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JDU का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने का सपना दो दशक के बाद भी अधूरा, नागालैंड पर टिकी नजर

बिहार में क्षेत्रीय दल द्वारा राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जोर आजमाइश की जा रही है. राजद को एक बार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है, लेकिन जदयू अभी राष्ट्रीय पार्टी बनने की राह पर अग्रसर है. अभी तक उसे क्षेत्रीय पार्टी का ही दर्जा प्राप्त है. राष्टीय पार्टी बनने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जो मानक रखे गये हैं, उससे जदयू काफी पीछे है. अभी पार्टी की नजर नागालैंड पर टिकी है. पढ़ें पूरी खबर..

राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर अग्रसर जदयू
राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर अग्रसर जदयू
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Published : Jul 1, 2022, 11:15 PM IST

पटना: बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू पिछले दो दशक से राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जोर आजमाइश (JDU Aims to Become National Party) कर रही है. जदयू को अभी 3 राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. बिहार के अलावा अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी पार्टी को यह दर्जा मिला है, लेकिन अरुणाचल में पिछले साल बड़ी टूटी हुई और उसके 7 में से 6 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि, अभी भी पार्टी को वहां राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है और अब पार्टी की नजर अगले साल नागालैंड में होने वाले चुनाव पर टिकी है.

ये भी पढ़ें-राष्ट्रीय दल बनने से महज एक कदम दूर JDU.. 3 राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा हासिल.. चौथे पर नजर

नागालैंड पर जदयू की नजर: नागालैंड में जदयू का पहले भी एक विधायक रहा है लेकिन वह एनडीपीपी में शामिल हो गया. इस मामले को लेकर पार्टी नेताओं का साफ कहना है कि नागालैंड में पार्टी का जनाधार है और अगले साल चुनाव में पार्टी वहां अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगी. उसी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में एक टीम इन दिनों नागालैंड का दौरा भी कर रहा है. इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी अखलाक अहमद को पार्टी ने विधान परिषद का सदस्य बनाकर एक मैसेज देने की भी कोशिश की है.

राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर अग्रसर जदयू: नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू बिहार में 2005 से लगातार सत्ता में है, लेकिन पार्टी को अभी तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिला है. दो दशक में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिलने से पार्टी के शीर्ष नेताओं को इसकी बड़ी कसक है. जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार अपनी पीड़ा भी बताते रहे हैं. नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की जिम्मेवारी अब सौंपी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह लगातार अपने इस अभियान में लगे हुए हैं. पिछले साल मणिपुर में पार्टी को बड़ी सफलता भी मिली, वहां जदयू के छह विधायक जीत कर आए और वहां जदयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिल गया. इसके साथ बिहार के अलावा अरुणाचल में पहले से ही जदयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. अब केवल एक राज्य में पार्टी को राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना है.

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राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए तय की गई है आहर्ताएं: चुनाव आयोग ने किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए कुछ मापदंड तय किए हैं. 2019 तक भारत में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या 7 है. जबकि, राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 और क्षेत्रीय दलों की संख्या 329 है. चुनाव आयोग के अनुसार अभी कांग्रेस, बीजेपी, बसपा, भाकपा, माकपा, राकपा और तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. बिहार से किसी भी क्षेत्रीय दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त नहीं है.

भारत निर्वाचन आयोग ने तीन अहर्ता रखी है और तीनों में से यदि कोई भी पार्टी एक भी अहर्ता को पूरा करती है, तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा आयोग द्वारा दिया जाता है-

1. राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसदी सीटें जीतना.

2. 4 लोकसभा सीटों के अलावे 4 राज्यों के किसी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसदी वोट प्राप्त करना.

3. 4 या अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना.

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तीन राज्य में जदयू राज्य स्तरीय पार्टी: फिलहाल जदयू इन तीनों अहर्ता में से किसी भी अहर्ता को कंप्लीट नहीं कर रहा है. जदयू को अभी केवल 3 राज्यों में ही राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. बिहार के अलावा अरुणाचल और मणिपुर में जदयू को राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. ऐसे में पार्टी को कम से कम एक और राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना होगा और पार्टी उसी अभियान में लगी है.

राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए चुनाव आयोग की शर्त: विशेषज्ञों के अनुसार राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग ने जो शर्ते रखी है वह इस प्रकार से है. यदि कोई पार्टी राज्य विधानसभा की कुल सीटों में से कम से कम 3% सीट या कम से कम 3 सीटें जो भी ज्यादा है प्राप्त करती हैं या कोई पार्टी लोकसभा या राज्य विधानसभा के चुनाव में कुल वैध मतों में से कम से कम 6% मत प्राप्त करती है और साथ ही कम से कम 1 लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीट जीतती है.

जदयू को एक राज्य में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना है और उसके बाद चुनाव आयोग राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे देगा और पार्टी उसी अभियान में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को उतारी है. ललन सिंह नॉर्थ ईस्ट पर फोकस कर रहे हैं. कभी जेपी भी नागालैंड की समस्या को लेकर वहां काम किए थे और पार्टी उसे ही आधार बना रही है. अगले साल नागालैंड में चुनाव है और नागालैंड के लिए पार्टी ने अपनी रणनीति तैयार की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि हर पार्टी चाहती है उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले. वे लोग भी लगातार प्रयास कर रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष इसमें लगे हैं और उम्मीद है सफलता मिलेगी.

आरजेडी को एक बार मिल चुका है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा: बिहार में आरजेडी को एक बार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है लेकिन फिलहाल किसी क्षेत्रीय दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं है. जदयू के प्रयास पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी तंज कसते हुए कहते हैं कि जदयू को तो कभी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिला है और बिहार में जदयू तीसरी नंबर की पार्टी है. वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है चुनाव आयोग ने जो मापदंड तय किया है, जदयू उसी पर काम कर रही है.

छोटे राज्यों पर जदयू की नजर: वरिष्ठ प्रत्कार रवि उपाध्याय बताते हैं कि अभी बिहार, अरुणाचल और मणिपुर में उसे राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. नागालैंड में भी राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की कोशिश कर रही है, जहां अगले साल चुनाव है. उन्होंने कहा कि ललन सिंह भी लगातार वहां का दौरा कर रहे हैं. नागालैंड में पार्टी सफल होती है तो राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. जदयू की नजर छोटे राज्यों पर है, अभी हाल ही में झारखंड में खीरू महतो जो प्रदेश अध्यक्ष हैं. जदयू के उन्हें राज्यसभा में भेजा है.

जदयू ने नॉर्थ-ईस्ट के लिए नॉर्थ ईस्ट एक्सक्यूटिव काउंसिल (NEEC) का गठन किया है. जिसमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर शामिल है. 13 सदस्य काउंसिल की टीम बनाई गई है. सेवन सिस्टर वाले राज्यों में अरुणाचल और मणिपुर के बाद नागालैंड में जदयू का पहले से ही मजबूत संगठन है और उसे धारदार बनाने की कोशिश हो रही है.

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देश सात दलों को मिला है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा: देश में फिलहाल 7 पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. हालांकि, बिहार की किसी भी प्रमुख राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा अभी प्राप्त नहीं हुआ है न तो जदयू को और ना ही आरजेडी को. इसके अलावा राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 है. वहीं, क्षेत्रीय पार्टियों की संख्या 329, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग से कई तरह की सुविधा मिलती है. एक तो चुनाव चिन्ह मिल जाता है. जो पूरे देश में मान्य होता है. दूसरा निर्वाचन सूची भी मिलती है और रेडियो टीवी पर प्रसारण करने की भी सुविधा मिलती है.

ये भी पढ़ें-छोटे राज्यों पर JDU ने रणनीति के तहत शुरू किया काम, गोवा में RJD की पूरी यूनिट शामिल कराने में मिली सफलता

पटना: बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू पिछले दो दशक से राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जोर आजमाइश (JDU Aims to Become National Party) कर रही है. जदयू को अभी 3 राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. बिहार के अलावा अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी पार्टी को यह दर्जा मिला है, लेकिन अरुणाचल में पिछले साल बड़ी टूटी हुई और उसके 7 में से 6 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि, अभी भी पार्टी को वहां राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है और अब पार्टी की नजर अगले साल नागालैंड में होने वाले चुनाव पर टिकी है.

ये भी पढ़ें-राष्ट्रीय दल बनने से महज एक कदम दूर JDU.. 3 राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा हासिल.. चौथे पर नजर

नागालैंड पर जदयू की नजर: नागालैंड में जदयू का पहले भी एक विधायक रहा है लेकिन वह एनडीपीपी में शामिल हो गया. इस मामले को लेकर पार्टी नेताओं का साफ कहना है कि नागालैंड में पार्टी का जनाधार है और अगले साल चुनाव में पार्टी वहां अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगी. उसी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में एक टीम इन दिनों नागालैंड का दौरा भी कर रहा है. इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी अखलाक अहमद को पार्टी ने विधान परिषद का सदस्य बनाकर एक मैसेज देने की भी कोशिश की है.

राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर अग्रसर जदयू: नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू बिहार में 2005 से लगातार सत्ता में है, लेकिन पार्टी को अभी तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिला है. दो दशक में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिलने से पार्टी के शीर्ष नेताओं को इसकी बड़ी कसक है. जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार अपनी पीड़ा भी बताते रहे हैं. नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की जिम्मेवारी अब सौंपी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह लगातार अपने इस अभियान में लगे हुए हैं. पिछले साल मणिपुर में पार्टी को बड़ी सफलता भी मिली, वहां जदयू के छह विधायक जीत कर आए और वहां जदयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिल गया. इसके साथ बिहार के अलावा अरुणाचल में पहले से ही जदयू को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. अब केवल एक राज्य में पार्टी को राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना है.

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राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए तय की गई है आहर्ताएं: चुनाव आयोग ने किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए कुछ मापदंड तय किए हैं. 2019 तक भारत में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या 7 है. जबकि, राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 और क्षेत्रीय दलों की संख्या 329 है. चुनाव आयोग के अनुसार अभी कांग्रेस, बीजेपी, बसपा, भाकपा, माकपा, राकपा और तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. बिहार से किसी भी क्षेत्रीय दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त नहीं है.

भारत निर्वाचन आयोग ने तीन अहर्ता रखी है और तीनों में से यदि कोई भी पार्टी एक भी अहर्ता को पूरा करती है, तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा आयोग द्वारा दिया जाता है-

1. राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसदी सीटें जीतना.

2. 4 लोकसभा सीटों के अलावे 4 राज्यों के किसी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसदी वोट प्राप्त करना.

3. 4 या अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना.

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तीन राज्य में जदयू राज्य स्तरीय पार्टी: फिलहाल जदयू इन तीनों अहर्ता में से किसी भी अहर्ता को कंप्लीट नहीं कर रहा है. जदयू को अभी केवल 3 राज्यों में ही राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. बिहार के अलावा अरुणाचल और मणिपुर में जदयू को राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. ऐसे में पार्टी को कम से कम एक और राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना होगा और पार्टी उसी अभियान में लगी है.

राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए चुनाव आयोग की शर्त: विशेषज्ञों के अनुसार राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग ने जो शर्ते रखी है वह इस प्रकार से है. यदि कोई पार्टी राज्य विधानसभा की कुल सीटों में से कम से कम 3% सीट या कम से कम 3 सीटें जो भी ज्यादा है प्राप्त करती हैं या कोई पार्टी लोकसभा या राज्य विधानसभा के चुनाव में कुल वैध मतों में से कम से कम 6% मत प्राप्त करती है और साथ ही कम से कम 1 लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीट जीतती है.

जदयू को एक राज्य में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना है और उसके बाद चुनाव आयोग राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे देगा और पार्टी उसी अभियान में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को उतारी है. ललन सिंह नॉर्थ ईस्ट पर फोकस कर रहे हैं. कभी जेपी भी नागालैंड की समस्या को लेकर वहां काम किए थे और पार्टी उसे ही आधार बना रही है. अगले साल नागालैंड में चुनाव है और नागालैंड के लिए पार्टी ने अपनी रणनीति तैयार की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि हर पार्टी चाहती है उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले. वे लोग भी लगातार प्रयास कर रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष इसमें लगे हैं और उम्मीद है सफलता मिलेगी.

आरजेडी को एक बार मिल चुका है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा: बिहार में आरजेडी को एक बार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है लेकिन फिलहाल किसी क्षेत्रीय दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं है. जदयू के प्रयास पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी तंज कसते हुए कहते हैं कि जदयू को तो कभी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिला है और बिहार में जदयू तीसरी नंबर की पार्टी है. वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है चुनाव आयोग ने जो मापदंड तय किया है, जदयू उसी पर काम कर रही है.

छोटे राज्यों पर जदयू की नजर: वरिष्ठ प्रत्कार रवि उपाध्याय बताते हैं कि अभी बिहार, अरुणाचल और मणिपुर में उसे राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. नागालैंड में भी राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की कोशिश कर रही है, जहां अगले साल चुनाव है. उन्होंने कहा कि ललन सिंह भी लगातार वहां का दौरा कर रहे हैं. नागालैंड में पार्टी सफल होती है तो राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. जदयू की नजर छोटे राज्यों पर है, अभी हाल ही में झारखंड में खीरू महतो जो प्रदेश अध्यक्ष हैं. जदयू के उन्हें राज्यसभा में भेजा है.

जदयू ने नॉर्थ-ईस्ट के लिए नॉर्थ ईस्ट एक्सक्यूटिव काउंसिल (NEEC) का गठन किया है. जिसमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर शामिल है. 13 सदस्य काउंसिल की टीम बनाई गई है. सेवन सिस्टर वाले राज्यों में अरुणाचल और मणिपुर के बाद नागालैंड में जदयू का पहले से ही मजबूत संगठन है और उसे धारदार बनाने की कोशिश हो रही है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

देश सात दलों को मिला है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा: देश में फिलहाल 7 पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. हालांकि, बिहार की किसी भी प्रमुख राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा अभी प्राप्त नहीं हुआ है न तो जदयू को और ना ही आरजेडी को. इसके अलावा राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 है. वहीं, क्षेत्रीय पार्टियों की संख्या 329, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग से कई तरह की सुविधा मिलती है. एक तो चुनाव चिन्ह मिल जाता है. जो पूरे देश में मान्य होता है. दूसरा निर्वाचन सूची भी मिलती है और रेडियो टीवी पर प्रसारण करने की भी सुविधा मिलती है.

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