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पटना: निजीकरण के खिलाफ किसान यात्रा का मगध जोन में हुआ समापन - Kisan Yatra in Bihar

कंपनी राज के खिलाफ किसान यात्रा पूरे बिहार में घूम-घूमकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसके आयोजक अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा माले है. वहीं, आंदोलनकारियों ने कहा कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार ने गठित बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिश को लागू नहीं होने दिया है.

किसान यात्रा
किसान यात्रा
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Published : Mar 15, 2021, 9:25 PM IST

पटना: अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा माले के संयुक्त बैनर तले कंपनी राज के खिलाफ पूरे बिहार में इन दिनों किसान यात्रा चलाया जा रहा है. जिसमें शाहाबाद जोन, सीवान जोन, कोसी जोन, जमुई जोन, होते हुए आज मगध जोन में इस यात्रा का समापन किया गया है. आगामी 18 मार्च को संपूर्ण क्रांति दिवस के मौके पर पटना में विधान सभा मार्च किया जाना है.

पढ़ें: राबड़ी की गैर मौजूदगी का दिख रहा असर, विधान परिषद में कुंद पड़ी विपक्ष की धार

कंपनी राज के खिलाफ किसान यात्रा
आंदोलनकारियों का माने तो कंपनी राज के खिलाफ किसान यात्रा पूरे बिहार में घूम-घूम कर किसानों को जागरुक किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में किसान, मजदूर एवं देश के सभी वैसे लोग जो कृषि कानून के खिलाफ हैं. सभी को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है.

इन मांगों पर हो बहाल
वहीं, किसान विरोधी कृषि कानून रद्द करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने और बिहार में मंडी प्रणाली बहाली करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसान रथ का आयोजन हुआ.

सरकार ने बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिश नहीं की लागू
आंदोलनकारियों ने कहा कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार ने गठित बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिश को लागू नहीं होने दिया है. बटाइदारों और भूमिहीनों के पक्ष में आयोग द्वारा की गई अनुशंसा को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है. किसान निधि सम्मान योजना में भूमिहीन किसानों को शामिल किया जाने की मांग की.

पटना: अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा माले के संयुक्त बैनर तले कंपनी राज के खिलाफ पूरे बिहार में इन दिनों किसान यात्रा चलाया जा रहा है. जिसमें शाहाबाद जोन, सीवान जोन, कोसी जोन, जमुई जोन, होते हुए आज मगध जोन में इस यात्रा का समापन किया गया है. आगामी 18 मार्च को संपूर्ण क्रांति दिवस के मौके पर पटना में विधान सभा मार्च किया जाना है.

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कंपनी राज के खिलाफ किसान यात्रा
आंदोलनकारियों का माने तो कंपनी राज के खिलाफ किसान यात्रा पूरे बिहार में घूम-घूम कर किसानों को जागरुक किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में किसान, मजदूर एवं देश के सभी वैसे लोग जो कृषि कानून के खिलाफ हैं. सभी को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है.

इन मांगों पर हो बहाल
वहीं, किसान विरोधी कृषि कानून रद्द करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने और बिहार में मंडी प्रणाली बहाली करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसान रथ का आयोजन हुआ.

सरकार ने बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिश नहीं की लागू
आंदोलनकारियों ने कहा कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार ने गठित बंदोपाध्याय आयोग की सिफारिश को लागू नहीं होने दिया है. बटाइदारों और भूमिहीनों के पक्ष में आयोग द्वारा की गई अनुशंसा को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है. किसान निधि सम्मान योजना में भूमिहीन किसानों को शामिल किया जाने की मांग की.

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