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Bihar Caste Census: जातीय गणना के याचिकाकर्ता का बीजेपी से क्या है संबंध? JDU ने BJP से मांगा जबाव

बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगने से जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जिसने याचिका दायर की है, भाजपा बताए कि उससे क्या संबंध है. ये सभी अमित शाह के दुलारे हैं. भाजपा आरक्षण को खत्म करना चाहती है. भाजपा समझ ले कि जदयू के पास तीर है और तीर का निशाना चुकता नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : May 7, 2023, 3:57 PM IST

नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता जदयू

पटनाः बिहार में जातीय गणना पर सियासत थम नहीं रहा है. रविवार को जदयू प्रवक्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा. कहा कि जदयू का तीर एकदम निशाने पर लगता है. जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रवक्ताओं के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी से पूछा कि जातीय गणना रोकने के लिए कोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता का बीजेपी के साथ क्या संबंध है बताएं.

यह भी पढ़ेंः Mission 2024: विपक्षी एकता की कवायद के बीच CM नीतीश के चुनाव लड़ने की चर्चा, क्या PM मोदी को देंगे टक्कर?

सभी अमित शाह के दुलारे हैंः जेडीयू मुक्त प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रो माखनलाल, प्रोफ़ेसर संगीत राठी प्रोफेसर कपिल कुमार, डॉक्टर भूरेलाल सहित अन्य का बीजेपी के साथ क्या संबंध है यह बताना चाहिए. नीरज कुमार ने कहा सभी अमित शाह के दुलारे हैं. नीरज कुमार ने कहा कि प्लान के तहत जातीय गणना के खिलाफ याचिका दायर की गई है. पहले भी आरक्षण के खिलाफ इनका मुहिम रही है. जहां एक ओर बीजेपी सरकार पर आरोप लगा रही है कि सही ढंग से कोर्ट में तथ्य पेश नहीं किया गया. जदयू के तरफ से बीजेपी की साजिश बताया जा रहा है. बीजेपी के इशारे पर ही जातीय गणना रोकने के लिए प्रयास हो रहा है.

"प्रोफेसर माखनलाल, प्रोफेसर संगीत कुमार राठी, प्रोफेसर कपिल कुमार, डॉ भूरेलाल, मिसेज अहाना कुमारी, ये सभी अमित शाह जी के दुलारे हैं. ये अपने कुछ नहीं करते हैं. दाएं बाएं का खेल खेल रहे हैं. दाएं बाएं का खेल खेलेंगे तो जनता दलयू के पास तीर है, उसका निशाना सीधा लगता है. भाजपा बताए कि ये जो सभी नाम है, भाजपा का इससे क्या संबंध है. भाजपा नेताओं के उकसाने पर यह याचिका दायर की गई है. भाजपा का उद्देश्य है कि संविधान के तहत मिले आरक्षण को हटा देना है." -नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता जदयू

क्या है मामलाः बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई करते हुए जातीय जनगणना पर रोक लगा दिया है. कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि सरकार जातीय जनगणना कराकर निजता का उल्लंघन कर रही है. इस मामले में कोर्ट ने 3 जुलाई को सुनवाई करने का विचार किया था. बिहार के सरकार के आग्रह पर कोर्ट ने 9 मई को सुनवाई करने का फैसला लिया है. कोर्ट के फैसले पर सभी की नजर है.

नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता जदयू

पटनाः बिहार में जातीय गणना पर सियासत थम नहीं रहा है. रविवार को जदयू प्रवक्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा. कहा कि जदयू का तीर एकदम निशाने पर लगता है. जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रवक्ताओं के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी से पूछा कि जातीय गणना रोकने के लिए कोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता का बीजेपी के साथ क्या संबंध है बताएं.

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सभी अमित शाह के दुलारे हैंः जेडीयू मुक्त प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रो माखनलाल, प्रोफ़ेसर संगीत राठी प्रोफेसर कपिल कुमार, डॉक्टर भूरेलाल सहित अन्य का बीजेपी के साथ क्या संबंध है यह बताना चाहिए. नीरज कुमार ने कहा सभी अमित शाह के दुलारे हैं. नीरज कुमार ने कहा कि प्लान के तहत जातीय गणना के खिलाफ याचिका दायर की गई है. पहले भी आरक्षण के खिलाफ इनका मुहिम रही है. जहां एक ओर बीजेपी सरकार पर आरोप लगा रही है कि सही ढंग से कोर्ट में तथ्य पेश नहीं किया गया. जदयू के तरफ से बीजेपी की साजिश बताया जा रहा है. बीजेपी के इशारे पर ही जातीय गणना रोकने के लिए प्रयास हो रहा है.

"प्रोफेसर माखनलाल, प्रोफेसर संगीत कुमार राठी, प्रोफेसर कपिल कुमार, डॉ भूरेलाल, मिसेज अहाना कुमारी, ये सभी अमित शाह जी के दुलारे हैं. ये अपने कुछ नहीं करते हैं. दाएं बाएं का खेल खेल रहे हैं. दाएं बाएं का खेल खेलेंगे तो जनता दलयू के पास तीर है, उसका निशाना सीधा लगता है. भाजपा बताए कि ये जो सभी नाम है, भाजपा का इससे क्या संबंध है. भाजपा नेताओं के उकसाने पर यह याचिका दायर की गई है. भाजपा का उद्देश्य है कि संविधान के तहत मिले आरक्षण को हटा देना है." -नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता जदयू

क्या है मामलाः बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई करते हुए जातीय जनगणना पर रोक लगा दिया है. कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि सरकार जातीय जनगणना कराकर निजता का उल्लंघन कर रही है. इस मामले में कोर्ट ने 3 जुलाई को सुनवाई करने का विचार किया था. बिहार के सरकार के आग्रह पर कोर्ट ने 9 मई को सुनवाई करने का फैसला लिया है. कोर्ट के फैसले पर सभी की नजर है.

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