पटना: बिहार में कोरोना विस्फोट के बीच बाढ़ ने मुश्किलें दोगुनी कर दी हैं. उत्तर बिहार में बागमती, कमला और कोसी में आए उफान से परेशान लोगों की हालत जानने के लिए तेजस्वी यादव ने बुधवार को दरभंगा और मधुबनी का दौरा किया.
इस दौरान उन्होंने लोगों की परेशानी देख नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला. जिसके बाद जदयू खेमे से नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
जेडीयू की ओर से बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने जवाब देते हुए कहा है कि जो कुछ भी उन्होंने कहा है उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. नीरज कुमार ने तेजस्वी के आरोपों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बयानबाजी से पहले तेजस्वी यादव को राजद के कार्यकाल का लेखा-जोखा याद करना चाहिए.
मंत्री ने राजद काल के घोटालों का दिया हवाला
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने साल 1998 से 2000 के बीच बाढ़ राहत घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग इस तरह के घोटाले करते रहे हैं, वह आरोप लगाने से पहले एक बार सोच लें. मौके पर मंत्री ने दावा किया कि सरकार की ओर से आपदा राहत के तमाम उपाय किए जा रहे हैं. मधुबनी में एसडीआरएफ की टीम पूरे मानसून के दौरान तैनात है.
'अपने पिता के कार्यों के लिए माफी मांगे तेजस्वी'
नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव को पहले अपने पिता के कार्यकाल के दौरान हुए घोटाले पर माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने सीएजी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 1996-97, 1997-98 और 1998-99 में केंद्र सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 90 करोड़ की राशि दी थी. लेकिन वह भी फर्जीवाड़ा की भेंट चढ़ गई.
दरभंगा और मधुबनी दौरे पर तेजस्वी यादव
बता दें कि बुधवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दरभंगा होते हुए मधुबनी के मधेपुर पहुंचे. दरभंगा में जहां उन्होंने एक राजद कार्यकर्ता के परिवार से मुलाकात की. वहीं मधुबनी में वे बाढ़ पीड़ितों का हाल जान रहे थे. इस दौरान उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने इन सभी लोगों को सड़क पर मरने को छोड़ दिया है. बाढ़ से परेशान लोगों की ना तो आर्थिक मदद की गई है और ना ही इन्हें खाना-पानी मुहैया कराया गया है. तेजस्वी के इन आरोपों के बाद सियासी पारा चढ़ गया है.