पटना : एनआरसी को लेकर जदयू लगातार अपना विरोध जताती रही है. लेकिन अब असम में इसकी सूची जारी हो गई है. एक के बाद एक मुद्दों पर केंद्र सरकार के फैसले से जदयू की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. पहले तीन तलाक और फिर उसके बाद 370 जैसे मुद्दों पर जदयू का पहले से विरोध रहा है. वहीं अब एनआरसी की सूची पर जदयू ने नाराजगी जताई है.
'देश के लाखों लोग विदेशी हो गए हैं'
इस मामले पर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है कि अपने देश के लाखों लोग बड़ी संख्या में विदेशी हो गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने एनआरसी सूची पर सवाल भी खड़ा किया. वहीं पार्टी के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने भी कहा कि यह सूची असम सरकार के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण है. क्योंकि इसमें कई महत्वपूर्ण लोगों के नाम ही छूट गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में भी घुसपैठिए हैं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. केंद्र सरकार में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत इन मुद्दों को बाहर रखा गया था. लेकिन केंद्र में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार बनने के बाद से इन सब पर कार्रवाई हो रही है.
बिहार में घुसपैठिये वाले बयान पर JDU चुप
बीजेपी की ओर से लंबे समय से कई राज्यों में घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग होती रही है और गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह ने कहा था कि एक-एक कर सभी घुसपैठियों की पहचान होगी. बिहार में भी बीजेपी नेताओं ने कई बार बयान दिया है कि यहां भी बड़ी संख्या में सीमांचल इलाकों में घुसपैठिये हैं और उसकी पहचान होनी चाहिए. लेकिन फिलहाल जदयू इस पर कुछ भी बोलने से बच रही है. लेकिन असम में जिस प्रकार से सूची जारी हुई है, उसके बाद पार्टी के लिए जवाब देते नहीं बन रहा है. अभी तक पीके को छोड़ कर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से किसी तरह का बयान जारी नहीं हुआ है. ऐसे में देखना है कि आगे पार्टी का स्टैंड एनआरसी के मुद्दे पर क्या होता है.