पटना: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसके लिए जदयू पिछले एक दशक से आंदोलन कर रहा है. यूपीए सरकार में तो उपेक्षा हुई लेकिन बिहार और केंद्र में एनडीए की सरकार होने के बावजूद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. अब एक बार फिर से एनडीए की सरकार दोनों जगह है. इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू शामिल नहीं हुई है. ऐसे में पार्टी की ओर से केंद्र पर विशेष राज्य के दर्जे को लेकर दबाव बनाने की रणनीति बदलेगी.
बिहार सरकार ने की कई पहल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से विशेष राज्य के दर्जे को लेकर जदयू ने लगातार आंदोलन किया है. बिहार के दोनों सदनों से सर्व सम्मत प्रस्ताव भी पास कराकर केंद्र को भेजा गया. यही नहीं 1 करोड़ से अधिक हस्ताक्षर भी केंद्र को भेजा गया है. जदयू की ओर से दिल्ली में विशाल जनसभा भी विशेष राज्य के मुद्दे पर की जा चुकी है. यह सब आज नहीं बरसों पहले हो चुका है. दुर्भाग्य से बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला.
जेडीयू बनाएगी केंद्र सरकार पर दबाव
यूपीए शासनकाल के बाद अब एनडीए शासन में भी बिहार इससे अब तक वंचित है. एक बार फिर से केंद्र और राज्य में एनडीए का ही शासन है. लेकिन इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू शामिल नहीं है. जबकि बिहार में एनडीए की सरकार में जदयू के साथ बीजेपी शामिल है. इसका लाभ जदयू अब लेने की तैयारी कर रहा है. जदयू प्रवक्ता डॉक्टर सुनील सिंह के अनुसार केंद्र को बिहार जैसे राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसके लिए जो भी संशोधन करना है वह करे नहीं तो जदयू आंदोलन के लिए तैयार है.
विधानसभा चुनाव में गूंजेगा मुद्दा
अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव है और जदयू इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में लग गई है. जदयू के शीर्ष नेता विशेष राज्य के मुद्दे पर बिहार के लोगों को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए रणनीति बनाने में लग गए हैं. पार्टी सूत्रों की माने यदि केंद्र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देता है तो इस मुद्दे को हर मोर्चे पर जदयू उठाने के लिए हरसंभव पहल करेगी. पार्टी सूत्रों की माने तो केंद्र पर जदयू की ओर से हर तरह के दबाव बनाने की कोशिश आने वाले चंद महीनों में शुरू हो जाएगी.