के लोटे में जल, लाल चन्दन, चावल, लाल फूल और कुश डालें.
  • प्रसन्न मन से सूर्य की ओर मुख करके कलश को छाती के बीचों-बीच लाकर सूर्य मंत्र का जप करें.
  • मंत्रोच्चारण के साथ ही जल की धारा धीरे-धीरे प्रवाहित कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुष्पांजलि अर्पित करें.
  • इस समय अपनी दृष्टि को कलश की धारा वाले किनारे पर रखें.
  • ऐसा करने से सूर्य का प्रतिबिम्ब एक छोटे बिंदु के रूप में दिखाई देगा और एकाग्रमन से देखने पर सप्तरंगों का वलय नजर आएगा.
  • अर्घ्य के बाद सूर्यदेव को नमस्कार कर परिक्रमा करें.

पारण की विधि

जय छठी मईया
जय छठी मईया
  • सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सात बार परिक्रमा लगाएं.
  • इसके बाद छठी माई को याद करते हुए, प्रसाद को ग्रहण करें.

समय

छठ पर्व को लेकर उत्साह
छठ पर्व को लेकर उत्साह

कार्तिक शुक्ल : सप्तमी तिथि

तारीख : 21 नवंबर 2020, बुधवार

सूर्योदय: सुबह 06:49 बजे

सूर्योस्त : शाम 05:25 बजे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.