पटना: जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) ने साफ कर दिया कि वे जेडीयू में हैं और पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे. उपेन्द्र कुशवाहा से पार्टी छोड़ने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए, मैं अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हूं. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि जेडीयू कमजोर हो रही है (JDU is getting weak).
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'पटना में कार्यक्रम, मुझे न्यौता नहीं.. क्यो?' : जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने प्रेस कॉफ्रेंस कर कई बातों का दावा किया. उन्होने कहा कि राजनीतिक रूप से जब जब नीतीश बाबू कमजोर हुए तब तब हमने उनको सहयोग करने का काम किया है. कर्पूरी जी के सपने को पूरा करने के लिए हमने साथ दिया. लेकिन पटना में कर्पूरी जयंती मनाई गई, महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई लेकिन दोनों ही कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया. यह सब क्या है?. कुशवाहा ने कहा कि यह मुख्यमंत्री को कमजोर करने की साजिश (Conspiracy to take me away from JDU) है. ऐसे में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर इस पर चर्चा होनी चाहिए.
'RJD JDU के बीच कौन सी डील?' : उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी नेतृत्व पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि आखिर आरजेडी से क्या डील हुई है, इसका जल्द खुलासा होना चाहिए. कुशवाहा ने कहा क पिछले दिनों आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश को अब डील के तहत सीएम पद छोड़ देना चाहिए, ऐसे में मैं भी यह जानना चाहता हूं की आरजेडी जेडीयू के बीच क्या डील हुई. उन्होंगे आगे कहा कि, आरजेडी जेडीयू के विलय की बात कही जा रही है, आखिर सच्चाई क्या है, इस बात का खुलासा होना चाहिए.
कुशवाहा पर नीतीश का कड़ा रुख : बता दें कि जेडीयू में जारी सिरफुटौव्वल के बीच कुशवाहा ने मोर्चा संभाला तो नीतीश भी कहा चुप रहनेवाले थे. नीतीश ने कुशवाहा को लेकर कहा कि, जो मन में आता है, उपेन्द्र कुशवाहा बोलते रहते हैं. उनके बारे में ना तो हम कुछ बोलेंगे और ना पार्टी का कोई आदमी बोलेगा. इससे पहले सोमवार को नीतीश ने कहा था, आप उन्हीं से इसका जवाब पूछिए.
दिल्ली में BJP नेताओं से मिले थे कुशवाहा: दरअसल, पिछले दिनों उपेन्द्र कुशवाहा रूटी चेकअप के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती थे, तब उनसे मिलने तीन बीजेपी नेता एम्स पहुंचे थे. जिसके बाद से कुशवाहा की बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ने की चर्चा शुरू हो गई. हालांकि कुशवाहा ने एक बार फिर तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए कहा है कि वे जेडीयू में हैं और कमजोर हो रही पार्टी को अभी मजबूत करना है.
क्या बिहार में फिर होगा खेला? : फिलहाल तमाम बयानबाजी के बीच चर्चा तेज है कि एक बार फिर बिहार में फिर खेला होगा?. चर्चा ये भी है कि उपेन्द्र कुशवाहा अपनी पुरानी पार्टी लोक समता पार्टी (रालोसपा) दोबारा खड़ा कर सकते हैं. दरअसल, अमित शाह अगले महीने 22 फरवरी को बिहार दौरे पर आने वाले हैं. ऐसे में अमित शाह के बिहार दौरे से पहले उपेन्द्र कुशवाहा किधर जाएंगे साफ हो जाएगा.