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पटना: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी, रजिस्ट्रेशन काउंटर भी कराया बंद

पटना में तीसरे दिन भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

डॉक्टरों की हड़ताल
डॉक्टरों की हड़ताल
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Published : Dec 25, 2020, 7:04 AM IST

पटना: स्टाइपंड बढ़ाने की मांग को लेकर पूरे बिहार के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया है. शुक्रवार को तीसरे दिन भी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी वार्ड के पास डटे रहे. जहां उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर को ही बंद करवाकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

Patna
मरीज

स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग
हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि जब तक हमारा स्टाइपेंड नहीं बढ़ जाता, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगी. जूनियर डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हैं. लगातार वह अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों की परेशानी देख अस्पताल के अधीक्षक और डॉक्टर मूकदर्शक बने हैं. सीनियर डॉक्टर के होते हुए भी अस्पताल में सभी मरीजों की सेवा ठप है. ऐसे में मरीजों के परिजनों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल
बता दें कि बिहार के सारे मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड ड्यूटी का पूरी तरह से बहिष्कार किया. बिहार में कुल नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. जहां के जूनियरों ने डॉक्टर बुधवार की सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. हालांकि, जूनियर डॉक्टरों ने कोरोना मरीजों के इलाज की ड्यूटी को हड़ताल से बाहर रखा है. यह डॉक्टर स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल पर गए हैं.

पटना: स्टाइपंड बढ़ाने की मांग को लेकर पूरे बिहार के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया है. शुक्रवार को तीसरे दिन भी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी वार्ड के पास डटे रहे. जहां उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर को ही बंद करवाकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

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मरीज

स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग
हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि जब तक हमारा स्टाइपेंड नहीं बढ़ जाता, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगी. जूनियर डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हैं. लगातार वह अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों की परेशानी देख अस्पताल के अधीक्षक और डॉक्टर मूकदर्शक बने हैं. सीनियर डॉक्टर के होते हुए भी अस्पताल में सभी मरीजों की सेवा ठप है. ऐसे में मरीजों के परिजनों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल
बता दें कि बिहार के सारे मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड ड्यूटी का पूरी तरह से बहिष्कार किया. बिहार में कुल नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. जहां के जूनियरों ने डॉक्टर बुधवार की सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. हालांकि, जूनियर डॉक्टरों ने कोरोना मरीजों के इलाज की ड्यूटी को हड़ताल से बाहर रखा है. यह डॉक्टर स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल पर गए हैं.

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