जमशेदपुर/पटना: कहते हैं कि 'मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है'. ये पंक्तियां जमशेदपुर की ज्योति पांडेय पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. पति ने हौसला दिया. पत्नी ने कड़ी मेहनत की और इतिहास रच दिया. ज्योति पहले प्रयास में ही बिहार दारोगा की परीक्षा पास कर ली. बिहार में 2,062 दारोगा पद के लिए करीब 7 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे और इसमें ज्योति को सामान्य वर्ग में सफलता मिली है. वह बिहार में दारोगा बनेगी.
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पति के सपने को पूरा करने के लिए की कड़ी मेहनत
दरअसल, जमशेदपुर के जुगसलाई में रहने वाले अमित मिश्रा शादी से पहले पुलिस अफसर बनने के लिए लगातार प्रयास करते रहे. कई बार परीक्षा दी लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया. सरकारी नौकरी नहीं मिली तो लीगल एडवाइजर बन गए. ज्योति पांडेय से उनकी शादी हुई. शादी के बाद जब ज्योति को पता चला कि उनके पति पुलिस अफसर बनना चाहते थे तब उसने पति के सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया.
कहीं कोचिंग नहीं की, पति ने ही कराई तैयारी
ज्योति ने बताया कि एमबीए की पढ़ाई के दौरान उसकी शादी हो गई. पति के अधूरे सपने के बारे में जब उसे पता चला तब उसने खुद ही तैयारी करनी शुरू कर दी. ज्योति ने बताया कि वो एमबीए की छात्रा थी और अचानक कोर्स में बदलाव होने पर थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. पति ने पूरा सहयोग दिया और कोच बनकर तैयारी कराई. ज्योति का कहना है कि उसने कहीं बाहर कोचिंग नहीं की.
ससुराल वालों ने किया पूरा सपोर्ट
ज्योति बताती हैं कि आमतौर पर मध्यम वर्ग में शादी के बाद लड़कियां आगे पढ़ नहीं पाती. लेकिन, उसे ससुराल में पूरी आजादी मिली. ज्योति और अमित की आठ साल की एक बेटी भी है. अमित ने बच्ची को संभाला और ज्योति को पढ़ने के लिए पूरा समय मिला. ससुराल वालों ने पढ़ने में खूब सपोर्ट किया. ज्योति का कहना है कि वह समाज के लिए कुछ करना चाहती है. महिलाओं को समाज में खुद को स्थापित करने के लिए जागरूक होना पड़ेगा.
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पत्नी की सफलता पर अमित मिश्रा का कहना है कि ज्योति ने मेरे सपनों को पूरा किया है. उसने मेरे सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की. अमित का कहना है कि शादी से पहले या शादी के बाद बेटियों को शिक्षा से वंचित नहीं करना चाहिए. मायके के साथ-साथ ससुराल में भी बेटियों को समान अधिकार देने की जरूरत है तभी समाज बेहतर बन सकेगा. ज्योति ने यह संदेश दिया है कि बेटियां शादी के बाद भी मेहनत कर मंजिल पा सकती हैं. बस उन्हें थोड़े सहयोग की जरूरत है.