पटना: बाहुबली आनंद मोहन और 26 अन्य लोगों की रिहाई मामले पर बीजेपी आक्रामक है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा सहित बीजेपी के कई नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है और आनंद मोहन के बहाने 26 अपराधियों को अपने चुनावी फायदे के लिए छोड़ने का आरोप लगाया है. इसपर जदयू ने पलटवार किया है. बिहार सरकार में विभिन्न विभागों में मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे मंत्रियों ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जो भी फैसला हुआ है वह कानून सम्मत है. नीतीश कुमार न तो किसी को फंसाते हैं ना किसी को बचाते हैं, जो संवैधानिक अधिकार सबको मिला है उसी के अनुसार फैसला हुआ है.
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बोले श्रवण कुमार- 'सुशील मोदी पर आती है हंसी':आनंद मोहन के साथ में 26 से कैदियों की रिहाई पर सुशील मोदी के आक्रमण का जवाब देते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सुशील मोदी उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बहुत जानकार नेता हैं. यदि सुशील मोदी जैसे कद्दावर नेता इस तरह का बयान देंगे तो बहुत दुख होता है. आखिर बीजेपी कहां जा रही है.
"बीजेपी की जमीन खिसक गई है. बीजेपी के नेता को कानून पर भरोसा नहीं है और जब इस तरह का बयान देते हैं तो हम लोगों को दुख भी होता है और हंसी भी आती है. सुशील मोदी जैसे नेताओं को इस तरह के बयान से परहेज करना चाहिए. कानून जब बन गया तो जो उसके दायरे में आएंगे उनको लाभ मिलेगा."- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार
'ओछी टिप्पणी करते हैं नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा': वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के बयान पर कि 15 साल से भी अधिक समय से जो लोग जेल में बंद हैं उनकी रिहाई पर भी विचार करना चाहिए, श्रवण कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जितनी बात करते हैं उसपर दिल्ली की सरकार 1 मिनट भी नहीं टिक पाएगी. नेता प्रतिपक्ष ओछी टिप्पणी करते हैं. नेता प्रतिपक्ष हैं उनको कुछ कहना है तो मुख्यमंत्री से मिलकर भी कह सकते हैं. अखबार और टेलीविजन से सरकार नहीं चलती है.
'आनंद मोहन की रिहाई कानून सम्मत': लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है. ना किसी को फंसाती है और ना किसी को बचाती है जो कुछ भी हुआ वह कानून सम्मत हुआ है. बीजेपी के लोग किसी तरह से धार्मिक और अन्य भावना भड़काना चाहते हैं तो कोई भड़कने वाला नहीं है. बीजेपी के लोग योगी मॉडल और अन्य बातों की चर्चा करते हैं. चेला गुरु को थोड़े समझाएगा.
"बिहार में 2005 से जबसे नीतीश कुमार की सरकार है अपराधियों पर किस तरह का लगाम लगाया गया है सबको पता है. वही पुराना माहौल यदि बनाना चाहे तो वह बनने वाला नहीं है. सुशील मोदी अभी बेरोजगार हैं इसलिए बयान देते रहते हैं कि रोजगार मिल जाए लेकिन उन्हें भी कानून का ज्ञान होगा. कानून के तहत सबको संवैधानिक अधिकार है और उसी के तहत तो सब कुछ हो रहा है."- जयंत राज, लघु जल संसाधन मंत्री, बिहार
"विभाग ने बहुत सोच समझ कर ही फैसला लिया है. जब भी किसी की रिहाई होती है तो उसका कारण लिखा जाता है मैंने फाइल नहीं देखी है लेकिन जो भी फैसला हुआ है सरकार ने सोच समझ कर लिया है. कानून के हिसाब से फैसला लिया गया है. बीजेपी के लोग विपक्ष में हैं स्वाभाविक है अपनी बात रखेंगे. जब साथ रहते हैं तो बिहार में रामराज रहता है जब विपक्ष में जाते हैं तो जंगलराज."- सुनील कुमार, मद्य निषेध मंत्री, बिहार
आनंद मोहन की रिहाई पर बयानबाजी जारी: आनंद मोहन और 26 जेल में सजा काट रहे अपराधियों की रिहाई पर बिहार में सियासत जारी है. बीजेपी के नेता नीतीश कुमार पर चुनाव में फायदे के लिए इस तरह का फैसला लेने और बिहार को 90 के दशक में पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं जदयू के मंत्री सरकार के बचाव में उतर गए हैं और कह रहे हैं सब कुछ कानून के हिसाब से ही हो रहा है.