पटनाः बिहार में दूसरी बार जेडीयू को निराशा हाथ लगी है. पिछली सरकार में भी जेडीयू मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो सकी थी और यह दूसरा मौका है जब जनता दल यूनाइटेड के सांसद मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए.
दो कैबिनेट मंत्री चाहते थे नीतीश
बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी. मंत्रिमंडल को लेकर पिछले कई दिनों से भाजपा और जनता दल यूनाइटेड के बीच खींचतान चल रही थी. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार जेडीयू खाते में दो कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री चाहते थे. लेकिन भाजपा ने नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी.
नीतीश कुमार को मिली निराशा
सीएम नीतीश कुमार आरसीपी सिंह और ललन सिंह को कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिलाना चाहते थे. नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के लिए रेल मंत्रालय भी चाहते थे. इसके अलावा ओबीसी कोटे से आने वाले सांसद संतोष कुशवाहा के लिए राज्य मंत्री का पद भी माना जा रहा था. लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
एक कैबिनेट मंत्री का ऑफर
मालूम हो कि भाजपा ने एक कैबिनेट मंत्री का ऑफर नीतीश कुमार को दिया था. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक भाजपा अत्यंत पिछड़ा वर्ग कोटे से जेडीयू को कैबिनेट मंत्री बनाना चाहती थी. चंद्रेश्वर चंद्रवंशी, वैद्यनाथ महतो और संतोष कुशवाहा के नाम सुझाए गए थे. लेकिन नीतीश कुमार ने इस पर सहमति नहीं दी.