ETV Bharat / state

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को हथियार सप्लाई करता था CRPF जवान, झारखंड एटीएस ने दबोचा

झारखंड एटीएस (Jharkhand ATS) की टीम ने नक्सलियों तक हथियार और कारतूस सप्लाई करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है. गिरफ्तार तस्करों के पास से एटीएस की टीम ने 450 कारतूस भी बरामद किया है.

झारखंड एटीएस
झारखंड एटीएस
author img

By

Published : Nov 16, 2021, 9:04 PM IST

रांची: झारखंड एटीएस (Jharkhand ATS) की टीम ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में तैनात सीआरपीएफ जवान (CRPF jawan arrested) अविनाश कुमार को उसके दो साथी ऋषि कुमार और पंकज सिंह के साथ गिरफ्तार किया है. सीआरपीएफ जवान नक्सलियों और अपराधियों को आर्म्स और कारतूस सप्लाई किया करता था. झारखंड एटीएस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर रांची से उसे गिरफ्तार किया है.

ये भी पढ़ें- हजारीबाग में मिनी गन फैक्ट्री मिली, बड़ी संख्या में अर्धनिर्मित हथियार बरामद

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में पदस्थापित सीआरपीएफ जवान नक्सलियों और बड़े अपराधी गिरोहों को हथियार और कारतूस सप्लाई करता था. झारखंड एटीएस की टीम ने बिहार में छापेमारी कर अविनाश कुमार (Avinash Kumar) को गिरफ्तार किया है. अविनाश की निशानदेही पर उसके दो अन्य साथी ऋषि और पंकज भी पकड़े गए हैं. तीनों झारखंड बिहार में सक्रिय उग्रवादी संगठनों को हथियार सप्लाई करते थे.

गिरफ्तार हथियार तस्करों के पास से एके-47 और इंसास राइफल की 450 गोलियां बरामद की गई है. झारखंड एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि इस गिरोह में अभी कई और लोग भी हैं, जो फरार हैं. उनके संबंध में जानकारियां हासिल की जा रही है. जिसके बाद उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी.

इनामी नक्सलियों से लेकर बड़े अपराधियों तक पहुंचाते थे हथियार

गिरफ्तार अविनाश कुमार और उसके साथी एक करोड़ के इनामी माओवादी पतिराम मांझी समेत झारखंड-बिहार के बड़े आपराधिक गिरोहों को हथियार-कारतूस की सप्लाई करते थे. झारखंड एटीएस ने बिहार एसटीएफ (Bihar STF) की मदद से पुलवामा में पोस्टेड सीआरपीएफ के जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू को गया से, पेशे से ठेकेदार ऋषि कुमार को पटना से और जमीन व कोयला कारेाबार से जुड़े एक शख्स पंकज कुमार सिंह को रांची से गिरफ्तार किया है.

एटीएस एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि अबतक की पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि अपराधियों के द्वारा भाकपा माओवादियों को भारी संख्या में एके 47, इंसास और एक हजार से अधिक कारतूस की सप्लाई की गई है. वहीं यह गिरोह झारखंड के पाकुड़ जेल में बंद अपराधी अमन साव, बिहार के शेरघाटी जेल में बंद हरेंद्र यादव और गया जेल में बंद लल्लू खान के गिरोह को हथियार की सप्लाई करता था.


नागलैंड-असम से आती थी हथियार की खेप

एटीएस एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि गिरोह के अपराधी नागालैंड और असम से हथियार-कारतूस लाते थे. इसके बाद इसकी सप्लाई माओवादियों और आपराधिक गिरोहों को की जाती थी. मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स को आवंटित किया जाने वाला हथियार या कारतूस ही अपराधियों के सहारे माओवादियों या आपराधिक गैंग तक पहुचाया जाता था.

एटीएस एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में कई तथ्य आए हैं. इन तथ्यों की पड़ताल के लिए एटीएस डीएसपी आशुतोष कुमार सत्यम और भोकला प्रसाद के नेतृत्व में टीम गठित की गई है. पुलिस ने अपराधियों के पास से इंसास की 450 गोलियां भी बरामद की है.

ठेकेदार संजय सिंह और मुजाहिर के जिम्मे है माओवादियों को हथियार सप्लाय करना

एटीएस एसपी ने बताया कि गिरफ्तार ऋषि कुमार रांची के हटिया में रहकर ट्रांसपोर्टेशन का काम करता था. एयरपोर्ट रोड में वह भवन निर्माण का भी काम कर रहा था. इसी दौरान वह ठेकेदार संजय सिंह और मुजाहिर के संपर्क में आया. दोनों ठेकेदार चाईबासा-सरायकेला में सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे. माओवादियों ने उन ठेकेदारों को गोली उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी थी.

इसके बाद ऋषि ने अविनाश और पंकज की मदद से माओवादी कमांडर पतिराम मांझी तक एक हजार से अधिक गोलियां पहुंचायीं. एटीएस की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि संजय सिंह ने बैंक खातों व नकद राशि का भुगतान ऋषि समेत अन्य को किया. संजय सिंह भी बिहार, झारखंड के अलावा असम व नागालैंड के तस्करों के संपर्क में था. एटीएस को संजय सिंह की भी तलाश है.

चार महीने से गायब था अविनाश

माओवादियों और अपराधिक गिरोहों को हथियार व कारतूस की सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार चार महीने से ड्यूटी से गायब है. एटीएस एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि अविनाश सीआरपीएफ की 182 बटालियन में आरक्षी के रूप में पुलवामा में तैनात है. 24 अगस्त 2011 को मोकामा ग्रुप केंद्र से सीआरपीएफ में अविनाश की बहाली हुई थी.

पूर्व में वह 112 बटालियन लातेहार व 204 कोबरा बटालियन जगदलपुर में पदस्थापित रहा था. साल 2017 से वह पुलवामा में तैनात था. एटीएस एसपी ने बताया कि अविनाश के पास से मिले मोबाइल से भी कई राज खुले हैं. सीआरपीएफ जवान ने कई बार जेल में बंद अपराधियों से टेलीग्राम व व्हाट्सएप के जरिए संपर्क साधा था. एटीएस एसपी ने बताया कि सीआरपीएफ से भी अविनाश के बारे में जानकारी जुटायी जा रही है.

रांची: झारखंड एटीएस (Jharkhand ATS) की टीम ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में तैनात सीआरपीएफ जवान (CRPF jawan arrested) अविनाश कुमार को उसके दो साथी ऋषि कुमार और पंकज सिंह के साथ गिरफ्तार किया है. सीआरपीएफ जवान नक्सलियों और अपराधियों को आर्म्स और कारतूस सप्लाई किया करता था. झारखंड एटीएस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर रांची से उसे गिरफ्तार किया है.

ये भी पढ़ें- हजारीबाग में मिनी गन फैक्ट्री मिली, बड़ी संख्या में अर्धनिर्मित हथियार बरामद

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में पदस्थापित सीआरपीएफ जवान नक्सलियों और बड़े अपराधी गिरोहों को हथियार और कारतूस सप्लाई करता था. झारखंड एटीएस की टीम ने बिहार में छापेमारी कर अविनाश कुमार (Avinash Kumar) को गिरफ्तार किया है. अविनाश की निशानदेही पर उसके दो अन्य साथी ऋषि और पंकज भी पकड़े गए हैं. तीनों झारखंड बिहार में सक्रिय उग्रवादी संगठनों को हथियार सप्लाई करते थे.

गिरफ्तार हथियार तस्करों के पास से एके-47 और इंसास राइफल की 450 गोलियां बरामद की गई है. झारखंड एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि इस गिरोह में अभी कई और लोग भी हैं, जो फरार हैं. उनके संबंध में जानकारियां हासिल की जा रही है. जिसके बाद उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी.

इनामी नक्सलियों से लेकर बड़े अपराधियों तक पहुंचाते थे हथियार

गिरफ्तार अविनाश कुमार और उसके साथी एक करोड़ के इनामी माओवादी पतिराम मांझी समेत झारखंड-बिहार के बड़े आपराधिक गिरोहों को हथियार-कारतूस की सप्लाई करते थे. झारखंड एटीएस ने बिहार एसटीएफ (Bihar STF) की मदद से पुलवामा में पोस्टेड सीआरपीएफ के जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू को गया से, पेशे से ठेकेदार ऋषि कुमार को पटना से और जमीन व कोयला कारेाबार से जुड़े एक शख्स पंकज कुमार सिंह को रांची से गिरफ्तार किया है.

एटीएस एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि अबतक की पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि अपराधियों के द्वारा भाकपा माओवादियों को भारी संख्या में एके 47, इंसास और एक हजार से अधिक कारतूस की सप्लाई की गई है. वहीं यह गिरोह झारखंड के पाकुड़ जेल में बंद अपराधी अमन साव, बिहार के शेरघाटी जेल में बंद हरेंद्र यादव और गया जेल में बंद लल्लू खान के गिरोह को हथियार की सप्लाई करता था.


नागलैंड-असम से आती थी हथियार की खेप

एटीएस एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि गिरोह के अपराधी नागालैंड और असम से हथियार-कारतूस लाते थे. इसके बाद इसकी सप्लाई माओवादियों और आपराधिक गिरोहों को की जाती थी. मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स को आवंटित किया जाने वाला हथियार या कारतूस ही अपराधियों के सहारे माओवादियों या आपराधिक गैंग तक पहुचाया जाता था.

एटीएस एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में कई तथ्य आए हैं. इन तथ्यों की पड़ताल के लिए एटीएस डीएसपी आशुतोष कुमार सत्यम और भोकला प्रसाद के नेतृत्व में टीम गठित की गई है. पुलिस ने अपराधियों के पास से इंसास की 450 गोलियां भी बरामद की है.

ठेकेदार संजय सिंह और मुजाहिर के जिम्मे है माओवादियों को हथियार सप्लाय करना

एटीएस एसपी ने बताया कि गिरफ्तार ऋषि कुमार रांची के हटिया में रहकर ट्रांसपोर्टेशन का काम करता था. एयरपोर्ट रोड में वह भवन निर्माण का भी काम कर रहा था. इसी दौरान वह ठेकेदार संजय सिंह और मुजाहिर के संपर्क में आया. दोनों ठेकेदार चाईबासा-सरायकेला में सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे. माओवादियों ने उन ठेकेदारों को गोली उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी थी.

इसके बाद ऋषि ने अविनाश और पंकज की मदद से माओवादी कमांडर पतिराम मांझी तक एक हजार से अधिक गोलियां पहुंचायीं. एटीएस की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि संजय सिंह ने बैंक खातों व नकद राशि का भुगतान ऋषि समेत अन्य को किया. संजय सिंह भी बिहार, झारखंड के अलावा असम व नागालैंड के तस्करों के संपर्क में था. एटीएस को संजय सिंह की भी तलाश है.

चार महीने से गायब था अविनाश

माओवादियों और अपराधिक गिरोहों को हथियार व कारतूस की सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार चार महीने से ड्यूटी से गायब है. एटीएस एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि अविनाश सीआरपीएफ की 182 बटालियन में आरक्षी के रूप में पुलवामा में तैनात है. 24 अगस्त 2011 को मोकामा ग्रुप केंद्र से सीआरपीएफ में अविनाश की बहाली हुई थी.

पूर्व में वह 112 बटालियन लातेहार व 204 कोबरा बटालियन जगदलपुर में पदस्थापित रहा था. साल 2017 से वह पुलवामा में तैनात था. एटीएस एसपी ने बताया कि अविनाश के पास से मिले मोबाइल से भी कई राज खुले हैं. सीआरपीएफ जवान ने कई बार जेल में बंद अपराधियों से टेलीग्राम व व्हाट्सएप के जरिए संपर्क साधा था. एटीएस एसपी ने बताया कि सीआरपीएफ से भी अविनाश के बारे में जानकारी जुटायी जा रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.