पटना: केंद्रीय बजट 2023 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने पेश कर दिया है. बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है. सात लाख तक सैलेरी वालों के अब कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इससे मध्यमवर्गीय वर्ग में बहुत ही खुशी है. निर्मला सीतारमण के पांचवें बजट पर विपक्ष की प्रतिक्रिया बड़ी फीकी रही. कभी एनडीए के साथी रहे जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी का (JDU General Secretary KC Tyagi) कहना है कि ये शहरी भारत का बजट है, ग्रामीण भारत का बजट नहीं है.
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“किसानों के लिए, गरीबों के लिए ऐसा कोई रोड मैप तैयार नहीं किया गया जो आत्मनिर्भर भारत का रास्ता प्रशस्त करे. मिडिल क्लास के लिए जो राहत दी गई है, वो स्वागत योग्य है. लेकिन 60 लाख रुपये से कम आमदनी वाले भारत के लिए इस बजट में क्या है?. 85 करोड़ लोगों को भारत सरकार 5 किलो राशन मुहैया करवा रही है जो गरीबी की रेखा के नीचे हैं, उनके लिए कोई राहत नहीं है.'' - के सी त्यागी, जेडीयू के महासचिव
KC त्यागी ने बजट को बताया फीका : के सी त्यागी ने आम बजट पर निशाना साधते हुए कहा कि ये बजट किसानों पर फोकस नहीं हैं. किसानों के लिए खेती की जो बढ़ती हुई लागत है, उस पर कोई कटौती नहीं की गई और जो मिनिमम सपोर्ट प्राइस है, उसकी गारंटी देने का कोई प्रवधान इस बजट में नहीं है. कृषि में इस्तेमाल करने वाली चीजों पर जो जीएसटी लगी है, हम उसमें कटौती की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन वो नहीं हुई. इसलिए ये चुनाव का बजट है.
'केंद्रीय बजट शहरी लोगों का है बजट' : इस सवाल के जवाब में कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो जोर दिया जा रहा है उससे लांग-टर्म फायदा होता है, त्यागी सहमत तो दिखे. लेकिन असहमति के साथ. इस सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि इंफ्रा-स्ट्रक्चर पर नितिन गडकरी की ओर से जो कार्यक्रम हुए हैं, उनकी हम प्रशंसा करते हैं. लेकिन जब तक एक बड़ी आबादी की क्रय शक्ति नहीं बढ़ेगी तो वो बाजार में खरीदेगा क्या?, उसके खरीदने का इंतजाम कीजिए. जब तक आप कंज्यूमर को पावरफुल नहीं बनाएंगे, बाजार का सामान ज्यों का त्यों रखा रहेगा.
बजट से मिडिल क्लास को मिली राहत : गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है. बजट में नई घोषणा के अनुसार सात लाख रुपये तक आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. बजट में टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है. 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले इसकी सीमा 5 लाख रुपए तक की ही थी. 0 से 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं है. 3 से 6 लाख की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स है. 6 से 9 लाख रुपए तक 10 फीसदी टैक्स है. 9 से 12 लाख पर 15 फीसदी टैक्स लगाया गया है.