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BJP बिहार NDA में मुकेश सहनी को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं, बर्खास्तगी की मांग पर पशोपेश में JDU

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance in Bihar) में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी ने शीर्ष नेतृत्व के समक्ष मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. बीजेपी और वीआईपी के बीच आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) धर्म संकट की स्थिति में हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट..

National Democratic Alliance in Bihar
National Democratic Alliance in Bihar
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Published : Mar 13, 2022, 7:33 PM IST

पटना: बिहार एनडीए (Bihar NDA) में गांठ पड़ चुकी है. वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी (VIP President Mukesh Sahni) ने बीजेपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी खड़े करने के बाद विधान परिषद में भी प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं. मुकेश सहनी के स्टैंड से बीजेपी नेताओं के तेवर तल्ख हैं. पार्टी नेता मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. इन सबके बीच मुकेश सहनी भी बीजेपी के दबाव में झुकने को तैयार नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार BJP के नेताओं के निशाने पर मुकेश सहनी, कहा- 'लालू की विचारधारा मानने वालों की NDA में जगह नहीं'

''मुकेश सहनी को हम अब एनडीए में बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने की अपील की थी और विज्ञापन भी निकाला था. अब बिहार में प्रत्याशी खड़े कर रहे हैं. उनके प्रत्याशी खड़े करने से बीजेपी के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उत्तर प्रदेश में भी उन्हें अपनी ताकत का एहसास हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संज्ञान में लेकर मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से यथाशीघ्र बर्खास्त करना चाहिए''- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

"एनडीए में कोई भी निर्णय सामूहिक और लोकतांत्रिक तरीके से होता है. एनडीए में जब कोई ऐसा मसला आता है तो एनडीए के सभी नेता बैठकर के ऐसा फैसला लेते हैं. एनडीए में नेतृत्व शीर्ष स्तर पर बड़े नेता बैठ कर लेते हैं मुकेश साहनी के मसले पर भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बड़े नेता बैठेंगे तो उस पर निर्णय लेंगे.''- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

''बीजेपी की सोच शुरू से ही अति पिछड़ी जातियों के प्रति काफी नकारात्मक रहा है. अब ये तो एनडीए के अंदर का मामला है. जब बीजेपी के खिलाफ नीतीश कुमार चुनाव लड़ सकते हैं और उसके बीद भी वो बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने हुए हैं. तो मुकेश सहनी बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, तो ऐसे में हम नहीं समझते की कोई विवाद की स्थिति बनती है. जदयू और वीआईपी दोनों उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन बीजेपी सिर्फ मुकेश सहनी के खिलाफ तल्खी दिखा रही है. बीजेपी अति पिछड़ा विरोधी है.''- चितरंजन गगन, राजद प्रवक्ता

''मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी से दो-दो हाथ किए हैं. सहनी की वजह से बीजेपी के कुछ मंत्री चुनाव भी हारे हैं. आने वाले दिन मुकेश सहनी के राजनीतिक भविष्य के लिए ठीक नहीं है. मुकेश सहनी के लिए एनडीए में बने रहना टेढ़ी खीर साबित होने वाली है.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

सहनी को लेकर BJP के कड़े तेवर: बता दें कि मुकेश सहनी ने बीजेपी के खिलाफ विधान परिषद चुनाव में प्रत्याशी खड़े करने का ऐलान कर दिया है. मुकेश सहनी ने जेडीयू के खिलाफ तो कैंडिडेट नहीं दिए, लेकिन बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ कैंडिडेट देने में देर नहीं की. मुकेश सहनी के रुख के बाद बीजेपी के तेवर और तल्ख हो गए हैं पार्टी नेता मुकेश सहनी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं.

VIP नेताओं ने साधी चुप्पी: वहीं, ताजा विवाद के बाद मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पार्टी नेताओं का मानना है कि बिहार के नेताओं के बयान बाजी का कोई मतलब नहीं है, जब तक अमित शाह या जेपी नड्डा का बयान नहीं आता है, तब तक हम एनडीए का हिस्सा रहेंगे.

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पटना: बिहार एनडीए (Bihar NDA) में गांठ पड़ चुकी है. वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी (VIP President Mukesh Sahni) ने बीजेपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी खड़े करने के बाद विधान परिषद में भी प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं. मुकेश सहनी के स्टैंड से बीजेपी नेताओं के तेवर तल्ख हैं. पार्टी नेता मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. इन सबके बीच मुकेश सहनी भी बीजेपी के दबाव में झुकने को तैयार नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार BJP के नेताओं के निशाने पर मुकेश सहनी, कहा- 'लालू की विचारधारा मानने वालों की NDA में जगह नहीं'

''मुकेश सहनी को हम अब एनडीए में बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने की अपील की थी और विज्ञापन भी निकाला था. अब बिहार में प्रत्याशी खड़े कर रहे हैं. उनके प्रत्याशी खड़े करने से बीजेपी के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उत्तर प्रदेश में भी उन्हें अपनी ताकत का एहसास हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संज्ञान में लेकर मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से यथाशीघ्र बर्खास्त करना चाहिए''- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

"एनडीए में कोई भी निर्णय सामूहिक और लोकतांत्रिक तरीके से होता है. एनडीए में जब कोई ऐसा मसला आता है तो एनडीए के सभी नेता बैठकर के ऐसा फैसला लेते हैं. एनडीए में नेतृत्व शीर्ष स्तर पर बड़े नेता बैठ कर लेते हैं मुकेश साहनी के मसले पर भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बड़े नेता बैठेंगे तो उस पर निर्णय लेंगे.''- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

''बीजेपी की सोच शुरू से ही अति पिछड़ी जातियों के प्रति काफी नकारात्मक रहा है. अब ये तो एनडीए के अंदर का मामला है. जब बीजेपी के खिलाफ नीतीश कुमार चुनाव लड़ सकते हैं और उसके बीद भी वो बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने हुए हैं. तो मुकेश सहनी बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, तो ऐसे में हम नहीं समझते की कोई विवाद की स्थिति बनती है. जदयू और वीआईपी दोनों उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन बीजेपी सिर्फ मुकेश सहनी के खिलाफ तल्खी दिखा रही है. बीजेपी अति पिछड़ा विरोधी है.''- चितरंजन गगन, राजद प्रवक्ता

''मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी से दो-दो हाथ किए हैं. सहनी की वजह से बीजेपी के कुछ मंत्री चुनाव भी हारे हैं. आने वाले दिन मुकेश सहनी के राजनीतिक भविष्य के लिए ठीक नहीं है. मुकेश सहनी के लिए एनडीए में बने रहना टेढ़ी खीर साबित होने वाली है.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

सहनी को लेकर BJP के कड़े तेवर: बता दें कि मुकेश सहनी ने बीजेपी के खिलाफ विधान परिषद चुनाव में प्रत्याशी खड़े करने का ऐलान कर दिया है. मुकेश सहनी ने जेडीयू के खिलाफ तो कैंडिडेट नहीं दिए, लेकिन बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ कैंडिडेट देने में देर नहीं की. मुकेश सहनी के रुख के बाद बीजेपी के तेवर और तल्ख हो गए हैं पार्टी नेता मुकेश सहनी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं.

VIP नेताओं ने साधी चुप्पी: वहीं, ताजा विवाद के बाद मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पार्टी नेताओं का मानना है कि बिहार के नेताओं के बयान बाजी का कोई मतलब नहीं है, जब तक अमित शाह या जेपी नड्डा का बयान नहीं आता है, तब तक हम एनडीए का हिस्सा रहेंगे.

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