पटना: झारखंड के रहने वाले एक्टर चंद्र शेखर दत्ता अभी तक दर्जनों फिल्म में काम कर चुके हैं. हाल ही में द केरल स्टोरी रिलीज हुई जिसके बाद से चंद्र शेखर दत्ता काफी चर्चा में है. इस फिल्म में एक्टर धर्म प्रवक्ता के मुख्य नेगेटिव रोल में अभिनय कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि द केरल स्टोरी में धार्मिक प्रवक्ता का नेगेटिव किरदार निभाना काफी मुश्किल था लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने काफी प्रयास कर इसको बखूबी निभाया है. फिल्म के लिए लैंग्वेज थोड़ा डिफिकल्ट जरूर रहा लेकिन लोगों ने इसे काफी सराहा है. मलाला यूसुफजई पर बनी इंटरनेशनल फिल्म गुल मकई में भी मुस्लिम खान का किरदार उन्होंने निभाया था उसके बाद से नकारात्मक किरदार निभाने के लिए ऑफर आने शुरू हो गए.
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एक्टर ने निभाई 60 साल के बुजुर्ग की भूमिका: चंद्र शेखर दत्ता का मानना है कि द केरल स्टोरी के बाद उन्हें भले ही लोग अब ज्यादा जान रहे हैं लेकिन हर फिल्म में कई किरदार है. हर किरदार का अपनी कहानी होती है. उस किरदार को बखूबी निभाने के लिए बहुत मेहनत और प्रैक्टिस करना होता है. जिसके बाद ही टीवी स्क्रीन पर लोगों का प्यार और आशीर्वाद मिलता है. हालाकि उन्होंने कहा कि अभी फिल्मों में नेगेटिव किरदार निभाने का ज्यादा स्कोप है. केरल स्टोरी में वो धार्मिक प्रवक्ता की भूमिका में रहते हुए मासूम लड़कियों को बरगला कर, दिमाग को भटका कर धर्म परिवर्तन कराने का काम करते हैं. इस किरदार को निभाने के लिए कई लोगों पर रिसर्च करने के बाद उन्हें सिलेक्ट किया गया. वो 60 साल के बुजुर्ग की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं.
"द केरल स्टोरी में धार्मिक प्रवक्ता का नेगेटिव किरदार निभाना काफी मुश्किल था लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने काफी प्रयास कर इसको बखूबी निभाया है. फिल्म के लिए लैंग्वेज थोड़ा डिफिकल्ट जरूर रहा लेकिन लोगों ने इसे काफी सराहा है. मलाला यूसुफजई पर बनी इंटरनेशनल फिल्म गुल मकई में भी मुस्लिम खान का किरदार मैंने निभाया था उसके बाद से नकारात्मक किरदार निभाने के लिए ऑफर आने शुरू हो गए."-चंद्र शेखर दत्ता, अभिनेता
शेखर दत्ता ने 5 साल किया थिएटर: दत्ता ने बताया कि झारखंड से बॉलीवुड का सफर उनका साल 2000 में प्लस टू करने के बाद शुरू हो गया. वो दिल्ली चले गए और वहां जाकर 5 साल तक थिएटर किया. 2008 में जब वो मुंबई आए तो हर कलाकार को थिएटर से जुड़ना बेहद जरूरी होता था, क्योंकि थिएटर के बिना कलाकार की पहचान होना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि उनकी पहली फिल्म एरर 404 है और उसके बाद से वो मुंबई में सक्रिय हैं. अभी तक संजय लीला भंसाली, राम गोपाल वर्मा, संतोष शिवम और श्याम बेनेगल के साथ काम किया है. फिल्म खाकी काम करके उन्हें काफी अच्छा लगा, इसमें उन्होंने फेवरेट मंत्री का किरदार निभाने के लिए 15 किलो अपना वजन बढ़ाया था.
बिहार-झारखंड में प्रतिभा की कमी नहीं: उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड में टैलेंट की कमी नहीं है. जिसको भी जिस क्षेत्र में ज्यादा प्रेम और लगाव है उस क्षेत्र में परिश्रम करना पड़ता है. जो थिएटर के कलाकार है उनको एक्टिंग को समझना पड़ेगा, कला, साहित्य, मनोविज्ञान और मार्शल आर्ट जैसे अपने किरदार पर हमेशा परफॉर्मेंस करते रहिए. अकेले हो या ग्रुप में तो भी किरदार निभाते रहना चाहिए, जिससे कि आपके किरदार में निखार आएगी. बिना परिश्रम का कोई भी सफर नहीं मिलता है. बिहार और झारखंड के भी लोगों पर अगर फिल्म बनी तो मैं उसमें किरदार निभा लूंगा.